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सात फीट, नव इंच के कद वाले पाओ शिषुन के लिए कैमेरों के सामने खड़ा होना, अखबारों में और टी वी में अपना तस्वीर देखना लिए आम बात है। मीडिया के साथ उनका रिशता तब कायम हुआ जब वर्ष 2 005 में गिनेस बुक ने उन्हें विशव के सबसे लंबे कद वाले जीवित व्यक्ति घोषित किया।
पाओ ने ये रिकार्ड अफ्रीका के टुनिशिया के राधौने चारबीब से केवल 2 मी.मी लंबे होने के नाते हासिल की। पाओ की कद उनके पैदा होने के पहले 16 साल तक एक आम आदमी की ही तरह थी।
लेकिन उसके बाद के सात सालों में पाओ ऐसे लंबे हुए की आज वे विशव के सबसे लंबे व्यक्ति बन गये हैं। उनका इस तरह अचानक लंबा होने की वजह डाक्टरों को भी पता नहीं।
इस वजह से यह बात बिल्कुल आशचर्यजनक नहीं लगी लिआओनिंग प्रांत की फुशुन नामक समुद्री पार्क को पाओ की जरुरत पड़ी। पाओ चीन के मंगोलिया प्रांत में एक चरवाहा हैं लेकिन इस बार समुद्री पार्क ने उनसे एक ऐसे मदद मांगी जिसके बारे में वे पूरे अज्ञान है।
पाओ को अपने लंबे बाहों के जरिये दो डोलफिनों की जान बचानी थी जो गल्ती से प्लास्टिक बैग गील दिये और जिस वजह से उनके जान को काफी खतरा था।
पार्क के अधिकारीयों को पाओ की मदद लेनी पड़ी क्यों की लगातार कोशिशों के बाद भी पशु विशेषज्ञ डोलफिनों के पेट से प्लास्टिक नहीं निकाल पाये।
पाओ से एक ऐसे उम्मीद लगायी जा रही थी जिसे विशेष कर इस काम के लिए बनाये गये कुछ औजार के मदद से भी हासिल कर पाना मुशकिल लग रहा था क्यों की ये औजार जब भी डोलफिनों की पेट में प्रवेश करते वे अपने पेटों को सिकुड़ लेते थे जिससे प्लास्टिक उनके पेटों से निकालना नामुम्किन हो गया था। इस वजह से डोलफिनों के जान को भारी खतरा था।
पाओ को इस काम के लिए संपर्क किया गया और पाओ ने किसी को भी निराश नहीं किया। उन्होंने अपने 3.5 फुट की बाह को डोलफिनों के मुँह में घुसाया और पार्क के दो कर्मचारीयों ने इस दौरान डोलफिन के सिर को अलग रखा। डोलफिन के नोखिले दांतो को एक कपड़े से बाँध दिया गया ताकि पाओ के बाह को कुछ नुक्सान न हो।
प्लास्टिक निकालने के बाद डोलफिनों की हालत में लगभग पूरी सुधार आ गयी है और जो थोड़े बहुत प्लास्टिक के बचेखुचे प्लास्टिक हैं ,उसे, विशेषज्ञों का मानना है, की डोलफिन उन्हें चबा कर पचा लेंगे।
पाओ के इस काम से हमें यह सीख मिलती है की हम अगर दृढ़ संकल्प कर लें तो हमारे लिए कोई भी काम नामुम्किन नहीं है।
हम सभी के पास ये शक्ति है की हम सभी प्राणीयों का ख्याल रख सकते हैं और ध रती को स्वर्ग बना सकते हैं।
लेकिन जिस तरीके से हम अपने स्वार्थ के लिए कई जानवरों को मौत के घाट उतार रहे हैं, इसमें कोई संदेह नहीं की एक दिन हम सभी ये शक्ति खो देंगे।
पाओ जैसे लोग हमें अपने दायित्वों के बारे में याद दिलाते हैं और एक पाओ से कम से कम सौ लोग, भविष्य की पीडियों को एक बेहतर धरती देने की प्रयास करेंगे। अगर हम पाओ से प्रेरित हो कर कम से कम एक या दो जानवरों की जान बचाये तो हम काफी बड़ा योगदान दे सकते हैं।
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