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(GMT+08:00) 2007-04-18 20:02:26    
सेल फोन के प्रयोग में विषाणु की रोकथाम

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इंटरनेट के प्रयोग से हमें सुविधा मिलने के साथ-साथ समस्याएं भी पैदा हो रही हैं । इंटरनेट के जरिये विषाणु का प्रचार होने से बहुत से कम्प्यूटर नष्ट हो गए हैं । इस के मुकाबले में तकनीशियनों ने कंप्यूटर विषाणुओं का विनाश करने वाली तकनीक व साजसामानों का अनुसंधान करने में भारी प्रगति हासिल की है । पर बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि विद्युत विषाणु न सिर्फ इंटरनेट और कम्यूटरों में रहता है , बल्कि आजकल वह हमारे सेलफोन में भी प्रविष्ट हो गया है । इधर के सालों में तीन चार सौ किस्म के सेलफोन विषाणुओं का पता लगाया गया है । और नये किस्म वाले सेल फोन विषाणु भी प्रति सप्ताह दो तीन किस्मों की गति से बढ़ते जा रहे हैं । अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि सेलफोन विषाणुओं का विश्व भर में प्रसार होने का खतरा भी मौजूद है ।

आज सेलफोन आम लोगों के रोज़मर्रा के जीवन में एक अनिवार्य चीज़ बन गया है । लेकिन स्वचलित सूचना तकनीक का लाभ मिलने के साथ-साथ नये किस्म वाले सेलफोन विषाणुओं के खतरे से ऐसी उन्नतिशील तकनीक के प्रयोग पर बादल छा गए हैं । पर सेलफोन में विषाणु लगने के बाद कैसी स्थिति जन्म लेती है और इस का पता कैसे लगाया जा सकेगा , इस बात की चर्चा करते हुए सूचना इंजीनियर श्री शी वेन यूंग का कहना है , कुछ खतरनाक विषाणुओं से हमारे सेलफोन बन्द हो जाएंगे । कभी-कभी हमारा सेलफोन बार-बार स्वतः चालू होता रहेगा । और कुछ विषाणुओं से हमारे सेलफोन के मैन्यू में निर्धारित काम सब बेकार हो जाएंगे , और कुछ समय तक ऐसा होता रहेगा कि हम सेलफोन से मैसेज़ भी नहीं भेज पाएंगे । जो सेलफोन विषाणु ग्रस्त होंगे वे स्वचलित तौर पर दूसरे सेलफोनों को मैसेज़ भेजते रह सकते हैं । और कुछ समय तक सेलफोन में ऊर्जा की खपत बहुत अधिक होती रह सकती है ।

सेलफोन विषाणु का सब से पहले वर्ष 2000 में जन्म हुआ था । तब स्पेन की एक स्वचलित सूचना कंपनी की व्यवस्था में सर्वप्रथम सेलफोन विषाणु आने की घटना हुई , जिसने ग्राहकों को लगातार गंदी बातें या ऊलजुलूल मैसेज़ भेजना शुरू किया । लेकिन वास्तव में वह सच्चे माइने में सेलफोन विषाणु नहीं माना गया । वर्ष 2004 में सेबिर नामक सच्चे माइने वाला सेलफोन विषाणु का पता लगाया गया था । यह विषाणु नोकिया सेलफोन के जरिये ब्लू टूथ तकनीक से दूसरे सेलफोनों की खोज कर सकता है और उन पर हमला करता है । सेलफोन तकनीक के प्रसार से ऐसे विषाणु का भी अनेक देशों में प्रसार किया जा चुका है ।

सेलफोन विषाणु हमारे जीवन में प्रविष्ट हो गया है , पर बहुत से ग्राहकों को सेलफोन विषाणुओं की रोकथाम की काफी जानकारियां नहीं हैं । चीनी मीडिया विश्वविद्यालय में पढ़ रहे छात्र श्री वांग रू-फेई ने कहा , मुझे सेलफोन विषाणु के प्रति चिन्ता नहीं है । हम आम तौर पर सेलफोन की बुनियादी क्षमताओं का इस्तेमाल करते हैं , जैसे हम सेलफोन से मैसेज़ भेजते हैं , फोन करते हैं या हमें फोन आता है । मेरे ख्याल में सेलफोन विषाणुओं से फोन की ऐसी क्षमताएं प्रभावित नहीं होती हैं ।

