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(GMT+08:00) 2007-04-09 13:16:58    
अमरीकी नागरिकता प्राप्त सुप्रसिद्ध चीनी फिल्म-अभिनेत्री लू-यान

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दोस्तो,सुश्री लू-यान अमरीकी ऑस्कर पुरस्कार चयन-कमेटी की एकमात्र पूर्वी सदस्या हैं। हालांकि वह 80 वर्ष की हो चली हैं,पर एक सुप्रसिद्ध चीनी फिल्म स्टार रह चुकी वह आज भी सुन्दर दिखाई देती हैं।मीडिया ने इस तरह उन का चित्रण किया है कि वह आज भी वैसी ही सुन्दर हैं,जैसी दशकों पहले थीं,बल्कि उन की बोलचाल में पहले से कहीं अधिक परिष्कृति आई है।

सुश्री लू-यान का जन्म चीन की राजधानी पेइचिंग में हुआ था। 1947 में वह मां-बाप के साथ अमरीका के सेन फ़्रांसिस्को चली गयीं । 1956 में उन्हें कैलिफोर्निया के एक विख्यात नाटक प्रतिष्ठान में दाखिला मिला। स्नातक होने के समय उन्हों ने《अगस्त में चाय-घर》नामक एक नाटक में मुख्य भूमिका अदा की। उन की अभिनय-क्षमता को तत्काल के बहुत से विशेषज्ञों और मशहूर अभिनेताओं व अभिनेत्रियों की खूब प्रशंसा प्राप्त हुई। इस के बाद वह हॉलीवुड गईं और अभिनेत्री के रूप में उन्हें ऑस्कर पुरस्कार प्राप्त मशहूर फिल्म निर्देशक फ़ांक.बोर्जाग और प्रसिद्ध अभिनेता मार्लोन.ब्रांदो के साथ फिल्म बनाने के मौके मिले। अभिनय का ऊंचा स्तर हासिल कर के वह हॉलीवुड में सब से मशहूर चीनी अभिनेत्री बन गईं।

लू-यान की युवावस्था में चीन की मुख्यभूमि विदेशों के लिए बन्द रहती थी। इस से चीनी संस्कृति औऱ विदेशी संस्कृति के बीच फर्क आश्चर्यजनक रूप से बड़ा था । उन्हों ने पुरानी बातें याद करते हुए कहाः

"वास्तव में जब मैं जवान थी, तब मुझे फिल्मों में काम करने के कम मौके मिलते थे। मैं अमरीका में रह रही हूं। 40,50 साल पहले अमरीका के लोगों को चीन के बारे में बहुत कम जानकारी थी। चीनी संस्कृति के बारे में वे अक्सर मुझ से जिज्ञासा भरे सवाल पूछते थे। पटकथाओं में चीन से जुडे विषय प्रायः हंसाने वाले थे औऱ फिल्म-शूटिंग के दौरान मैंने अनेक बार निर्देशकों को संबंधित सुधार करने की सलाह दी,उस समय तो उन्हों ने हां-हां कहा,पर शूटिंग के समय पटकथाओं में जैसा लिखा था,उन्हों ने फिल्म में वैसा ही दिखाया । इसलिए दर्शकों ने उन की फिल्मों में जो चीन और चीनी लोग देखे हैं, वे अजीबोगरीब हैं।"

वर्ष 1986 में सुश्री लू-यान ने अमरीकी पूंजी वाली फिल्म《छिंग राजवंश का अंतिम सम्राट》में हीरोइन की भूमिका अदा की। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्हों ने मशहूर इटालियन फिल्म निर्देशक बेर्नार्डो.बेर्टोलुची के साथ भी चीनी इतिहास को लेकर कुछ बहस की। ऐसा करने का उन का उद्देश्य दर्शकों को चीन की सच्ची छवि दिखाना था। इस फिल्म को 1987 में ऑस्कर पुरस्कार से विभूषित किया गया।

इस के बाद लू-यान ने बहुत सी चीनी फिल्मों में किरदार किए। उन्हों ने छिंग राजवंश के अंतिम सम्राट की कुख्यात दादी त्सी-शी की भूमिका तीन बार निभा कर थाइवानी फिल्म जगत का सर्वोच्च पुरस्कार प्राप्त किया। चीन की मुख्यभूमि के सुप्रसिद्ध फिल्म-निर्देशक श्ये-चिंग के《अंतिम रईस 》फिल्म के निर्माण में भी लु-यान ने भाग लिया। चीन से जुडे प्रमुख नाटक और संगीत-नाटक《 ह्वां-कू गायन》,《सू सी-ह्वांग की दुनिया》,《अगस्त》और《उद्यान में दुःस्वप्न》में लु-यान ने नायिकाओं की भूमिकाएं निभाईं। 35 सालों के अपने अभिनय-कैरियर में उन्हों ने अमरीका,चीन के विभिन्न क्षेत्रों और सुदूर पूर्व में 200 से अधिक फिल्मों में काम किया और दसियों पुरस्कार प्राप्त किए।

पुरस्कार पाने के अनुभव की चर्चा करते हुए उन्हों ने कहाः

"पुरस्कार पाने का मतबल है मेरे काम को मान्यता मिलना। इस पर मुझे बेहद खुशी है। मैं बड़ी सौभाग्यशाली हूं। लोग आम तौर पर सिर्फ मेरी सफलता जानते हैं और मेरे पीछे के बहुत से सहायकों की उपेक्षा करते हैं। दरअसल उन की मदद के बिना मैं सफल नहीं हो सकती हूं। बहुत से निर्देशक प्रतिभावान और गंभीर होने के साथ-साथ मिलनसार भी हैं। हांगकांग के स्वर्गीय मशहूर फिल्म-निर्देशक ली हान-श्यांग उन में से एक थे। उन के साथ एक फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्हों ने अपनी पत्नी के साथ मुझे औऱ अन्य अभिनेताओं व अभिनेत्रियों को अपने घर ले जा कर भोजन खिलाया।"