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(GMT+08:00) 2007-04-10 08:43:02    
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का नृत्य गान मंडल

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तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के नृत्य गान मंडल की स्थापना वर्ष 1958 में हुई थी। इस मंडल में मुख्य तौर पर तिब्बती जाति के कलाकार हैं , इस के अलावा हान जाति, ह्वेइ जाति, च्यांग जाति, नाशी जाति के कलाकार तथा तिब्बती जाति के मनबा लोग और लोबा लोग भी शामिल हैं । यह एक पेशेवर जातीय नृत्य गान कला मंडल है , जिस में कुल 180 कर्मचारी हैं । तिब्बत स्वायत्त प्रेदश के नृत्य गान मंडल में छाइतान चोमा समेत दसियों सुप्रसिद्ध कलाकार हैं।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के नृत्य गान मंडल में अनेक मशहूर तिब्बती गायक गायिकाएं, कलाकार और नृतक हैं । तिब्बती गायिका दशी मेत्वो, संगीत कलाकार मेलांग त्वोची, नतृक कसांग लामूआदि कलाकारों को तिब्बती जनता बहुत पसंद करती है । मशहूर तिब्बती गायिका छाईतान चोमा भी इस मंडल की सदस्या हैं । वे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में ही नहीं, देश भर में लोकप्रिय हैं । 70 वर्षीय छाईतान चोमा तिब्बती संगीत के मंच पर सक्रिय रही हैं । वे अब चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय समिति की सदस्या हैं और रोजाना बहुत व्यस्त रहती हैं । लेकिन तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के नृत्य गान मंडल के प्रति उन की गहरी भावना है । अगर उन के पास समय होता है, तो वे सक्रिय रूप से मंडल की प्रस्तुतियों में शामिल होती हैं । सुश्री छाईतान चोमा ने कहा

"वर्तमान में मेरा वास्तविक कार्य तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के नृत्य गान मंडल में न होने के बावजूद मैं इस मंडल से अलग नहीं हो सकती । क्योंकि मुझे लगता है कि इस मंडल के प्रति मेरी गहरी भावना और जुड़ाव है। मैं ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के नृत्य गान मंडल में अनेकों साल काम किया है, अगर मंडल मुझे चाहता है, तो उस की प्रस्तुतियों में जरूर भाग लूंगी । मेरी आशा है कि जनता के लिए ज्यादा से ज्यादा काम कर सकूं।"

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के नृत्य गान मंडल के देश भर में अनेक मशहूर कलाकार हैं , इस तरह इस मंडल की प्रस्तुति ने आम तौर पर दर्शकों की हार्दिक प्रशंसा पाई है । मंडल ने स्वायत्त प्रदेश तथा राष्ट्र स्तरीय विभिन्न किस्मों की प्रतियोगिताओं में भाग लिया है, और विभिन्न कार्यक्रमों में 336 पुरस्कार हासिल किए हैं, जिन में 165 स्वायत्त प्रदेश स्तरीय पुरस्कार हैं, 169 राष्ट्र स्तरीय पुरस्कार और दो अंतरराष्ट्रीय स्तरीय पुरस्कार हैं। इस नृत्य गान मंडल ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विभिन्न स्थलों तथा देश भर के विभिन्न प्रांतों व क्षेत्रों की यात्रा की है। इस के अलावा नृत्य गान मंडल ने क्रमशः पूर्व सोवियत संघ, अमरीका और जर्मनी आदि दसियों देशों व क्षेत्रों का दौरा भी किया है। इस की चर्चा में तिब्बत स्वायत्त प्रेदश के नृत्य गान मंडल के निदेशक श्री तानजङ कुंगबू ने कहा

"आम तौर पर हमारा मंडल साल में एक बार विदेश जाकर कार्यक्रम प्रस्तुत करता है । मुझे लगता है कि विदेशों में कार्यक्रम प्रस्तुत करना बहुत अच्छी बात है । एक तरह इस से आपसी आदान-प्रदान को आगे बढ़ाया जा सकता है और दूसरी तरफ़ प्रसार-प्रचार के कार्य को भी मज़बूत किया जा सकता है । आदान-प्रदान का मतलब विशेष तौर पर सांस्कृतिक आदान-प्रदान है और प्रसार-प्रचार से मतलब तिब्बत का प्रसार-प्रचार । विशेष कर सुधार व खुले द्वारा की नीति लागू की जाने के बाद तिब्बत में हुए भारी परिवर्तन का प्रसार-प्रचार । हम अपने नृत्य और अपने गीतों के जरिए विदेशी लोगों के समक्ष तिब्बत में हुए भारी परिवर्तनों को दिखाते हैं ।"

श्री तानजङ कुंगबू ने कहा कि पहले नृत्य गान मंडल के सदस्य जब कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए विदेश गए, तो उन के सुन्दर शरीर ,आकार और उच्च गुणवत्ता को देख कर स्थानीय लोगों को उन्हें मूल तिब्बती कलाकार मानने में कुछ वक्त लगा। लेकिन उन से संपर्क करने और उन की प्रस्तुतियां देखने के बाद विदेशी दर्शकों ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के नृत्य गान मंडल के कलाकारों की कलात्मक प्रस्तुतियों को मान्यता दी। उन्हें तिब्बती कलाकारों की प्रस्तुतियों से तिब्बत की वास्तविक संस्कृति और तिब्बत की परंपरागत संस्कृति के संरक्षण व विकास के क्षेत्र में चीन सरकार द्वारा की गई कोशिशों का एहसास हुआ । श्री तानजङ कूंगबू ने कहा

"तिब्बत रंगबिरंगे लोक-संगीत व नृत्य का उद्गम स्थल है, जहां पुराना इतिहास और विविधतापूर्ण परंपरागत संस्कृति, धार्मिक संस्कृति और रीति रिवाज पनपे हैं । वर्तमान में इन संस्कृतियों का अच्छी तरह संरक्षण व विकास किया जा रहा है ।"