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(GMT+08:00) 2007-03-01 13:17:12    
चीनी परम्परागत वसंत त्यौहार की खुशियां

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प्रिय दोस्तो , क्या आप जानते हैं कि आज कल चीनी जनता अपने सब से महत्वपूर्ण त्यौहार वसंत त्यौहार की खुशियां बड़े धूमधाम से मना रही है , साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में विविधतापूर्ण गतिविधियां और रंगारंग मनोरंजक प्रोग्राम आयोजित किये जा रहे हैं । एक शब्द में अब समूचे चीनी लोग त्यौहार के उल्लासपूर्ण वातावरण में डूबे हुए हैं । सो आज के चीन का भ्रमण कार्यक्रम में हम आप के साथ चीनी अल्पसंख्यक जातियों में से एक थू जाति से मिलने जायेंगे और देखेंगे कि थू जाति परम्परागत वसंत त्यौहार की खुशियां कैसे मना रही है ।

थू जाति बहुल वू श नामक गांव उत्तर पश्चिम चीन के छिंग हाई प्रांत के हू चू थू जातीय स्वायत्त कांऊटी में स्थित है । इस गांव में थू , हान और तिब्बती समेत तीन जातियों की कुल 160 से अधिक परिवार रहते हैं । इधर सालों में स्थानीय सरकारी विभागों के समर्थन व मदद में गांव वालों को सरसों , आलू और पिंस जैसी विशेषता वाली सहायक कृषि फसलों की शानदार पैदावार हासिल हुई और इन बढ़िया फसलों से तैयार कृषि वस्तुओं की बिक्रि भी देश विदेश में की जाती है , जिस से गांववांसी भी दिन ब दिन खुशहाल हो गये हैं । इसलिये वसंत त्यौहार के उपलक्ष में गांव वासी नाना प्रकार के सांस्कृतिक व मनोरंजक कार्यक्रम प्रस्तुत करने में मग्न हैं ।

वसंत त्यौहार व ना तन उत्सव थू जाति के सब से जोशीला व भव्यदार त्यौहार हैं , थू जाति के लोग वसंत त्यौहार को नव वर्ष या नव मास कहते हैं । वसंत त्यौहार के उपलक्ष में थू जातीय लोग गाते हुए नाचना ज्यादा पसंद करते हैं । इस गांव में यह कहावत प्रचलित है कि दिन में खाना न मिलना ठीक है , पर गीत गाये बिना नहीं सहा जाता । विशेषकर शादी व्याह में पूरे गांव के लोग अवश्य ही एकत्र होकर मधूर संगीत के तालमेल में नाचते हैं , बेशक वसंत त्यौहार के मौके पर भी लोगों को जरूर ही गाने नाचने से नहीं चूकता ।

ये बुजुर्ग एक बड़े प्रागण में , जहां इस गांव की ग्रामीण कमेटी स्थित है , बैठे हुए नजर आते हैं , उन में से कुछों के हाथों में चीनी तंतु वाद्य पान हू , कुछों के हाथों में सुषिर वाद्य या अन्य कुछों के हाथों में ताल वाद्य लिये हुए छिंग हाई प्रांतीय लोग संगीत बजाने में लीन हैं । जबकि प्रागण के केंद्र में रंगीन थू जातीय पोशाकों से सजधज दसेक महिलाएं हंसा मजाक करते हुए नाच रही हैं , नये शानदार कपड़ों में बाल बच्चे इधर ऊधर दौड़ते हुए क्रीड़ा कर रहे हैं , समूचा प्रांगण एकदम त्यौहार के उल्लापूर्ण माहौल में डूब गया ।

आंटी ऊ यू छिन इस साल में 62 वर्ष की है , वह गाने व नाचने की शौकीन है । उस ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि मुझे बचपन से ही गाने नाचने का शौक रहा है , साथ ही हमारा जीवन पहले से कहीं अच्छा हो गया है , इसलिये अब गाना नाचना हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न भाग बन गया है , इतना ही नहीं , गाने नाचने से मन बहालाया जाता ही नहीं , स्वास्थ्य के लिये भी लाभदायक है ।

गाने नाचने वाली महिलाओं में युवतियां ही नहीं , साठ सत्तर वर्ष की उम्र से ऊपर बुढ़िया भी हैं । वे सब बैगनी रंग के फूलदार स्वेटर पहने हुई हैं और कमर में रंगीला कमरबंदी बांधे हुए हैं , हाथ में लाल पंखा लिये संगीत के ताल में नाचने में संलग्न हैं , हरेक के चेहरे पर मीठी मुस्कान नजर आ रही है । ये महिलाएं वू श गांव के मनोजरक दल की सदस्या हैं । वे वसंत त्यौहार के उपलक्ष में न सिर्फ गांव वासियों के लिये मनोरंजक प्रोग्राम पेश करती हैं , बल्कि समूचे गाववासियों की ओर से टाउनशिप के संबंधित सरकारी विभागों और दूसरे गांवों के साथ मिलन समारोह में भी भाग लेती हैं । इस के अलावा वे नव वर्ष के दूसरे दिन से लेकर पंत्रहवें दिन तक आस पास के गांवों में बारी बारी से प्रोग्राम पेश करती हैं ।