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(GMT+08:00) 2007-05-04 16:54:06    
चीन के ज च्यांग प्रांत के हांग च्यो शहर के वृद्धों का सुख जीवन

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पूर्वी चीन के ज च्यांग प्रांत में वृद्धों की आबादी इस प्रांत की कुल जनसंख्या का लगभग 14 प्रतिशत है, जो चीन की 10 प्रतिशत की औसत वृद्ध आबादी से अधिक है। इतने अधिक वृद्ध किस तरह आराम से वृद्धावस्था बिता सकें, यह स्थानीय सरकार और नागरिकों के लिए एक बड़ी समस्या है। आज के जीवन और समाज कार्यक्रम में हम आप को चीन के ज च्यांग प्रांत के हांग च्यो शहर के वृद्धों के जीवन के बारे में बताएंगे।

76 वर्षीय ल्यवू या छींग हांग च्यो शहर के श्या मा थंग सामुदायिक क्षेत्र में रहती हैं। पांच साल पहले, उन के पति का देहांत हुआ। तब से वे अकेली हैं। हर बुधवार की दोपहर दो बजे, वे सामुदायिक केंद्र के 40 वर्गमीटर क्षेत्रफल वाले कमरे में अपने पुराने पड़ोसियों के साथ गपशप करने आती हैं।मैं घर में अकेली रहती हूं और किसी से बातचीत का नहीं कर पाती। घर में मैं केवल टी वी देखती हूं, या कुछ पढ़ती हूं। इधर हम ने इस वार्ता कक्ष की स्थापना की है और हर हफ्ते एक बार हम एक साथ यहां बैठकर बातचीत करते हैं। यहां राजनीतिक या पारिवारिक घटनाओं पर चर्चा करते हुए हमें बहुत खुशी होती है।

हांग च्याओ शहर के श्या मा थंग सामदायिक क्षेत्र में 8200 से ज्यादा लोग रहते हैं, जिन में से लगभग 1700 वृद्ध हैं, जो वहां की कुल जन संख्या के 20 प्रतिशत हैं। अधिकतर वृद्ध अपने बेटे-बेटियों से अलग रहते हैं और एक हफ्ते में एक-दो बार ही उनसे मिल पाते हैं। इसीलिए, वर्ष 2001 में, इस सामुदायिक क्षेत्र के प्रभारी ने सुझाव दिया कि यहां वृद्धों के लिए ऐसा वार्ता कक्ष स्थापित की जाए, ताकि वे अपना अकेलापन कम कर सकें।

वार्ता कक्ष की स्थापना का सामुदायिक क्षेत्र के वृद्धों ने बड़ा स्वागत किया। यहां वृद्धों की गपशप के विषय पारिवारिक से अंतरराष्ट्रीय घटनाओं तक विस्तृत रहते हैं। वे अपनी रुचि के सभी विषयों पर बात करते हैं। हांग च्यओ शहर में वृद्ध सहायता संगठन ऐसे वार्ता कक्षों की कदम ब कदम स्थापना में मदद दी है। सुश्री छ्येई रे अवकाशप्राप्त डॉक्टर हैं। वे भी वार्ता कक्ष की स्थायी सदस्य हैं। वे बहुत गर्मजोश हैं और अक्सर अपने पड़ोसियों को मुफ्त में स्वास्थ्य पर सलाह देती हैं। वे भी अपने बच्चों के साथ नहीं रहतीं। उन्हें लगता है कि बच्चों के अपने काम हैं और वे भी बहुत व्यस्त हैं। इसलिए बच्चों पर निर्भर रहना यथार्थ नहीं है। उन्होंने वृद्ध सहायता दल की स्थापना का सुझाव रखा। इससे, वृद्ध खुद एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं। उन के विचारों को अन्य वृद्धों की सहमति प्राप्त हुई।

वृद्धों के विचारों को सामुदायिक क्षेत्र का भी समर्थन मिला। वर्ष 2001 के मई माह में, 38 अवकाशप्राप्त वृद्धों ने ऐसा सहायता दल स्थापित किया। दल के सदस्य एक-दूसरे की मुफ्त मदद करते हैं। उनकी अन्य वृद्धों को मदद का खर्च सामुदायिक क्षेत्र उठाता है।

आज, इस दल में 100 सदस्य हैं, जिन की उम्र 60 से 70 के बीच है। अच्छी तरह काम करने के लिए सामुदायिक क्षेत्र ने इस सहायता दल को दस छोटे दलों में विभाजित किया। ये दल निकट रहने वाले वृद्दों की सेवा करते हैं। डॉक्टर छ्येई रे हर महीने की 13 और 14 तारीख को अपने सेवा क्षेत्र में रहने वाले वृद्धों का रक्तचाप जांचती हैं और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी परामर्श देती हैं। ऐसे एक दिन, सुश्री छ्येई रे वांग जी ज नामक एक वृद्ध के घर पहुंचीं।

