हाल ही में मुख्यभूमि चीन और थाएवान ने आर्थिक व व्यापार मंच में कृषि सहयोग, सीधा परिवहन, पर्यटन और वित्तीय आदि मुददों पर विचार विमर्श किया । मंच में मुख्यभूमि चीन ने थाएवान बन्धुओं के लिए विषेषतौर से पंद्रह उदार नीतियां प्रस्तुत की हैं।
आर्थिक भूमंडलीकरण व क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण, वर्तमान विश्व आर्थिक विकास की बढ़ती धारा है, इस ने विश्व के विभिन्न आर्थिक समुदाय के लिए भारी सुअवसर प्रदान करने के साथ अनेक चुनौतियां भी खड़ी की हैं। चीनी कोमिंगतांग पार्टी के मानसेवी अध्यक्ष ल्येन चान ने मंच में बोलते हुए कहा कि इस परिस्थिति के आगे दोनों तटों को एक दूसरे की श्रेष्ठता से अपनी खामियां पूरक करनी चाहिए। उन्होने इन्टेग्रेट सर्किट उद्योग के सहयोग की चर्चा करते हुए कहा आई टी के डिजाइन व निर्मित आदि पहलुओं में मुख्यभूमि एक उंची मंजिल पर पहुंचने की कोशिश कर रही है। थाएवान के इस क्षेत्र की पूर्ण उत्पादन व्यवस्था बहुत ही परिपूर्ण और परिपक्व भी है। लेकिन थाएवान का बाजार का पैमाना बहुत ही छोटा है और अन्तरराष्ट्रीय ब्रांड निर्मित करने पर अब तक सफलता प्राप्त नहीं हुई है। इस लिए यदि इस क्षेत्र में बिक्री, तकनीकी क्षमता व बाजार के पैमाने आदि पहलुओं में दोनों तट एक दूसरे के साथ सहयोग कर सकें, तो इक्कसी वीं शताब्दी के पहले पचास सालों के भीतर, दुनिया में सबसे बड़ा वाणिज्य अवसर उत्पन्न हो सकता है।
पिछली शताब्दी के साठ वाले दशक के शुरू से थाएवान के आर्थिक ने पिछले चालीस सालों में तेज वृद्धि कायम रखी है, वार्षिक वृद्धि दर नौ प्रतिशत बनी रही। लेकिन वर्ष दो हजार में डेमोक्रेटिक प्रोग्रेस पार्टी के थाएवान के सत्ते में आने के बाद, थाएवान राजनीतिक में दोनों तटों की जन अभिलाषा के विपरित, थाएवान स्वतंत्रता की दिशा में चलने लगा और आर्थिक विकास में कुछ नेक काम नहीं कर पा सका है, जिस से थाएवान की आर्थिक मंदी लम्बे अर्से से फंसी रही है, वार्षिक वृद्धि दर गिर कर केवल तीन प्रतिशत रह गयी। थाएवान चीनी आर्थिक अनुसंधान प्रतिष्ठान के सलाहकार ये वान आन ने कहा पिछले छै सालों में थाएवानी जनता की आय रूकी रही है, लोगों की उपभोक्ता भावना को ठेस पहुंची है, देश की जरूरत की कमी होने की वजह से बाहर से अपनी जरूरत पर निर्भर रहना पड़ रहा है। बाहर से किस पर निर्भर रहना होगा.. मुख्यभूमि के निर्यात को बढ़ाना एक व्यवहारिक मार्ग है। क्योंकि वर्तमान आर्थिक भूमंडलीकरण संबंध, विशेषकर मुख्यभूमि के आसियान ,मुख्यभूमि का आसियान, जापान और कोरिया गणराज्य के बीच के सहयोग की स्थिति आहिस्ता आहिस्ता स्थापित होती जा रही है, यदि थाएवान इस से अलग रहेगा, तो थाएवान के आगे का रास्ता बहुत खतरे में पड़ सकता है, सो उसे मुख्यभूमि के साथ सहयोग को नजरअन्दाज नहीं करना चाहिए।
