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(GMT+08:00) 2007-03-22 11:04:47    
आधुनिक कृषि चीन के गांव के पिछड़पन की सूरत को बदलेगा

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वर्ष 2006 से चीन ने पूरे देश में नये गांव का निर्माण अभियान चलाना शुरू कर दिया है, और किसानों व गांवों के उत्पादन व जीवन संस्थापनों में सुधार लाने के लिए भारी पूंजी सब्सीडी प्रदान की है, ताकि शहर व गांव के बीच के अन्तराल को कम किया जा सके। इन में परम्परागत पिछड़ा कृषि उत्पादन तरीके को बदलना व उच्च कार्यक्षमता के आधुनिकीकरण कृषि का निर्माण करना नए गांव निर्माण अभियान का एक प्राथमिक कार्य रहा है। आज के इस कार्यक्रम में हम आप को एक पिछड़े गांव के आधुनिकीकरण कृषि विकास से प्राप्त बेहतरीन सफलता का एक मिसाल प्रस्तुत करेगें।

उत्तर पूर्व चीन के हएलुंगच्यांग प्रांत में सिन शिसे नाम का एक गांव है। 50 साल पहले बाहर से आए लोगों ने यहां एक छोटा सा गांव का निर्माण किया था, उस समय वह एक विरान जगह थी, न कोई मकान था न खेती के लिए कोई योग्य खेत। लेकिन आज 50 साल के बाद सिन शिसे गांव एक जाना माना धनी गांव बन गया है। चौढ़ी व समतल सीमेंट सड़के पूरे गांव में बिछाई जा चुकी है, सड़को के दोनों किनारे हरे भरे घास मैदान व एक एक बगीचे जैसी खूबसूरत छोटी इमारतें जहां तहां खड़ी नजर आती हैं। एक 200 वर्ग मीटर छोटी इमारत के अन्दर जाने के बाद, हम ने देखा पूरे घर में समुन्नत घरेलु इलैक्ट्रोनिक उपकरण उपलब्द्ध हैं, गेरेज में उच्च कोटि की एक कार भी खड़ी हुई है।

75 वर्षीय चांग वए ल्यांग 50 साल पहले इस गांव के पहले बाहर से आए किसान हैं। 50 साल पहले की स्थिति की चर्चा करते हुए उन्होने कहा उस वक्त जब मैं यहा आया था तो गांव के आस पास बिल्कुल विरान जगह थी, जंगली घास के अलावा कुछ भी नहीं था। हमने एक छोटी सी झुग्गी बना कर वहा रहने शुरू किया, रात में तेज हवा व वर्षा होती थी, तो सुबह हमारे सारे बदन में मिटटी भर जाती थी। उन्होने हमे बताया कि आज का जीवन एक सपना जैसा ही है। गांव के 200 परिवारों के 80 प्रतिशत लोग बगीचे जैसी हवेली में रहते हैं, गांव के किसानों की आय निरंतर बढ़ती जा रही है। आंकड़ो के अनुसार, वर्ष 2005 में सिन शिसे गांव की कुल आय एक अरब य्वान जा पहुंची थी।

सिन शिसे गांव का कायापलट उसके आधुनीकिकरण कृषि के रास्ते को अपनाने को जाता है। कई साल पहले सिन शिसे गांव ने कृषि मशीनरी व कृषि जल संरक्षण का कार्य शुरू किया, गांव के 1000 से अधिक हैक्टर खेतों को 10 किसान परिवारों को ठेके में दिया। ल्यू हुंग वए किसान उनमें से एक हैं। 2006 में उन्होने मक्कई व सोयाबीन की खेती से तकरीबन 5 लाख य्वान कमाया है। उनकी इतनी बड़ी आमदनी गांव दवारा वैज्ञानिक तरीके से खेती उत्पादन की सिफारिश का श्रेय है। उन्होने हमे बताया हमारी काउंटी के कृषि तकनीशीयन हर साल हमें नये कृषि ज्ञान की जानकारी देने के अलावा हमें प्रशिक्षण का मौका भी देते हैं। वे हमें बताते हैं कि हमारे गांव की स्थिति के अनुसार कौन से उत्पादे ठीक रहेगें। मेरे जैसे खेती बाड़ी करने वाले किसानों को हर साल बाहर जाकर दूसरी जगहों के कृषि अनुभवों से सीखने का अवसर मिलता है, इन अच्छे तरीकों को हम अपने गांव के खेती में प्रयोग करते हैं। उन्होने हमें बताया कि इस साल वह नयी किस्म की मककई बीज का इस्तेमाल कर पिछले साल से 7.5 टन ज्यादा फसल हासिल करेगें।

