• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2007-03-26 11:04:57    
स्वीडन के मित्र पुरानी एन ह्वेई चाय लाए

cri

गत वर्ष के उत्तरार्द्ध में स्वीडन के कुछ मित्रों ने एक पुराना जहाज चलाकर चीन की यात्रा की। चीन की लगभग चार महीनों की यात्रा में उन की महत्वपूर्ण गतिविधियों में से एक यह रही कि उन्होंने पुराने चीन के एन ह्वेई प्रांत में उत्पादित पुरानी चाय लेकर चाय की जन्मभूमि की यात्रा की।

18वीं शताब्दी में समुद्र की लहरों पर गोथबर्ग नामक स्वीडन का एक जहाज चल रहा था। उस वक्त वह सब से समुन्नत जहाज था, जो तीन बार स्वीडन से आभूषण और घड़ियां आदि माल चीन में लाया था और चीन से चाय, मिट्टी के बर्तन, रेशम आदि युरोप ले गया था। वह युरोपीय देश व चीन के बीच व्यापारिक आवाजाही का संपर्क-सूत्र था। लेकिन, दुर्भाग्य की बात है कि वर्ष 1745 में गोथबर्ग जहाज स्वीडन के पास कहीं डूब गया।

पिछली शताब्दी के 80 और 90 के दशक में लोगों ने अनेक बार गोथबर्ग जहाज को पानी से बाहर निकालने की कोशिश की। माल से लदे जहाजों ने समुद्री अनुसंधान कार्यों के लिए एक द्वार खोल दिया है। लोगों को आश्चर्यजनक परिणाम मिले हैं। स्वीड मैत्ज़ लारसन ने याद करते हुए बताया, हमें पुराने गोथबर्ग में 370 टन पुरानी चीनी चाय मिली है। एक रात, हम ने पुरानी चाय का इस्तेमाल करके एक चाय पार्टी का आयोजन किया। वह कितनी खुशी की बात थी।

कहा जाता है कि 370 टन मिली चाय में कुछ चाय चीन के एन ह्वेई प्रांत से आयी परम्परागत पुरानी चाय वू ली छिन चाय है।

वू ली छिन नामक चाय चीन के एन ह्वेई प्रांत के दक्षिणी श्येईय्वू पहाड़ में मिलने वाली एक विशेष चाय है। श्येईय्वू पहाड़ की ऊंचाई 1300 मीटर से अधिक है, और यह जगह हमेशा ही बादलों और धुंध में घिरी रहती है। वू ली छिन चाय का नाम इसी से आया है। विशेष भौगोलिक मौसम के कारण वू ली छिन चाय में फूलों की सुगंध और अनेक सूक्ष्म जीवाणु भी हैं। यह चाय 800 से ज्यादा वर्ष पहले से ही चीन की मशहूर चाय घोषित की गयी थी।

पिछली शताब्दी के 90 के दशक की शुरुआत में श्री मैत्ज़ लारसन और उन के सहकर्मियों के मन में यह विचार आया कि गोथबर्ग जैसे एक पुराने जहाज का निर्माण करके उसी रास्ते से फिर एक बार चीन की यात्रा की जाए। कुछ समय बाद पारम्परिक कला-कौशल से ही गोथबर्ग जहाज का निर्माण शुरु हुआ। वर्ष 2005 के अक्तूबर में, नव निर्मित गोथबर्ग जहाज ने अपनी प्रथम चीन यात्रा शुरु की।वर्ष 2006 की जुलाई में नया गोथबर्ग पुराने गोथबर्ग के रास्ते से सफलतापूर्वक चीन के क्वांग च्यो पहुंचा और चीन की यात्रा शुरु की। इस के बाद के चार महीनों में नये गोथबर्ग का चीन के विभिन्न स्थलों में स्वागत किया गया।

