चीनी वैज्ञानिकों ने एक प्रकार के घास को जो फलसों के प्रारंभिक शोधन के बाद खेतों में बाकी रहते हैं गैस में बनाकर बिजली उत्पादित करने की नयी तकनीक का आविष्कार किया।इस तकनीक से चीन के व्यापक गांवों में उपलब्ध इस तरह के समृद्ध घास का उपयोग कर किसानों को ऊर्जा का बड़ा लाभ पहुंचाया जा सकता है। शानतुंग प्रांत के विज्ञान अकादमी ने इस तकनीक का विकास किया,जिस से पहले प्रयोग में लाई गई मिली-जुलती तकनीक से उत्पन्न हुए प्रदूषण की समस्या सुलझ गई है। आंकड़ों के अनुसार चीन में फसलों के प्ररंभिक शोधन के बाद खेतों में हर साल सत्तर करोड़ टन बेकार घास बाकी रहते हैं,जिन में से करीब चालीस करोड़ टन का ऊर्जा पैदा करने में प्रयोग हो सकता है। पिछले साल के अंत तक चीन में इस तरह के घास से विद्युत उत्पादित करने वाले 3 मिल बनकर तैयार हो गए,जिन की क्षमता अस्सी हजार किलोवाट है।
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