लेकिन वास्तव में यह विचार सही नहीं है । बहुत से लोगों को सेलफोन विषाणुओं के तत्व और स्वरूप की काफी जानकारियां नहीं हैं । सेलफोन विषाणु का अनुसंधान करने वाले विशेषज्ञ, वांग-छीन सोफ्ट वेयर कंपनी के बाजार विभाग के डॉइरेक्टर श्री ली ने कहा , सेलफोन विषाणु भी इंटरनेट के जरिये सेलफोन को प्रभावित कर सकता है , वह सेलफोनों में भी एक दूसरे तक प्रसारित होता रह सकता है । अब बहुत से सेलफोनों को इंटरनेट के साथ जोड़ा जा सकता है , इस तरह सेलफोन विषाणु भी इस तरीके से सेलफोन में प्रविष्ट हो रहे हैं ।

कंप्यूटर विषाणु की ही तरह सेलफोन विषाणुओं के प्रसार से भी हमारे जीवन में बहुत सी असुविधाएं आ गयी हैं । इस के प्रसार से हमें गंभीर नुकसान भी पहुंच सकता है । लेकिन सेलफोन विषाणु की रोकथाम का कोई अच्छा उपाय है कि नहीं ? इस बात की चर्चा करते हुए पेइचिंग काबास्की कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी श्री कौ-वेई ने कहा कि सेलफोन विषाणुओं का मुकाबला करने की तकनीक , इंटरनेट विषाणुओं के विरूद्ध अपनाई गयी उपयोगी तकनीकों की ही तरह है ।

हम हमेशा पी सी यानी व्यक्तिगत कंप्यूटर की विषाणु विरोधी तकनीक के आधार पर काम करते हैं । सेलफोन में विषाणु का मुकाबला करना वास्तव में इससे सरल है । इसलिए यह कहा जा सकता है कि सेलफोन विषाणु विरोधी तकनीक का विकास सेलफोन विषाणु से भी आगे की तकनीक है । और हम ने सेलफोन विषाणु की रोकथाम व विनाश करने की तकनीक का विकास किया है , इसतरह सेलफोन विषाणु विरोधी तकनीक पूरी तरह हमारे नियंत्रण में है ।

श्री कौ ने कहा कि सेलफोन विषाणु के मुकाबले में सब से प्रभावित माध्यम है कॉपी राइट प्राप्त सोफ्टवेयर का प्रयोग करना , जिसने सेलफोन विषाणु और कुर्रे मैसेज़ विरोधी सेवा प्रदान की है । श्री कौ के अनुसार सेलफोन विषाणु विरोधी सोफ्ट वेयर की क्षमता इस तरह है, सर्वप्रथम बात है कि सेलफोन के बाह्य जगतों के साथ आदान-प्रदान की जाने वाली सूचनाओं का निरीक्षण किया जाता है । हमारा सोफ्टवेयर सेलफोन में जब विषाणु का पता लगाता है , तुरंत ही इसे रोकना शुरू कर सकता है । इस के बाद हमारा सोफ्टवेयर विषाणु से ग्रस्त सेलफोन का पूर्ण रूप से निरीक्षण कर सकता है और स्वयं अपने स्तर को उन्नत कर सकता है ।

पर सेलफोन में विषाणु विरोधी सोफ्टवेयर का प्रयोग करना सर्वप्रथम बात नहीं है , इससे महत्वपूर्ण बात है विषाणु की समयपूर्व रोकथाम करना । विशेषज्ञों का सुझाव है कि सेलफोन की ब्लू टूथ तकनीक और इंफ्रारेड तकनीक से सूचना भेजने वाली क्षमता का अक्सर प्रयोग नहीं करना चाहिये । क्योंकि सेलफोन विषाणु आम तौर पर ऐसे मार्गों से हमारे सेलफोन में आसानी से प्रविष्ट होता है । अगर सेलफोन में विषाणु का पता लगाया गया है , तो भी चिन्ता नहीं करनी चाहिए । क्योंकि वर्तमान में सेलफोन विषाणु उतना खतरनाक नहीं है , वे आम तौर पर सेलफोन को नष्ट नहीं कर सकते हैं । हम सेलफोन की पुनः सेटिंग करने के जरिये सेलफोन की सफाई कर सकते हैं , पर ऐसा करने में सेलफोन में मौजूद सूचनाओं के नष्ट होने का अक्सर खतरा तो है ।