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(GMT+08:00) 2007-04-03 18:22:39    
बर्फीले पठार की सुरीली आवाज़ व सुन्दर नृत्य से चारों दिशाएं मदहोश

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चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश नाच-गान के समुद्र के नाम से भी मशहूर है । यहां रहने वाला हर तिब्बती नाच-गान में निपुण माना जाता है । तिब्बती देशबंधु अपने नृत्य व गान में जोशीली भावना दिखाते हैं । इधर के सालों में तिब्बत के विभिन्न कला-मंडलों की सांस्कृतिक व कलात्मक प्रस्तुति दिन ब दिन बढ़ती जा रही है , मातृभूमि के भीतरी इलाके और विश्व के विभिन्न देशों के लोग तिब्बती कलाकारों द्वारा प्रस्तुत श्रेष्ठ प्रस्तुतियों से तिब्बत की विशेष संस्कृति तथा वहां हुए विकास व परिवर्तन को महसूस कर रहे हैं । आज के इस लेख में आप को इन कला-मंडलों में से एक----तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के नाच-गान मंडल का परिचय दिया जाएगा ।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के नृत्य-गान मंडल के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत《तिब्बत के लिए गाना》नामक नृत्य-गान की मधुर धुन है। तिब्बत के रे बा लोगों के ढोल पर शानदार धुन सुनने के साथ-साथ दर्शकों के सामने तिब्बती पठारों के सुन्दर पहाड़ी दृश्य व नदियां घूमने लगती हैं । यह आवाज़ तिब्बती लोगों के दिल की धड़कन जैसी सजीव लगती है । गीत का मुख्य विषय है कि अब तिब्बत विकास व प्रगति की ओर बढ़ रहा है, पठार पर निर्मित रेल मार्ग से इस क्षेत्र का विकास और मज़बूत होगा, तिब्बत और सुन्दर होगा और तिब्बत लोगों से दूर नहीं रहृ जाएगा। हम नाचते गाते हुए मदहोश मदिरा आप को पेश करते हैं, हम सफेद हाता आप को प्रदान करते हैं , और कामना करते हैं कि आप सब लोग सुखमय हों और खुशहाल रहें ।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के नृत्य गान मंडल की स्थापना वर्ष 1958 में हुई थी। इस मंडल में मुख्य तौर पर तिब्बती जाति के कलाकार हैं , इस के अलावा हान जाति, ह्वेइ जाति, च्यांग जाति, नाशी जाति के कलाकार तथा तिब्बती जाति के मनबा लोग और लोबा लोग भी शामिल हैं । यह एक पेशेवर जातीय नृत्य गान कला मंडल है , जिस में कुल 180 कर्मचारी हैं । तिब्बत स्वायत्त प्रेदश के नृत्य गान मंडल में छाइतान चोमा समेत दसियों सुप्रसिद्ध कलाकार हैं । इस मंडल के निदेशक श्री तानजङ कूंगबू ने जानकारी देते हुए कहा

"वर्तमान में हमारे मंडल में नाचने का दल, गाने का दल, संगीत दल और नृत्य कला दल आदि शामिल हैं । संगीत दल में जातीय संगीत दल और वाद्ययंत्र दल भी है । वर्तमान में हमारे यहां कुल एक सौ अस्सी व्यक्ति हैं, सुश्री छाइतान चोमा समेत अनेक बुज़ुर्ग कलाकारों का देश-विदेश में भारी प्रभाव है , इन के अलावा तान जङ आदि युवा गायक-गायिका भी देश में मशहूर हैं । गायक गायिकाओं के अलावा हमारे मंडल के नृतक भी श्रेष्ठ हैं । वर्तमान में तिब्बत के नृत्य-गान क्षेत्र में हमारा मंडल अग्रिम पंक्ति में है ।"

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के नृत्य गान मंडल के निदेशक श्री तानजङ कुंगबू ने कहा कि इस मंडल का बहुत पुराना इतिहास है, जिसे तिब्बत में सब से लम्बे इतिहास वाला कला मंडल माना जाता है । वर्ष 1951 में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद, शुरू में तिब्बत आने वाले चीनी मुक्ति सेना के विभिन्न सांस्कृतिक कला दलों से यह मंडल गठित हुआ। वर्ष 1958 में इस मंडल की औपचारिक स्थापना हुई । चीनी जन मुक्ति सेना के सांस्कृतिक कला मंडल के आधार पर स्थापित तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के नृत्य गान मंडल के कलाकार व अभिनेता-अभिनेत्रियों में उच्च क्षमता है । इस मंडल के निदेशक श्री तानजङ कोंगबू ने कहा कि इस नृत्य गान मंडल की स्थापना के शुरू में यहां के अभिनेता-अभिनेत्रियां आम तौर पर पेशावर कलाकार नहीं थे, लेकिन वे तिब्बती नृत्य व गीत-संगीत को बहुत पसंद करते थे । इस तरह अपनी मेहनत व कोशिशों के जरिए उन्होंने तिब्बत में भारी प्रभाव वाली रचनाएं रचीं और धीरे-धीरे तिब्बत में मशहूर हो गए । बाद में चीन सरकार ने तिब्बती सुयोग्य व्यक्तियों को प्रशिक्षण देने के लिए भीतरी इलाके के अनेक प्रांतों के विद्यालयों में भेजा। विशेष तौर पर तिब्बती कक्षा शुरु कीं, इन तिब्बती कक्षाओं में विशेष तौर पर तिब्बती जाति के गीत-संगीत, नृत्य और वाद्ययंत्र बजाने के क्षेत्र में सुयोग्य व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया जाता है । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के नृत्य गान मंडल के निदेशक श्री तानजङ कूंगबू ने कहा कि वर्तमान में इस मंडल के 95 प्रतिशत सदस्य विश्वविद्यालयों से स्नातक हुए हैं । अब इस मंडल के अभिनेता-अभिनेत्रियों की गुणवत्ता और उन्नत हुई है।

संगीत---

अब आप सुन रहे हैं तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के नृत्य गान मंडल के सदस्यों द्वारा गाया गया बिना संगीत के"श्ये छिन"नामक सामूहिक गान का एक भाग ।"श्ये छिन"तिब्बत में शानदार समारोह व भव्य रस्म के आयोजन के दौरान गाया गय़ा एक किस्म का गीत है। चीनी भाषा में"श्ये छिन"का मतलब है महागीत । आम तौर पर तिब्बत में शानदार समारोह के आयोजन में तिब्बत स्वायत् प्रदेश के अभिनेता-अभिनेत्रियां ऐसे बिना संगीत के सामूहिक महा गीत प्रस्तुत करते हैं । इस महागीत की प्रस्तुति में भाग लेने वाले तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के नृत्य गान मंडल के सदस्य, तिब्बती गायक श्री तान जङ ने कहा

"बिना संगीत के सामूहिक गान यानि तिब्बत के विशेष 'श्ये छिन' आम तौर पर भव्य रस्मों व शानदार समारोहों के आयोजन के दौरान प्रस्तुत किया जाता है । इस बार हमारी प्रस्तुति में हमारे नृत्य गान मंडल के पचास से ज्यादा सदस्यों ने भाग लिया है। हम गाने के साथ नाचते भी हैं , पचास व्यक्तियों वाली प्रस्तुति में यह थोड़ा कठिन है । हमारे सामूहिक गान का भीतरी इलाके के विभिन्न विशेषज्ञों ने उच्च मूल्यांकन किया है ।"