इस लेखका सवाल है:क्या तिब्बत के सभी प्राइमरी व मीडिल स्कूलों में तिब्बती और हान दोनों भाषाओं में पढ़ाई की जाती है?
विश्व की छत कहलाने वाले तिब्बत पठार पर स्थित तिब्बत स्वायत प्रदेश चीन के पांच अल्पसंख्यक जातीय प्रदेशों में से एक है, जिस जन संख्या मुख्यतः तिब्बती जाति की है। तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति से पहले, तिब्बत में शिक्षा का कार्य बहुत पिछड़ा था और वहां सच्चे अर्थ का कोई आधुनिक स्कूल भी नहीं था। तब से अब तक चालीस से ज्यादा वर्ष गुजरा है , अब चीन की केंद्रीय सरकार की जोरदार सहायता में तिब्बत में बुनियादी दौर पर तिब्बती विशेषता वाली शिक्षा व्यवस्था की स्थापना की गयी है , जिस के तहत स्कूस से पूर्व की शिक्षा , प्राइमरी स्कूली शिक्षा , मीडिल स्कूली शिक्षा , उच्च शिक्षा और प्रौढ़ शिक्षा सभी शामिल हैं । इस के अलावा तिब्बत के चरगाह क्षेत्रों में तीन सालों , ग्रामीण क्षेत्रों में छै सालों तथा शहरों में नौ सालों की अनिवार्य शिक्षा का लक्ष्य प्राप्त हो चुका है।
वर्ष 1965 में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना के बाद चीन की केंद्र सरकार ने जातीय भाषा के विकास को महत्व दिया और तिब्बत के सभी प्राइमरी व मीडिल स्कूलों में तिब्बती और हान दोनों भाषाओं में पढ़ाई की जाने लगा । किसानों व चरवाहों के बच्चों का शिक्षा स्तर इससे बहुत उन्नत हुआ।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी श्री मारजूंग ने बताया कि पिछले चालीस से ज्यादा वर्षों में तिब्बत की विभिन्न स्तरीय शिक्षा संस्थाएं तिब्बती भाषी शिक्षा को हमेशा महत्व देती आयी है । उन्हों ने कहा:
"तिब्बती भाषा तिब्बती जाति की उन्नतिशील संस्कृति का भाग है। अगर इस का विकास न किया गया ,तो हम अपनी संतानों के लिए क्या विरासत सुरक्षित कर सकेंगे। इस सवाल को ध्यान में रख कर ही स्वायत्त प्रदेश की सरकार ने विशेष तौर पर तिब्बती भाषा कार्य कमेटी तथा तिब्बती भाषा कार्य निर्देशन दल की स्थापना की। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की सभी स्तरीय सरकारों में अब ऐसी संस्थाएं निर्मित की जा चुकी हैं। "
श्री मारजूंग के अनुसार तिब्बत में सभी छात्रों को प्राइमरी से हाई स्कूल तक तिब्बती भाषा सीखनी होती है। हान भाषा सीखना वे प्राइमरी स्कूल की तीसरी कक्षा से ही शुरू करते हैं। इस का मकसद यही है कि वे भविष्य में दो भाषाओं के सहारे तिब्बत और देश के दूसरे क्षेत्रों में बेहतर नौकरी करें व जीवन बिता सकें।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के लोका प्रिफेक्चर की नाइतुंग काउंटी के मीडिल स्कूल के सभी छात्र तिब्बती किसानों तथा चरवाहों के परिवारों से हैं। इस स्कूल की हर कक्षा में हान और तिब्बती दोनों भाषाओं में पढ़ाई की जाती है। छात्रों की ये दोनों भाषाएं बोलने की क्षमता बढ़ाने के लिए स्कूल में बारंबार सांस्कृतिक समारोह व भाषण देने की प्रतियोगिता आयोजित किये जाते हैं, जिनमें हान और तिब्बती दोनों भाषाओं का प्रयोग होता है। छात्र इन गतिविधियों के जरिये बोलने और लिखने की अपनी क्षमता बढ़ा सकते हैं। इस स्कूल के छात्र पिंगछ्वो वांगत्वेई ने कहा:
"तिब्बती भाषा हमारी जाति की भाषा है। तिब्बती भाषा की कक्षा में हम तिब्बत जाति का इतिहास, कविताएं तथा विदेशी भाषाओं से अनुदित उपन्यास पढ़ सकते हैं। मुझे यह बहुत पसंद है। मीडिल स्कूल से उत्तीर्ण होने के बाद मैं हाई स्कूल में भी पढ़ना जारी रखूंगा । मैं भविष्य में एक अध्यापक बनना चाहता हूं।"
लोका प्रिफेक्चर के शिक्षा व खेल विभाग के उप प्रधान श्री त्साशीच्यात्सो ने बताया कि इस क्षेत्र के सभी प्राइमरी व मीडिल स्कूलों में हान और तिब्बती दोनों भाषाओं का इस्तेमाल किया जाता है। प्राइमरी स्कूल में छात्र मुख्य तौर पर तिब्बती भाषा के माध्यम से पढ़ते हैं और मीडिल स्कूल में वे दोनों भाषाओं का एक साथ इस्तेमाल करना शुरू करते हैं। इधर सालों में अनेक प्राइमरी स्कूलों में प्रथम कक्षा से ही हान भाषा में पढ़ाई की जाने लगी है , जिसका छात्रों के माता-पिता तथा पूरे समाज ने स्वागत किया है। छात्र प्राइमरी स्कूल से ही हान भाषा सीखना शुरू कर मीडिल स्कूल पहुंचने तक हान भाषा के माध्यम से ऐसे बहुत से ज्ञान हासिल कर सकते हैं , जो उन के लिए , खास कर उन की आगे उच्च शिक्षा के लिए बहुत लाभदायक साबित हो सकती हैं।