76 वर्षीय वांग जी ज की कोई संतान नहीं है। कई वर्ष पहले उन की पत्नी का देहांत भी हो गया है। वे खुद स्वस्थ नहीं हैं पर वृद्धों के सहायता दल की सेवा पाने वालों में से एक हैं। सहायता दल की चर्चा करते हुए वांग जी ज उसका बहुत आभार मानते हैं। उन के अनुसार,सहायता दल हमें अकसर सहायता देता है। एक बार मेरे घर का एक विद्युत उपकरण खराब हो गया, तो श्री जू ने इस की मरम्मत कर मेरी मदद की। इधर के वर्षों में हांग च्यो शहर में भारी परिवर्तन आये हैं। शहर ने निर्माण से नयी छवि पायी है। सहायता दल गाड़ियां भेजकर हमें पश्चिमी झील की की सैर भी कराता है।

श्री वांग जी ज ने कहा कि सहायता दल वृद्धों का विशेष ख्याल रखता है। वर्ष 2003 की गर्मियों में, हांग च्यो ने पिछले 50 वर्षों के सब से उच्च तापमान का सामना किया। शारीरिक रूप से कमजोर वृद्धों को गर्मियां अच्छी तरह गुजारने में मदद देने के लिए सामुदायिक क्षेत्र ने विशेष रूप से उन्हें मूंग का आहार दिया, जिसने उन्हें गर्मी से राहत दी। वृद्ध सहायता दल ने सामुदायिक क्षेत्र के वृद्धों की अनेक वास्तविक समस्याओं का हल किया। इस से पड़ोसियों के बीच और मेल बना। सुश्री छ्येई रे ने कहा कि हालांकि कुछ समय सहायता दल का कार्य थोड़ा कठिन रहा, लेकिन, उन्हें फिर भी काम की बहुत खुशी है। उन के अनुसार,

इसमें व्यस्तता तो है, लेकिन, मुझे इससे बहुत खुशी भी होती है। जब आप वृद्धों की समस्याओं को हल करते हैं, तो वे आप का बहुत आभार मानते हैं । वे खुश होंगे तो आप भी खुश होंगे।

सुश्री छ्येई रे ने बताया कि उन के प्रयासों के अच्छे परिणाम आये हैं। वर्ष 2003 में उन के पति गंभीर रोग के बाद अस्पताल में भर्ती किये गये। उन के बच्चे दूसरे शहर में रहते हैं और वे खुद बहुत कमजोर हैं। इसलिए सहायता दल ने सुश्री छ्येई रे की मदद की। सामुदायिक क्षेत्र के अनेक वृद्ध अस्पताल या घर आकर उन्हें संवेदना देते रहे।

श्री जू शिन छ्येई भी इस सहायता दल के सदस्य हैं। वे अकसर दूसरों की चीजों की मरम्मत कर उन्हें मदद देते हैं। इस सहायता दल में शामिल होने के कारण की चर्चा में उन का कहना है,मैं बूढ़ा हो चुका हूं। कुछ लोग व्यायाम करते हैं, पर मैं सामाजिक गतिविधियों में भाग लेना चाहता हूं। यह मेरे शरीर के लिए लाभदायक तो है ही। दूसरों की सेवा करने से मुझे खुशी भी मिलती है।

श्री जू ने यह भी बताया कि उन के कार्य ने अनेक युवकों पर भी प्रभाव डाला है। कुछ समय पहले, श्या मा थंग सामुदायिक क्षेत्र के कुछ युवकों ने स्वेच्छा से यह प्रस्ताव रखा कि वे वृद्धों के लिए कुछ काम करना चाहते थे। इस के अलावा, क्षेत्र के पारिवारिक सेवा विभाग ने भी मुफ्त में वृद्धों के लिए कपड़े धोने की इच्छा जताई है और वृद्धों के घरों की मुफ्त सफाई करने की बात भी की। श्री जू शिन छ्येई की बेटी जू मिन भी एक बहुत अच्छी बेटी हैं। वे जब भी अपने माता-पिता को देखने के लिए सामुदायिक क्षेत्र आती हैं, उन के पति और बच्चे स्वेच्छा से वहां के वृद्धों के साथ गपशप करते हैं। सुश्री जू मिन ने कहा,रिटायर होने के बाद मेरे पिता जी के दिल में अचानक खालीपन पैदा हुआ। उन्होंने सहायता दल में भाग लिया। हम ने देखा कि वे इससे बहुत खुश हैं तो हमें भी खुशी हुई। हम घर में उनकी हर समय देखभाल नहीं कर पाते हैं, सहायता दल हमें मदद देता है और मेरे पिता जी की कुछ मानसिक व भौतिक समस्याओं का हल भी कर सकता है। मेरी बेटी अकसर इन वृद्धों के लिए गाना गाती हैं और उन्हें कहानियां सुनाती है। मुझे लगता है कि यह उस के जैसे बच्चों के लिए भी बहुत लाभदायक है।

हाल में हांग च्यो शहर के अधिकांश सामुदायिक क्षेत्रों में इस तरह के सहायता दल हैं। पूर्वी चीन के ज च्यांग प्रांत की सरकार की योजना वर्ष दो हजार छैः तक, प्रांत के विभिन्न शहरों के 80 प्रतिशत सामुदायिक क्षेत्रों में इस तरह के सहायता दल की स्थापना करने की है।