सरदी के दिनों में स्वीडन के मित्र वू ली छिन चाय की जन्मभूमि –एन ह्वेई प्रांत के छी च्यो शहर के श्येन वू पहाड़ पहुंचे। श्री मैत्ज़ लारसन अपने साझेदारों के साथ समुद्र से निकाली गयी वू ली छिन चाय भी लाए। हाथों में पुरानी चाय, और सामने चाय के पौधों पर ताज़ा चाय के पत्तों को देखते हुए, श्री मैत्ज़ लारसन बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने कहा,300 वर्षों से भी पहले से, लोग यहां हाथों से चाय बनाते थे। आज भी लोग इसी तरीके से चाय बना रहे हैं। मुझे लगा कि मानो मैं एक पुराने चाय के बाग में खड़ा हूं।

लगभग 300 वर्षों के बाद, वू ली छिन चाय अंततः जन्मभूमि में वापस लौटी है। इस बार पुरानी चाय स्वीडन, स्पैन, ब्राजिल, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया आदि देशों से गुजर करके चीन वापस लौटी है।

चाय की जन्मभूमि ने विशेष तरीकों से श्री मैत्ज़ लारसन का स्वागत किया। छी च्यो शहर के नेताओं ने नये गोथबर्ग जहाज के कैप्टन को 100 पुरानी वू ली छिन चाय के पात्र दिए। चाय के हर एक पात्र पर गोथबर्ग जहाज का चित्र बना हुआ था।

छी च्यो शहर की उप मैयर सुश्री ल्यू क्वो छिंग ने संवाददाताओं को बताया,

हमें बड़ी खुशी हुई है कि पुराने गोथबर्ग जहाज से निकाली गयी चाय 260 वर्षों से भी पहले हमारे यहां उत्पादित की गयी थी। कैप्टन पीटर ने हमें वो पुरानी चाय दिखायी। मुझे भी बहुत आश्चर्य हुआ है।

सुश्री ल्यू ने परिचय देते समय बताया कि इतिहास के कारण से वू ली छिन को बनाने की कला एक बार लापता हो गई थी। एन ह्वेई विश्वविद्यालय के चाय विभाग के प्रोफेसरों ने 20 वर्षों के अनुसंधान के बाद ही सफलतापूर्वक वू ली छिन चाय बनाने की कला को वापिस पाया। सुश्री ल्यू ने आशा प्रकट की कि वू ली छिन चाय की कला का पुनरुत्थान और गोथबर्ग जहाज की पुनः चीन यात्रा से चीन व स्वीडन के बीच मैत्रीपूर्ण व्यापारिक आवाजाही अवश्य ही और विकसित होगी। उन के अनुसार,

मैं गोथबर्ग जहाज की पुनः चीन यात्रा की सराहना करती हूं। मैं आशा करती हूं कि स्वीडन के साथ कई शताब्दी से पहले स्थापित हुए मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान व व्यापारिक संबंधों का हम विकास कर सकेंगे।

स्वीडन के मित्र पुरानी वू ली छिन चाय लाए हैं। यह खबर तुरंत ही एन ह्वेई के चाय व्यापारियों के बीच फैल गई। एन ह्वेई त्येई फांग चाय ग्रुप के डायरेक्टर श्री जडं श्याओ ह ने संवाददाताओं को बताया कि सौ वर्ष से पहले, एन ह्वेई के एक ह्वांग नामक व्यापारी ने अपने मकान को एक जहाज के रुप में निर्मित किया, जिस में अपनी चाय को विदेशों तक बेचने का उस का सपना प्रतिबिंबित होता था। अब एन ह्वेई के चाय व्यापारी इस सपने को साकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं स्वीडन में एक वू ली छिन चाय की चैनल दुकान खोलना चाहता हूं।

नयी वू ली छिन चाय लेकर नया गोथबर्ग वर्ष 2006 के अंत में चीन से रवाना हुआ। जानकारी के अनुसार, वर्ष 2007 के जुलाई और अगस्त में, जब नया गोथबर्ग जहाज ब्रिटेन के लंदन से गुजरेगा, तो छी च्यो शहर एक प्रतिनिधि मंडल भेजकर इस जहाज के साथ स्वीडन के गोथबर्ग शहर की यात्रा करेगा।