
प्रिय दोस्तो , आप जानते ही हैं कि कुछ समय से पहले चीनी जनता अपने सब से महत्वपूर्ण त्यौहार वसंत त्यौहार की खुशियां बड़े धूमधाम से मनायी , मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में विविधतापूर्ण गतिविधियां और रंगारंग मनोरंजन प्रोग्राम आयोजित किये गये हैं । आज के चीन का भ्रमण कार्यक्रम में हम आप के साथ चीनी अल्पसंख्यक जातियों में से एक थू जाति के बीच जाकर परम्परागत वसंत त्यौहार की खुशियां मनाने के विशेष तौर तरीके देखने जा रहे हैं ।
वसंत त्यौहार के उपलक्ष में थू जातीय लोग गाते हुए नाचना ज्यादा पसंद करते हैं । गाने नाचने वाली महिलाओं में युवतियां ही नहीं , साठ सत्तर वर्ष की उम्र से ऊपर बुढ़िया भी हैं । वे वसंत त्यौहार के उपलक्ष में न सिर्फ गांव वासियों के लिये मनोरंजक प्रोग्राम पेश करती हैं , बल्कि समूचे गाववासियों की ओर से टाउनशिप के संबंधित सरकारी विभागों और दूसरे गांवों के साथ मिलन समारोह में भी भाग लेती हैं ।
इस मनोरंजक दल के नेता श्री ल्यू इंग छुन थू जाति के तंदुरूस्त बुजुर्ग हैं । वे स्थानीय परम्परागत ओपेरा के ज्ञानी हैं और छिंग हाई प्रांत के स्थानीय ओपेरा य्वे श्येन गाने में माहिर हैं । इस स्थानीय ओपेरा की चर्चा में बुजुर्ग ल्यू इंग छुन ने मुस्कराते हुए कहा कि मुझे सुषिर व तंतु वाद्य बजाने का शौक है । खासकर मेरी संतान बहुत अच्छी है , वह मेरा ख्लाल रखती है , मैं बहुत खुश व स्वस्थ हू , इसलिये मैं गांव के बुजुर्गों के साथ स्थानीय ओपेरा करना पसंद करता हूं ।
बुजुर्ग ल्यू इंग छुन का घर ग्रामीण कमेटी से दूर नहीं है । घर के मुख्य द्वार में प्रवेश करते हुए एक साफ सुथरा आंगन नजर आता है । प्रमुख मकान तीन कमरों से गठित है , तराशे गये गेट और खिड़कियां बहुत सुंदर लगती हैं । जब हम मुख्य मकान में दाखिले हुए , तो घर के मालिकों ने बड़े उत्साह के साथ गर्म गर्म दूग्ध चाय व तले हुए पकवान हमें खिला दिये ।
बुजुर्ग ल्यू इंग छुन के परिवार में कुल नौ सदस्य हैं , बड़ा बेटा ल्यू शिंग फू छिंग हाई प्रांत की राजधानी शी निंग शहर में एक भवन निर्माण कम्पनी में नौकरी करता है , महीने में दो बार घर लौट आता है । दूसरा बेटा ल्यू शिंग क्वे इस गांव का प्रसिद्ध बढ़ई है । हरेक साल के अवकाश के समय में वह करीब नौ दस हजार य्वान कमा सकता है । उस ने हमें बताया कि ग्रामीण विकास के साथ साथ गांववासियों का जीवन स्तर भी लगातार उन्नत होता गया है । उस का कहना है कि ऐसा कहा जा सकता है कि हम रोज रोज उत्सव मनाते हैं , क्यों कि हमारा जीवन बहुत अच्छा हो गया है , उत्सव के उपलक्ष में जो विशेष खाना खाने को मिलता है , वह आम दिनों में भी खाया जाता है । साथ ही अब गांव में दुकान भी है , चाय , सिगरेड और शराब जैसी रोजमर्रे में आने वाली वस्तुएं आसानी से खरीदी जा सकती हैं । यदि घर पर कोई महमान आये , तो भी चिन्ता की कोई बात नहीं है , दुकान में सब जरूरी खाने वाली वस्तुएं उपलब्ध हैं ।
बुजुर्ग ल्यू इंग छुन ने कहा कि थू जाति आम तौर पर वसंत त्यौहार आने के बीस दिन पहले विशेष पकवान तैयार करने और घर की सफाई करने लगती है । वसंत त्यौहार की पूर्ववेला में पूरे परिवार के सदस्य की रात को अवश्य ही एकत्र होकर मकानों के गेटों व खिड़कियों को सजाते हैं और प्रागण में वई सांग रस्म आयोजित करते हैं । इस रस्म में सभी परिजन पश्चिम की ओर खड़े होकर तीन धूपबतियां जलाकर नव वर्ष की शुभकानाएं करते हैं और अतीत की सभी नाखुश बातों को भगा देते हैं । नव वर्ष के प्रथम दिन सब लोग नये कपड़े पहनकर आगन में खेल खेलते हैं , दूसरे दिन गांव के युवक शराब भरी केतली लिये बुजुर्गों को जाम पेश करने घर घर जाते हैं और मुबारक बाद देते हैं । बुजुर्ग ल्यू इंग छुन ने कहा कि हालांकि स्थानीय लोगों के बीच अधिकांश परम्परागत रीति रिवाज अभी भी सुरक्षित हुए हैं , पर उन में से कुछ भी बदल गये हैं । समलन अब नव वर्ष के प्रथम दिन गांव के सभी लोग ग्रामीण कमेटी के आगण में खुशियां मनाने से पहले एकत्र होकर एक दूसरे को अभिवादन करते हैं ।
बुजुर्ग ल्यू इंग छुन ने कहा कि अब गांव के अधिकतर लोगों ने वसंतोत्सव की खुशियों में जरूरी चीजें खरीद ली हैं , बाच बच्चे नये नये कपड़े पहनने हुए हैं और वसंतोत्सव के आगमन की प्रतीक्षा में हैं ।
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