चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता छिंगकांग ने पेइचिंग में एक जापानी नेता के बयान पर समीक्षा करते हुए कहा कि चीन एक प्रभुसत्ता संपन्न देश व लम्बी थल व समुद्री सीमा रेखा वाला देश है और इसलिए एक हद तक उसे अपनी रक्षा शक्ति को कायम रखना देश की प्रभुसत्ता व प्रादेशिक अखंडता तथा राष्ट्र के एकीकरण को सुरक्षित रखने के लिए जरुरी है, इस पर किसी को उंगली उठाने का कोई कारण नहीं बनता है।
जापान की सत्तारूढ़ पार्टी लिबरल डेमाक्रेटिक पार्टी के राजनीतिक समन्वय विभाग के निदेशक सोएछी नाखागावा ने 26 तारीख को कहा कि यदि थाएवान पर मुख्यभूमि चीन का पूरी तरह नियंत्रण हो गया तो जापान भी चीन का एक अन्य प्रांत बन सकता है। उन्होंने यह भी निन्दा की कि चीन का सैन्य बजट पारदर्शी नहीं है।
श्री छिंगकांग ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि चीन एक शान्ति प्रेमी देश है, चीन का विकास विश्व यहां तक कि क्षेत्र की शान्ति व स्थिरता के लिए हितकारी है, चीन किसी भी देश को धमकी नहीं देता है, लेकिन चीन नहीं चाहता है और न ही यह हो सकता है कि कोई भी देश उसे दबोच कर रखे , यहां तक कि उसे धमकी दे।
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