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(GMT+08:00) 2007-02-13 12:38:14    
भारतीय संवाददाता की नज़र में तिब्बत का विकास

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इधर के वर्षों में चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का तेज़ी से विकास हुआ है। तिब्बत अपने सुन्दर प्राकृतिक दृश्य और रंगबिरंगी संस्कृति व विविधतापूर्ण रीति रिवाज़ों से लोगों को लुभाता है । तिब्बत को देखने और तिब्बत की यात्रा करने की चीन के भीतरी इलाके के लोगों समेत विभिन्न देशों के लोगों में भारी जिज्ञासा है । एक भारतीय संवाददाता ने तिब्बत की यात्रा की थी, उन की नज़र में तिब्बत कैसा है ? इस लेख में पेश की जाएगी उन के साथ हुई बातचीत ।

सी.आर.आई की संवाददाता के साथ हुई बातचीत---

भारतीय दोस्त आशिस कुमार चक्रवर्ती भारतीय समाचार एजेंसी टेलीग्राफ़ ऑफ़ इन्डिया के संवाददाता हैं । उन्होंने कई बार तिब्बत की यात्रा की है और तिब्बत में हुए भारी परिवर्तन को महसूस किया है। चाइना रेडियो इन्टरनेशनल की संवाददाता के साथ हुई बातचीत में श्री अशिस ने चीनी तिब्बत के प्रति अपनी भारी रूचि दिखायी।

वर्ष 2005 में श्री अशिस ने प्रथम बार तिब्बत की यात्रा की थी , तिब्बत में हुए भारी परिवर्तन को देख कर उन्हें आश्चर्य हुआ । उन्होंने कहा कि उन का देखा हुआ तिब्बत और पश्चिमी देशों के मीडिया में प्रसारित-प्रचारित तिब्बत में बहुत फर्क है । तिब्बती लोगों को धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक क्षेत्रों में उच्च स्वतंत्रता हासिल है । विशेष धार्मिक क्षेत्र में चीन सरकार ने तिब्बती बौद्ध मठों की मरम्मत के लिए भारी धनराशि खर्च की है । वर्तमान में ज्यादा से ज्यादा विदेशी लोग यात्रा के लिए तिब्बत आ रहे हैं । सब लोगों की नज़रो में तिब्बत एक स्वतंत्र व खुला तिब्बत है।

श्री अशिस ने कहा कि यहां आने के पूर्व उन का विचार था कि तिब्बत में जीवन बिताना मुश्किल है । लेकिन तिब्बत आने के बाद उन्हों ने देखा कि तिब्बती लोगों के जीवन स्तर में चीन के भीतरी इलाके के नागरिकों की तुलना में फर्क नहीं है । अब तिब्बत में यातायात की बहुत सुविधाएं हैं । राजधानी ल्हासा से लिन ची प्रिफैक्चर तक जाने में सिर्फ़ कुछ ही घंटे लगते हैं । कार में सवार होकर समतल मार्ग पर लिन ची प्रिफैक्चर जाना तो और भी सुविधाजनक है ।

श्री अशिस ने कहा कि वर्ष दो हज़ार पांच में अपनी तिब्बत यात्रा के दौरान उन्होंने देखा कि राजधानी ल्हासा के रेलवे स्टेशन का निर्माण जोरों पर था । छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग पर यातायात सेवा निकट भविष्य में शुरू होने की उम्मीद थी । उस समय श्री अशिस ने सोचा कि एक दिन वे छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग के जरिए एक बार फिर तिब्बत आएंगे। पहली जुलाई वर्ष दो हजार छ को छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग पर यातायात सेवा शुरू हो गयी । यह खबर मिलते ही श्री अशिस बहुत खुश हुए । वर्ष दो हज़ार छ के सितम्बर माह में चीनी तिब्बत के प्रथम सांस्कृतिक मंच का आयोजन हुआ । इस सुअवसर का लाभ उठाकर वे एक बार फिर चीन आए। सांस्कृतिक मंच के आयोजक की योजना के अनुसार मंच में उपस्थित विदेशी प्रतिनिधियों को छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग के जरिए तिब्बत ले जाया गया । इस तरह रेलमार्ग से श्री अशिस का फिर तिब्बत जाने का सपना साकार हुआ । हमारी बातचीत में उन्होंने कहा कि छिंगहाई-तिब्बत रेलमार्ग एक आश्चर्यजनक घटना है । छिंगहाई-तिब्बत पठार में रेल मार्ग का निर्माण करना बहुत मुश्किल बात है । चीन ने पठारीय मौसम तथा बर्फीली ज़मीन आदि तकनीकी मुश्किलों को पार कर एक महान रेल मार्ग का निर्माण किया है। चालीस वर्ष पूर्व विश्व की छत कहलाने वाले छिंगहाई तिब्बत पठार में रेल मार्ग का निर्माण अकल्पनीय बात थी ।

श्री अशिस ने कहा कि वे तिब्बत एक अविस्मर्णीय स्थल है । उन की आशा है कि यहां बार-बार आएंगे । वे यहां के सुन्दर प्राकृतिक दृष्य एवं विशेष संस्कृति का मज़ा लेने के साथ-साथ तिब्बत का निरंतर विकास देखना चाहते हैं ।