इधर के सालों में मुख्यभूमि चीन के प्रोत्साहन से दोनों तटों की व्यापार वृद्धि तेज रही। वर्ष दो हजरा पांच में थाएवान के वैदेशिक व्यापार राशि तीन खरब इकहत्तर अरब अमरीकी डालर रही थी, इनमें मुख्यभूमि चीन के बीच की व्यापार राशि इकानवे अरब अमरीकी डालर जा पहुंची, थाएवान को मुख्यभूमि के साथ के व्यापार में अट्ठावन अरब अमरीकी डालर का मुनाफा हासिल हुआ है। लेकिन थाएवान प्रशासन के जानबूझ कर मानव बाधा निर्मित करने व राजनीतिक खलल मचाने की बदौलत, दोनों तटों के बीच पूंजी निवेश व माल परिवहन केवल अप्रत्यक्ष रूप से चलता रहा है, मुख्यभूमि थाएवान में पूंजी निवेश नहीं कर सकती, यह बाधा अब तक हल नहीं हो पायी है।
फिलहाल दोनों तटों के बीच आर्थिक व्यापार सहयोग की सबसे बड़ी समस्या सीधा परिवहन है, दोनों तटों के मालों व व्यक्तियों की आवाजाही तीसरे क्षेत्र से गुजर कर की जाती है। चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के थाएवान अनुसंधान प्रतिष्ठान के रिसर्च फेलो ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा हम थाएवान के कुछ बन्दरगाह और हवाई अडडों में मुक्त व्यापार बन्दरगाह व क्षेत्र कायम कर सकते हैं, मुख्यभूमि भी इस तरह के क्षेत्र का विस्तार करेगी, मुख्यभूमि चीन के पेइचिंग, शांगहाए और क्वांगचओ आदि शहर, थाएवान के थाएपए, थाएचुंग और काओसुंग आदि शहरों के बीच नियमित सीधा परिवहन शुरू कर आपसी संपर्क को अधिक तेजी से विकसित कर सकते है।
पिछले बीस सालों के विकास के अनुभवों के आधार पर, मुख्यभूमि चीन ने अपने आर्थिक वृद्धि के तरीके भी बदले हैं। स्वंय-सृजन क्षमता को उन्नत करना, सृजनात्मक आर्थिक का विकास करना, दोनों तटों के सहयोग के लिए एक और सुअवसर लेकर आया है। राष्ट्रीय जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष च्या छिंग लिंग ने दोनों तटों के आर्थिक मंच के उदघाटन समारोह में तकनीकी स्तर व प्रतिस्पर्धा शक्ति को प्रबल कर दोनों तटों के स्वस्थ्य विकास पर बल दिया। उन्होने कहा भविष्य में दोनों तटों को कुछ प्राथमिक उद्योगों के आदान प्रदान व सहयोग को प्रगाढ़ करना चाहिए, दोनों तटों को वैज्ञानिक तकनीक संसाधन की व्यवस्था व मंच का निर्माण कर, एक साथ मिलकर दोनों तटों के उद्योगों की तकनीक सृजन क्षमता को उन्नत करने का प्रयास करना चाहिए। हमें एक दूसरे की श्रेष्ठता से अपनी अपनी कमियों को पूरक कर, आपसी लाभ व हित के सिद्धांत से प्रस्थान होकर, दोनों तटों के बीच इलैक्ट्रोनिक सूचना, ओपटिकल, जीव और कृषि आदि उद्योगों में सहयोग बरकरार रखने के साथ, दोनों तटों के उच्च व नवीन तकनीक उद्योगों व उनके संसाधनों के बंटवारे पर समन्वय बिठाने पर भी जोर देना चाहिए , इस के आधार पर समान तकनीकी मानीकृत की स्थापना कर, चीन के अपने अन्तरराष्ट्रीय ब्रांड का सृजन करने की अथक कोशिश करनी चाहिए।
अलबत्ता दोनों तटों के इस बार के आर्थिक व्यापार मंच के आयोजन से थाएवानी जनता को अवश्य भारी वाणिज्य सुअवसर हासिल होगा और हमे विश्वास है कि यह मंच दोनों तटों के आर्थिक व्यापार के आदान प्रदान व सहयोग को और अधिक आगे बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
|