तिब्बत पठार पर स्थित तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की प्राकृतिक स्थिति मुश्किलों से भरी है। स्थानीय शिक्षा के विकास को आगे बढ़ाने के लिए चीन की केंद्रीय सरकार और विभिन्न स्थानीय सरकारों ने तिब्बत को मानवीय और वित्तीय व भौतिक सहायता दी है। हर वर्ष अनेक स्वयं सेवक तिब्बत के सांस्कृतिक विकास में मदद देने के लिए भी वहां गए हैं।
पूर्वी चीन के समद्रतटीय प्रांत फूचैन के शिक्षा विभाग के कर्मचारी श्री ये लिंग ने तिब्बत जाकर स्वायत्त प्रदेश के लीनची प्रिफेक्चर के शिक्षा विभाग के उप प्रधान का पद संभाला। उन्होंने अकसर गांवों में जाकर वहीं की शिक्षा की स्थिति की जानकारी एकत्र की है। उन्हों ने स्थानीय शिक्षा कार्य के विकास के लिए चंदा एकत्र करने का भरपूर प्रयास किया। श्री ये लिंग ने कहा :
"बौद्धिक सहायता भौतिक सहायता और वित्तीय सहायता से अधिक महत्वपूर्ण होती है।"
उन्हों ने संवाददाताओं से कहा कि हाल में भीतरी इलाकों के उच्च शिक्षालय हर वर्ष तिब्बत के लिए अनेक विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करते हैं। केवल वर्ष 2006 में उन्होंने फूचैन प्रांत के उच्च शिक्षालयों में लीनची प्रिफेक्चर के 65 कालेज छात्रों को प्रशिक्षण दिलाया है। यह पिछले दस सालों में लीनची प्रिफेक्चर से फूचैन प्रांत में जा कर उच्च शिक्षा पाने वाले छात्रों की कुल संख्या से भी अधिक है। इस के अलावा, चीन के भीतरी इलाकों में तिब्बतियों के लिए एक लोकप्रिय शिक्षा योजना भी लागू हो रही है। इसके तहत वर्ष 1985 से हर साल 1300 तिब्बती बच्चों को भीतरी इलाकों में स्थापित दस से ज्यादा तिब्बती मीडिल स्कूलों या आम स्कूलों में स्थापित तिब्बती कक्षाओं में दाखिला किया जाता है।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश ने भीतरी इलाकों से शिक्षा के बारे में प्रगतिशील विचार सीखा। इस के साथ भीतरी इलाकों से तिब्बत गये सहायताकर्मी भी वहां प्रगतिशील विचारों का प्रचार प्रसार किया। श्री हू होंगछुन मध्य चीन के वुहान शहर से तिब्बत की नाइतुंग काउंटी की सेवा करने आये हैं। उन का विचार है कि तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में बुनियादी संस्थापन आज काफी हद तक उपलब्ध हो चुका है। भविष्य में केंद्र सरकार को तिब्बत स्वायत्त प्रदेश को आर्थिक सहायता देने के साथ स्वयंसेवा के जरिये इस क्षेत्र को अधिक बौद्धिक सहायता देनी चाहिये। इस तरह स्वयंसेवकों के जरिये भीतरी इलाकों के समुन्नत अनुभवों का तिब्बत में प्रचार-प्रसार किया जाएगा । श्री हू ने कहा:
"मेरे विचार में तिब्बत को बौद्धिक सहायता देने यानी तिब्बत और देश के विकसित भीतरी क्षेत्रों के कर्मचारियों का आदान-प्रदान बढ़ाने का बड़ा महत्व है। तिब्बत में आम तौर पर हरेक स्वयंसेवक का कार्यकाल तीन साल होता है । उन्हें अपने कार्यकाल में सृजन की विचारधारा प्रसारित करना चाहिये। इस की कीमत किसी भी धनराशि से कम नहीं है।"
भीतरी इलाकों से आये कर्मचारियों ने पठार पर आक्सीजन के अभाव जैसी जीवन की कठिनाई तथा असुविधाजनक यातायात आदि का मुकाबला कर तिब्बत के शिक्षा कार्य के विकास में उल्लेखनीय योगदान किया है। गत वर्ष भीतरी इलाके के कुछ कर्मचारी अपना काम पूरा करने के बाद जब लोका क्षेत्र से वापस लौटने लगे, तो स्थानीय लोगों ने हाथ में तिब्बती खाद्य पदार्थ ले कर उन्हें बिदाई दी।
तिब्बत में शिक्षा के विकास से जनता की सांस्कृतिक गुणवत्ता को उन्नति मिली है। परिचय के अनुसार, चीन सरकार आइंदे दस वर्षों में तिब्बत की शिक्षा को सहायता देने पर जोर लगाएगी। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विकास और आधुनिकीकरण के लिए शिक्षा अत्यन्त महत्वपूर्ण है । पूंजी के अतिरिक्त बौद्धिक सहायता तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विकास की सब से जरूरी चीज़ बनेगी, क्योंकि इससे तिब्बत के दीर्घकालिक विकास की मजबूत नींव डाली जा सकेगी।
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