12 तारीख की सुबह, जापान की यात्रा कर रहे चीनी प्रधान मंत्री वन चा पाओ ने जापानी संसद में मैत्री व सहयोग के लिए नामक भाषण दिया। यह पिछले 22 वर्षों में प्रथम बार है कि किसी एक चीनी नेता ने जापानी संसद में भाषण दिया है।
अपने भाषण में श्री वन चा पाओ ने चीनी राष्ट्र और जापानी राष्ट्र द्वारा पिछले दो हजार वर्षों में मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान के इतिहास तथा जापानी आक्रमण युद्ध से दोनों देशों की जनता को मुसिबतों में डालने के इतिहास का सिंहावलोकन किया। उन्होंने बताया कि चीन व जापान के बीच राजनयिक संबंधों के सामान्यीकरण के पिछले 35 वर्षों में चीन व जापान के संबंधों में भारी विकास हुआ है और दोनों देशों की जनता का यथार्थ कल्याण भी हुआ है। चीन व जापान के बीच मैत्री से दोनों को लाभ मिलेगा, जबकि दोनों के बीच लड़ाई से दोनों को नुकसान पहुंचेगा।
श्री वन चा पाओ ने कहा कि नयी ऐतिहासिक स्थिति में चीन व जापान के बीच दिन ब दिन बढ़ने वाले समान कल्याण मौजूद हैं । दोनों पक्षों को महत्वपूर्ण मुद्दों का संयुक्त सामना करना है। चीन व जापान के संबंधों को एक नये ऐतिहासिक दौर तक विकसित करने , शांतिपू्र्ण सहअस्तित्व एवं पीढ़ी दर पीढ़ी मैत्री को साकार करने, आपसी लाभ वाले सहयोग और समान विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए श्री वन चा पाओ ने पांच सूत्रीय सुझाव पेश किये, जिन में दोनों को आपसी विश्वास बढ़ाना, वचनों का पालन करना, चीन-जापान संयुक्त वक्तव्य आदि तीन राजनीतिक दस्तावेजों में निर्धारित विभिन्न सिद्धांतों का कड़ाई से पालन करना, परिस्थिति के मद्देनजर मतभेदों को ताक पर रखकर समानता की खोज करने के सिद्धांत आधारित पूर्वी चीन सागर समस्या के समाधान के लिए सलाह मश्विरा प्रक्रिया को सक्रिय रुप से आगे बढ़ाना आदि शामिल हैं।
11 तारीख के तीसरे पहर, चीनी प्रधान मंत्री वन चा पाओ ने तोक्यो में जापानी प्रधान मंत्री एबे शिन्जो से वार्ता की। दोनों ने रणनीतिक आपसी उदारता वाले साझेदारी संबंधों और चीन व जापान के बीच उच्च स्तरीय आर्थिक वार्तालाप की व्यवस्था की स्थापना करना निश्चित किया। दोनों पक्षों ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की और रणनीतिक आपसी उदार संबंध की बुनियादी भावना, विषय तथा इस के लिए किये जाने वाले सिलसिलेवार सहयोगों पर सहमति प्राप्त की।
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