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(GMT+08:00) 2007-04-14 16:04:43    
आपसी विश्वास , भावी योजना , गहरे सहयोग तथा मैत्री की मजबूती की यात्रा

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चीनी प्रधान मंत्री वन चापाओ ने 10 से 13 तारीख तक कोरिया गणराज्य और जापान की औपचारिक यात्रा की । यात्रा के बाद उन के साथ यात्रा पर गए चीनी विदेश मंत्री ली छाओशिन्ग ने संवाददाताओं के साथ एक साक्षात्कार में श्री वन चापाओ की मौजूदा यात्रा के महत्व की चर्चा की और कहा कि यह एक आपसी विश्वास बढाने तथा दोस्ती गहराने की सफल यात्रा है ।

प्रधान मंत्री वन चापाओ की मौजूदा यात्रा सात साल बाद चीन के पड़ोसी देश कोरिया गणराज्य व जापान की चीनी नेता की अहम यात्रा है , जिस के दौरान उन का मेजबान देशों की सरकारों व जनता ने जोशीला और हार्दिक स्वागत सत्कार किया है । यात्रा के दौरान श्री वन चापाओ ने कुल 48 गतिविधियों में भाग लिया , कोरिया गणराज्य व जापान के नेताओं के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर गहन विचार विमर्श किया , व्यापक तौर पर दोनों देशों के राजनीतिक दलों , संसदों , वाणिज्य व उद्योग जगत तथा सांस्कृतिक क्षेत्र के जाने माने व्यक्तियों व मैत्री संगठनों के लोगों से मुलाकातें कीं और चीन कोरिया गणराज्य आदान प्रदान वर्ष और चीन जापान संस्कृति व खेल वर्ष के समारोहों में भाग लिया तथा जापानी संसद आदि अहम स्थलों में महत्वपूर्ण बयान दिए। उन्हों ने दोनों देशों के आम लोगों के बीच जा कर उन के साथ दिल खोल कर बातचीत की ।

चीनी विदेश मंत्री ली छाओशिन्ग ने कहा कि श्री वन चापाओ की यात्रा से चीन और इन दोनों देशों के बीच राजनीतिक विश्वास बढ़ गया और द्विपक्षीय संबंधों के स्वस्थ व स्थिर विकास को बढ़ावा मिला है । इस साल चीन कोरिया गणराज्य के राजनयिक संबंधों की स्थापना की 15 वीं वर्षगांठ और चीन कोरिया गणराज्य आदान प्रदान वर्ष है । यात्रा के दौरान श्री वन चापाओ ने कोरिया गणराज्य के नेताओं के साथ दोनों देशों के संपूर्ण साझेदारी सहयोग संबंध की मजबूती पर समहति प्राप्त की । जापान की यात्रा के दौरान उन्हों ने जापानी प्रधान मंत्री एबे शिन्जो के साथ चीन जापान के रणनीतिक आपसी उदारता संबंध की स्थापना के विषयों पर अहम मतैक्य हासिल किया । पिछले साल के अक्तूबर में जापानी प्रधान मंत्री एबे ने चीन में आ कर बर्फ तोड़ने वाली यात्रा की , जिस से दोनों देशों के बीच राजनीतिक गतिरोध भंग किया गया । श्री वन चापाओ की मौजूदा बर्फ पिघालने वाली जापान यात्रा ने दोनों पक्षों के नेताओं की आपसी यात्रा को असली जामा पहन दी है , जिस से चीन जापान संबंधों की नयी अच्छी शुरूआत हुई और भावी चीन जापान संबंधों के प्रति लोगों का विश्वास बढाया गया ।

श्री ली छाओशिन्ग ने कहा कि श्री वन चापाओ की यात्रा से चीन कोरिया गणराज्य तथा चीन जापान के आर्थिक व्यापारिक सहयोग का गहरा विकास हुआ है । उन्हों ने दोनों देशों के नेताओं और आर्थिक क्षेत्र के लोगों के साथ मुलाकातों में द्विपक्षीय आर्थिक व्यापारिक सहयोग के आगे विकास के बारे में नीतिगत सुझाव पेश किए और ऊर्जा किफायत , पर्यावरण संरक्षण , सूचना व दूर संचार और हाई नवीन तकनीक क्षेत्रों के सहयोग को प्रमुख बनाने पर बल दिया , जिस का दोनों देशों के राजनीतिक व वाणिज्य उद्योग जगतों ने जोशीला स्वागत किया ।

जापान की यात्रा के दौरान श्री वन चापाओ ने जापानी प्रधान मंत्री एबे के साथ मिल कर चीन जापान के उच्च स्तरीय वार्तालाप व्यवस्था का श्रीगणेष किया , इस से जाहिर है कि दोनों देशों की यह आर्थिक सहयोग व्यवस्था और ऊंची मंजिल पर पहुंची है , जो दोनों देशों के आर्थिक सहयोग के स्तर को और उन्नत करने तथा आर्थिक सहयोग के क्षेत्रों का विस्तार करने के लिए मददगार होगी ।

श्री ली छाओशिन्ग ने कहा कि श्री वन चापाओ की यात्रा से चीन कोरिया गणराज्य तथा चीन जापान आदान प्रदान का विस्तार हुआ है । यात्रा के दौरान उन्हों ने दोनों के नेताओं के साथ अलग अलग तौर पर चीन कोरिया आदान प्रदान वर्ष तथा चीन जापान संस्कृति व खेल आदान प्रदान वर्ष के चीनी पक्ष के उद्घाटन समारोहों में भाग लिया और आशा जतायी कि सांस्कृतिक आवाजाही दोनों पक्षों की जनता में मैत्री बढ़ाने की कड़ी बन जाएगी । उन्हों ने युवाओं के बीच आवाजाही को द्विपक्षीय संबंधों के विकास का भविष्य समझा । और दोनों देशों के युवा प्रतिनिधियों व छात्रों से स्नेहपूर्ण बातचीत की । उन्हों ने आम लोगों के बीच जा कर द्विपक्षीय मैत्रीपूर्ण संबंधों के विकास के बारे में रायें सुनीं और चीन के प्रति दोनों देशों की जनता की समझ व सदभाव बढ़ाया ।

श्री वन चापाओ की यात्रा से कोरिया गणराज्य व जापान के साथ सहयोग बढ़ाने तथा क्षेत्रीय शांति व स्थिरता बनाए रखने के लिए चीन का संकल्प प्रकट हुआ और शांति के साथ विकास के रास्ते पर कायम रहने और सामंजस्यपूर्ण दुनिया का निर्माण करने के लिए चीन का प्रस्ताव दोहराया गया तथा कोरियाई प्रायद्वीप की नाभिकीय समस्या पर दोनों देशों के साथ सहयोग कर छै पक्षीय वार्ता व प्रायद्वीप को नाभिकीय शस्त्रों से मुक्त करने की कोशिश में नयी प्रगति पाने का इरादा प्रकट किया गया ।