आगे हम जिस पत्र की चर्चा कर रहे हैं , वह शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश से आया है और राजकुमार सक्सेना का है , हमें बहुत दिनों से उन के हाथों लिखा पत्र प्राप्त हो गया है, अतः हम उन के आभारी हैं । राजकुमार सक्सेना ने अपने पत्र में लिखा है कि सी . आर .आई परिवार द्वारा भेजी डाक प्राप्त हुई , जिस में श्रोता वाटिका , ताईवान पर आधारित प्रश्नावली प्रपत्र तथा लिफाफा शामिल है । इन सभी को पा कर एवं पढ़ कर हमें बहुत खुशी हुई है , हम ने जिस लगन से सुन कर खत भेजा था , मेहनत कामयाब हुई है , कहावत सच है कि देर है लेकिन अंधेर नहीं । हम सी .आर .आई परिवार से जुड़े रहेंगे ।
आप के सभी कार्यक्रम एक से बढ़ कर एक है , सुश्री चाओ ह्वा का स्वर बहुत साफ होता है , वह दिल्ली में काफी समय व्यतीत कर चुकी है , स्वर चंद्रिमा तथा रूपा का भी अच्छा है । श्रोता वाटिका में जानकारी भरा लेख तथा फोटो बहुत अच्छे लगते हैं , चीन का इतिहास , आज का तिब्ब्त , सभी कार्यक्रम रोचक तथा ज्ञानवर्धक होते हैं । दिल्ली में स्थित हांगशान द्वारा भेजी गी रिपोर्ट अच्छी व सटीक होती है । थाईवान द्वीप के बारे में हमारी राय है कि यह चीन का एक हिस्सा है तथा उसे चीन में शामिल होना चाहिए । थाइवान और इस के बीच की दूरी मात्र 130 किलोमीटर है , जब यह चीन में सम्मिलित होगा , तब चीन की और बेहतर तरक्की हो सकेगी , ऐसी हमारी हार्दिक अभिलाषा है ।
राजकुमार सक्सेना को हम धन्यावाद देते हैं कि आप ने थाईवान द्वीप के बारे में सही राय बतायी है । सच है कि हजारों साल पहले ही थाईवान चीन का एक भाग बन गया है । वर्तमान की जो दोनों पक्षों की स्थिति बनी है , वह राजनीतिक कारण से हुई है , हमें विश्वास है कि चीन का अवश्य ही पुनरेकीकरण होगा ।
मुजफ्फरपुर बिहार से आए मुकेश कुमार के पत्र में कहा गया है कि श्रोताओं के पत्रों पर आधारित आप का साप्ताहिक कार्यक्रम सुना , इस कार्यक्रम में आप ने अनेक श्रोताओं के पत्रों को शामिल किया । कार्यक्रम में शामिल किए गए सभी पत्र रचनात्मक थे । यह बड़ी प्रसन्नता की बात है । आप इतने अधिक मात्रा में श्रोताओं के पत्र प्राप्त करते हैं और उन पत्रों को कार्यक्रम में उचित स्थान देते हैं । इस कार्यक्रम से संबंध का मेरा एक सुझाव है कि इस कार्यक्रम में रचनात्मक पत्रों का समावेश अधिक से अधिक होना चाहिए , वेसा करने से आप के कार्यक्रम के स्तर में उत्तरोत्तर वृद्धि होगी ।
मुकेश कुमार ने अपने पत्र में भारतीय पर्यटन मंत्री रेणुका चौधरी की चीन यात्रा की भी चर्चा की है । उन्हों ने कहा कि भारतीय पर्यटन की यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देना था । अभी हाल ही में यह देखा गया है कि दोनों देशों के बीच यात्रा करने वालों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है । यह इस बात को प्रतिबिंबित करता है कि दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ता जा रहा है । मैं कामना करता हूं कि आने वाले समय में दोनों देशों के बीच संबंध और मधुर हो तथा आपस में समझ बुझ में वृद्धि हो ।
मुकेश कुमार ने सही कहा है कि इधर के सालों में चीन और भारत के संबंध लगातार अच्छे होते जा रहे हैं और एक दूसरे के यहां यात्रा करने वाले लोगों की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई है , हमारी भी यही कामना है कि दोनों देशों के संबंध और मधुर होंगे और आपसी समझ व मित्रता लगातार बढ़ती जाएगी ।
आप ने पूछा है कि चीन और भारत के बीच अब क्या हवाई जहाज की सीधी उड़ान है , इस के उत्तर में अब जरूर हां है । जीहां , चीन के शांहगाई व पेइचिंग तथा भारत के नई दिल्ली के बीच सीधी हवाई उड़्डयन खुला है, जो हर हफ्ते में तीन उड़ान होती है । चाइना इस्ट एयर लाइनस् के यात्री विमान इसी हवाई सेवा करते हैं । हाल में बड़ी खुशखबरी मिली है कि चाइना इस्ट एयर लाइनस् ने इस हवाई सेवा के लिए कई अनेक रूप लावण्य भारतीय परिचारिकाओं को नियुक्त भी किए हैं । यदि हमारे कोई श्रोता चीन की यात्रा करने आना चाहते हो , तो वह नई दिल्ली में चाइना इस्ट एयर लाइनस् का विमान पकड़ सकते हैं और भारतीय परिचारिकाओं की सेवा में पेइचिंग आ सकते हैं ।

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