राकेशः होली रंगों का त्योहार है। रंग-बिरंगे रंगों में सुसज्जित यह त्योहार पूरे भारत में हर हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। होली जलाई जाती है और अगले दिन रगों से होली खेली जाती है। लोग एक दूसरे पर रंग डालते हैं, और सारी नाराजगियां, शिकवे शिकायतों को भूल कर एक दूसरे से गले मिलते हैं और नाचते गाते हैं।
ललिताः मैंने "सिलसिला" फिल्म में होली का दृश्य देखा था। उसमें अमिताभ बच्चन भांग पीकर मस्त होकर झूमते हुए गाते हैं।
राकेशः होली त्योहार है ही मस्ती का त्योहार, इसलिए फिल्मों में भी होली के गाने बहुत जमते हैं और पिछले साठ साल से अनेक फिल्मों में होली के गाने शामिल होते आए हैं। तो हम आज होली के इस शुभ अवसर पर अपने श्रोताओं को भी शुभकामनाएं दें।
ललिताः क्यों नहीं। प्रिय श्रोताओ आप सब को होली की ढेरों शुभकामनाएं। आप रंगों से खूब खेलें, मिठाई खाएं और मस्ती करें।
राकेशः जी हां, और रंग लगाते समय अपनी और दूसरों की आंखों का जरूर ध्यान रखें।
ललिताः मुझे लगता है आज हम अपने श्रोताओं को होली के ही गीत सुनाएंगे।
राकेशः बिलकुल। श्रोता भी खेलने नाचने और मौज मस्ती के मूड में होंगे, तो क्यों न हम होली के गीतों के साथ उन के मजे को दुगुना करें।
ललिताः बहुत अच्छी बात है। और श्रोताओं के पत्रों को भी साथ-साथ पढ़ें।
राकेशः हां, हां। जरूर। तुम पत्र पढ़ना शुरू करो।
ललिताः मेरे पास यह पत्र है जिसे लिखा है श्री राहुल कुमार बासल ने, लाल बारा रोड़ वारास्योनी, जिला बालाघाट, मध्य प्रदेश से। ये लिखते हैं कि आप की पसंद कार्यक्रम में फिल्मी गीतों के साथ-साथ श्रोताओं के पत्र भी शामिल करके आपने नई पहल की। मेरे पूरे परिवार को यह कार्यक्रम अत्यधिक पसंद है। आप इसमें नए एवं पुराने गीतों का समावेश बहुत अच्छे तरीके से कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में आप हमें फिल्म "संगम" का कोई भी गीत सुनवाने का कष्ट करें।
राकेशः राहुल कुमार बासुल जी, आप को और आप के परिवार के अन्य सदस्यों को आप की पसंद कार्यक्रम अच्छा लगता है, यह जानकर हमें बहुत खुशी हुई। और आप की फरमाइश हमने नोट कर ली है। आज नहीं लेकिन अगले किसी कार्यक्रम में हम अवश्य आप को आप की पसंद का गीत सुनाएंगे।
ललिताः आज होली का त्योहार है। इसलिए आज आप भी अन्य श्रोताओं के साथ होली के गीत सुनिए।
राकेशः यह गीत था फिल्म "मदर इंडिया" से और इसे गाया था शमशाद बेगम ने।
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