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(GMT+08:00) 2007-04-23 13:12:56    
चीन का राष्ट्रगान,चीनी भाषा की जानकारी

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आज के इस कार्यक्रम में बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के चुन्नी लाल कैवर्त और मुजफ़्फरपुर बिहार के गुलाम नवी,जसीम अहमद,रजिया सुलताना,कोआथ बिहार के सुनील केशरी, डी डी साहिबा, संजय केशरी, सीताराम केशरी, खुशबू केशरी बवीता केशरी, प्रियंका केशरी, एस के जिंदादिल और मऊ उत्तर-प्रदेश के राजेन्द्र यादव भारती, उषा देवी भारती औऱ दीपाजंली के सवालों के जवाब दिए जा रहे हैं।

बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के चुन्नी लाल कैवर्त और मुजफ़्फरपुर बिहार के गुलाम नवी, जसीम अहमद,रजिया सुलताना पूछते हैं कि चीन का राष्ट्र-गीत कौन-सा है?

दोस्तो,चीन का राष्ट्र-गीन है सेनानी का मार्चगान।

गीत का भावार्थ इस प्रकार है,

उठो,

गुलामी न चाहने वालो,

अपने खून व शरीर से नई लम्बी दीवार बनाओ।

खतरनाक वक्त चीन राष्ट्र का सामना कर रहा है ।

हर व्यक्ति पूरे जोश से प्रतिरोध करने को अंतिम गर्जन कर रहा हैं।

उठो, उठो, उठो,

एक दिल एक जान हो कर आगे बढ़ो दुश्मन की गोलीबारी की परवाह न कर,

आगे बढो,

आगे बढ़ो।

सेनानी का मार्च गान जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध काल में तैयार किया गया था। संगीतकार थे न्ये अर और रचनाकार थे थ्येन हान। पहले यह एक फीचर फिल्म का गीत था। फिल्म की दास्तान इस प्रकार है कि 20 वीं सदी के 30 वाले दशक के शुरू में शीन पाई-ह्वा नामक एक कवि था। वह देश को बचाने के लिए अपने साथियों के साथ मिल कर जापानी आक्रमणविरोधी युद्ध के अग्रिम मोर्चे पर गया और भीषण लड़ाई में सक्रिय रहा।

गीत से जाहिर है कि हर वक्त, हर जगह राष्ट्र के सम्मान की रक्षा के लिए चीनी लोग साहस के साथ संघर्ष कर रहे हैं, उन की दृढ़ हिम्मत और भावना कभी कम नहीं होगी।

27 सितंबर 1949 को, चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन के पूर्णाधिवेशन में सेनानी मार्च गान को चीन का अस्थाई राष्ट्र गीत घोषित किया गया। वर्ष 1978 के पांचवें राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के पूर्णाधिवेशन में सेनानी मार्च गान को चीन का राष्ट्र-गीत घोषित कर दिया गया।

सुनील केशरी, डी.डी साहिबा, संजय केशरी, सीताराम केशरी, खुशबू केशरी बवीता केशरी, प्रियंका केशरी, एस के जिंदादिल और मऊ उत्तर प्रदेश के राजेन्द्र यादव भारती, उषा देवी भारती, दीपाजंली ने यह भी पूछा है कि चीन में कुल कितनी भाषाएं बोली जाती हैं?कुछ श्रोताओं का सवाल है कि चीनी भाषा में माता-पिता, भाई व बहन को क्या कह कर पुकारा जाता है?

चीन में चीनी भाषा बोली जाती है, विश्व में और जगह भी चीनी भाषा का प्रयोग किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ की कार्य भाषाओं में चीनी भाषा भी शामिल है। चीनी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार से है, और चीनी भाषा में अक्षर का इतिहास 6000 वर्ष पुराना है। आज की चीनी भाषा में जिन अक्षरों का प्रयोग किया जाता है, वे 3000 वर्ष पहले पशुओं की हड़्ड़ियों व कछुओं के कवचों पर उत्कीर्ण अक्षरों से आये हैं। चीनी भाषा के अक्षर चित्रलिपि हैं, और हर अक्षर का अपना-अपना अलग उच्चारण है। चीनी भाषा के अक्षर में लिपि-विज्ञान है। चीनी भाषा में माता को मा-मा,पिता को पा-पा,भाई को श्योंग-ती और बहन को च्ये-मई कह कर पुकारा जाता है।

वास्तव में चीनी भाषा चीन में हान जाति की भाषा है। चीन में 56 जातियां हैं। हान जाति के अलावा बाकी 55 अल्पसंख्यक जातियां हैं। इन 55 अल्पसंख्यक जातियों में ह्वई और मान जाति हान जाति की भाषा का ही प्रयोग करती हैं। शेष 53 जातियों की अपनी-अपनी भाषाएं हैं। इन में से 21 जातियों की भाषाओं के अपने- अपने अक्षर भी हैं। च्वांग,ताई,तिब्बती, ली,म्याओ आदि 29 जातियों की भाषाएं चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार से हैं। वेइगुर, खजाक, मंगोल और कोरिया आदि 17 जातियों की भाषाएं अल्ताई भाषा-परिवार से हैं, जबकि वा त-आंग और पू-लांग इन तीन जातियों की भाषाएं दक्षिण एशियाई भाषा-परिवार से हैं। ताजिक और रूसी जाति की भाषाएं इंडो-यूरोपीयन भाषा परिवार से और काओ-शान जाति की भाषा दक्षिण द्वीप के भाषा-परिवार से है। अब अल्पसंख्यक जाति बहुल क्षेत्रों के स्कूलों में उन की अपनी-अपनी भाषाओं में ही पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है।