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(GMT+08:00) 2007-05-08 08:57:24    
का ता मेलिन और अन्य गीत

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दोस्तो , आज के चीनी गीत संगीत कार्यक्रम में हम आप को मंगोल जाति के गायक आर पू चीए और उन के कुछ गीतों का परिचय देंगे ।

आर पू चीए चीन में एक प्रसिद्ध गायक हैं। वह पश्चिमी शैली में मंगोल जाति के गीत गाते हैं। 60 वर्षीय आर पू चीए का उत्तरी चीन के भीतरी मंगोलिया में एक चरवाहा परिवार में जन्म हुआ। गायक बनने के लिए जिस अच्छी आवाज का होना जरूरी है,वह उस के पास है। और गीत गाने में उसे बचपन से ही रूचि रही है। 17 साल की उम्र में आर पू चीए को भीतरी मंगोलिया की सैनिक टुकड़ी की कला मंडली में भाग लेने का अवसर मिला। कुछ सालों के बाद उसने शांगहाई के प्रसिद्ध संगीत महाविद्यालय में संगीत में शिक्षा हासिल करने के लिए प्रवेश लिया। बाद में वह पेइचिंग में चीनी पुलिस बल के मुख्यालय के राजनीतिक विभाग की कला मंडली में एक गायक बन गया और मंडली के गायन दल का प्रमुख भी नियुक्त हो गया।

गीत 1 घास मैदानों में चरवाहों के गीत

दोस्तो, अब सुनिए आर पू चीए द्वारा गाया गया एक गीत, जिस का शीर्षक है-- घास मैदानों में चरवाहों के गीत। आर पू चीए की भारी आवाज स्थानीयता के रंगों को लिए हुए श्रोताओं को ऐसा आभास करवाती है जैसे वे स्वयं मंगोलिया के सुंदर विशाल घास मैदानों में घूम रहे हों। घास मैदानों की हरियाली समुद्री लहरों की तरह चारौं ओर फैली हुई दिखाई पड़ती है, दूध की चाय की विशेष महक सारे वातावरण में व्याप्त हो रही है और चरवाहों के गीत कानों में मिसरी घोलते प्रतीत होते हैं। घास मैदान की अनोखी सुन्दरता आंखों के सामने सजीव हो उठती है।

बहुत सालों के अपने अनुभव से आर पू चीए ने पश्चिमी शैली में भीतरी मंगोलिया के लोक संगीत को मिला कर अपनी एक विशेष शैली विकसित की है। उस की आवाज घास के विस्तृत फैले हुए मैदान की तरह व्यापक व गहरी है , जिस में दूर दूर तक पहुंच कर गूंजने की शक्ति है। उस के गीतों में सैनिकों का गांभीर्य और वीरता मिश्रित है। "का ता मे लिन","घोड़े की सुंदर जीन" और घास मैदान में सूर्य का उदय आदि प्रसिद्घ गीत लोगों में बहुत लोकप्रिय हैं। आइए अब सुनें—घोड़े की सुंदर जीन शीर्षक गीत। गीत का विषय है मंगोल जाति के उन लोगों द्वारा अपने बचपन की याद करना जो मंगोलिया से बाहर चले गए हैं।

गीत 2 घोड़े की सुंदर जीन

गीत के बोल हैं-- जब मैं बहुत छोटा था ,मेरे घर के पास जादू का एक पालना था, जो घोड़े की सुंदर जीन थी। इस के साथ मेरी सुनहरी बाल्यवस्था बीती । मेरे पिता मुझे घोड़े की पीठ पर जीन पर बिठा देते और मां नाम ले कर मुझे स्नेह से पुकारतीं। घोड़े की पीठ पर बैठे मेरा दिल घास मैदान की तरह व्यापक और चरवाहों के मन की तरह दृढ़ बन गया है। बचपन से व्यस्क होने तक घोड़े की जीन मेरा पालना रहा है।

आर पू चीए के गीतों में सौंदर्य की भावना महसूस की जा सकती है। आर पू चीए ने गायक के रूप में बड़ी शौहरत और नाम हासिल किया है। आर पू चीए ने पेइचिंग, भीतरी मंगोलिया और मंगोलिया में एक गायक के रूप में बड़े सफल कार्यक्रम पेश किए हैं और श्रोताओं की वाहवाह लूटी है। आर पू चीए ने दो एल्बम जारी की हैं-- "घर की याद"और"घास मैदान का गुणगान "। आर पू चीए चीन के उन प्रसिद्ध एंव लोकप्रिय गायकों में से एक हैं जिन का उल्लेख विभिन्न संगीत कोश वाली पुस्तकों में भी हुआ है, जिन में 《देशी विदेशी गायक गायिका विश्वकोश》,《आधुनिक चीन के प्रसिद्ध कलाकार》आदि शामिल हैं ।

गीत 3 का ता मेलिन

दोस्तो, अब सुनिए आर पू चीए का भीतरी मंगोल भाषा में एक जातीय गीत, जिसका शीर्षक है-- का ता मेलिन। का ता मेलिन मंगोल जाति का एक बहादुर योद्धा था। इस गीत में का ता मेलिन नेतृत्व में घास मैदान और मंगोल जन साधारण की रक्षा के लिए सामंती मंगोल राजाओं व युद्ध सरदारों के खिलाफ संघर्ष करने की कहानी वर्णित है ।

गीत गाने के अलावा आर पू चीए सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रियता से भाग लेते हैं। वह चीनी जातीय संगीत परिषद के सदस्य है और चीनी संगीत दल परिषद के सदस्य भी हैं। और साथ ही घास मैदान का प्यार नामक एक संगीत दल के कंडक्टर भी है। कंडक्टर का काम करते हुए इस संगीत दल ने कई देशी-विदेशी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है और अनेक ईनाम भी जीते हैं।