कृषि मशीनरीकरण के उपयोग से मानव शक्ति में भारी किफायत आयी है, सिन शिसे गांव ने बड़ी उस्साह के साथ कृषि उत्पाद प्रोसेसिंग उद्योग का विकास कर बड़ी संख्या में किसानों को वहां काम करने का मौका प्रदान किया है। वर्तमान गांव में कृषि, वन, पशुपालन व पर्यटन से जुड़ी राष्ट्र स्तरीय उद्योग समूह हुएलुंगच्यांग फूहवा समूह की स्थापना की है। इस समूह के अधीन औषधि कारखाने के उप मेनेजर चांग खे छंग ने हमें बताया कि सिन शिसे गांव के उद्योग के विकास ने पलट कर कृषि को भारी बढ़ावा दिया है और पूरे गांव के आर्थिक की पूर्ण विकास को प्रेरित किया है। उन्होने कहा हमारा उद्योग का मुख्य काम अनाज की गहन प्रोसेसिंग व कृषि औद्यगीकरण से घनिष्ठ रूप से जुड़ा हुआ है, इस लिए किसान अपने अनाज बेच कर सीधा लाभ पा सकते हैं, हम अच्छे दामों से किसानों के अनाज खरीदते हैं। उधर गांव के अतिरिक्त श्रमिक शक्ति, अपने कृषि अवकाश काल में हमारे उद्योगों में आकर नौकरी कर सकते हैं, इस तरह कृषि अवकाश काल में वे अतिरिक्त आमदनी कमा सकने के साथ अनाज प्रोसेसिंग की तकनीक भी सीख सकते हैं।

श्री चांग खे छन पिछली शताब्दी के 80 वाले दशक में कालेज डिग्री प्राप्त व्यक्ति हैं। तब से उन्होने अपने हासिल ज्ञान को अपने गांव के निर्माण में योगदान करने की ठान ली थी। श्री चांग की तरह इस गांव में ऐसे अनेक कालेज छात्र है जो आज उद्योगों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस के अलावा गांव ने पूरे देश के विभिन्न जगहों से कुछ सुयोग्य तकनीशीयनों को भी अपने गांव में आमंत्रित किया है।

इस के अतिरिक्त सिन शिसे गांव ने गांव की पारिस्थितिकी पर्यावरण के सुधार में भारी शक्ति डाली है। गांववासियों ने न केवल अपने घरों के आगे पीछे घास बिछाने के साथ किस्म किस्म के फूल भी उगाए हैं. गांव में रेतेली आंधी को रोकने के लिए पेड़ो की एक पटटी भी लगायी है। गांव के मुख्या फू हवा थिंग ने हमें बताया कि आज इन पेड़ो की पटटी का क्षेत्रफल 600 हैक्टर तक जा पहुंचा है, इस से सिर्फ हमारे गांव की पारिस्थितिकी पर्यावरण में सुधार ही नहीं आया है बल्कि हमने अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए एक मूल्यावान संपत्ति भी तैयार कर के रख ली है। उन्होने कहा गांव में एकाद इमारत होना गांव का आधुनीकीकरण नहीं कहा जा सकता है, सबसे जरूरी बात गांव की पारिस्थितिकी का पर्यावरण है। हर मकानों व इमारतो के आगे पीछे घास मैदान, हरियाली व फूलों के बगानों ने हमारे गांव के पारिस्थितिकी पर्यावरण को सुधारा है, तब ही जा कर हम कह सकते हैं हम एक नए गांव का निर्माण कर रहे हैं। इस लिए पूरे गांव की सूरत बदलने के लिए पेड़ पौधों से गांव की सौन्दर्य बढ़ाना एक अनिवार्य काम है।

फिलहाल सिन शिसे गांव अपने आर्थिक विकास की नयी मंजिल में कदम बढ़ा रहा है। आज के सिन शिसे गांव की सड़के समतल हैं, अनेक आधारभूत संस्थापन का तेजी से विकास हो रहा है, गांव ने शहरीकरण के मार्ग में अपना प्रारम्भिक कदम बढ़ाया है। और तौ और गांव में सांस्कृतिक भवन व स्टेडियमों का निर्माण कर किसान गांववासियों के लिए भरपूर सांस्कृतिक जीवन प्रदान किआ गया है। गांव की आगामी पंच वर्षीय योजना पर बोलते हुए गांव के मुख्या श्री फू हवा थिंग ने कहा कि पहले, हम गांव की आय को 4 अरब य्वान तक पहुंचाने की कोशिश करेगें। दूसरा, औसत प्रति व्यक्ति आमदनी 20 हजार य्वान पहुंच जाएगी। तीसरा ,हर एक परिवार को एक हवेली जैसा मकान प्रदान किया जाएगा। चौथा, पूरे गांव के गाववासियों को राष्ट्रीय कर्मचारी स्तरीय रियायत दी जाएगी और तीन सालों के अन्दर पूरे गाववासियों के जीवन को सुनिश्चता प्रदान कर उन्हे बूढ़ापे में कोई चिन्ता नहीं होने की गारंटी प्रदत्त की जाएगी।