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(GMT+08:00) 2007-02-13 08:51:00    
"कोई चारा नहीं"और अन्य गीत

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दोस्तो, आई एर खन चीन के शिनचांग की वेवुर जाति के गायक है। उन्हें संगीत की गहरी जानकारी है, उसे गिटार बजाने का, गीत लिखने का और गाने का भी बराबर शौक है। कई वर्षों तक उसने गिटार बजाना सीखा है और इस में अपनी विशेष शैली विकसित की है, जिस में लैटिन गिटार, स्पेनिश गिटार के साथ वेवूर जाति की वादन परम्परा का मेल हुआ है। उस के गिटार वादन में अद्भुत जोश , उल्लास और उत्तेजना के साथ साथ उस का अपना व्यक्तित्व और संगीत की अंतर्राष्ट्रीय धारा को महसूस किया जा सकता है।

गायक आई एर खन का जन्म पश्चिम चीन के शिनचांग वेवुर स्वायत प्रदेश में एक अध्यापक के परिवार में हुआ । बचपन में ही उन्हों ने गिटार बजाना सीखा । वर्ष 1999 में उन्होंने चीन के जातीय विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद अपने सुंदर चेहरे, दिलकश आवाज और गिटार बजाने की कुशलता के कारण पेशेवर गायक का जीवन शुरू किया और अपने संगीत-दल की स्थापना की। इस संगीत-दल का नाम है आई एर खन संगीत दल। उस के गीतों में स्थानीय रंगत की विशेषता देखी जा सकती है, उसके संगीत-दल का वादन बड़ा जोशीला और उमंग से भरा हुआ होता है, जो श्रोताओं को खास कर युवाओं को मुग्ध कर देता है।

गीत 1 शहर की रात

आई एर खन का एक गीत 'शहर की रात'जिस की शैली बोसा नोवा संगीत की हल्की और रोमांटिक शैली है। गीत के बोल हैं—शहर की एक रात, सूना सूना रास्ता है, चलते-चलते दिमाग में सब साफ हो रहा है, धुंधला सा आकाश, किस के लिए मैं घर लौटूं। शहर में गगनचुंबी इमारतें हैं, मेरे दिल का ताला बंद हुआ , वापसी का रास्ता कहां है, शहर लोगों को अचेत सा बना देता है।

आई एर खन का संगीत बहुत लहरदार व सुरीला है और उसमें आरोह-अवरोह के तीखे नोच हैं, जो लोगों को भावनाओं के समुद्र में डुबो देते हैं। आई एर खन अपने संगीत-दल के नेता हैं। इस दल द्वारा तैयार संगीत बहुत रंगबिरंगा, अर्थ पूर्ण और प्रभावशाली है।

गीत 2 कोई चारा नहीं

आई एर खन का एक अन्य गीत 'अब कोई चारा नहीं'एक दुखभरा प्रेम गीत है। गीत के बोल हैं—हवा के झोंके ने धीरे से दरवाजें और खिड़कियां खोल दीं , ऐसा लगा , जैसे तुम धीरे-धीरे अंदर आईं, तुम्हारी आंखों में जो चमक है , वह मेरे मन के दुख को मानो धो रही है। तुमने कहा कि तुम सच्चे प्यार का इंतजार कर रही हो, मैं तुम्हारे पास जाना चाहता हूं , लेकिन रास्ता नहीं है। तुम्हारा इंतजार करते-करते टहल रहा हूं। क्यों तुम्हें इस बात का कभी भी एहसास नहीं हुआ।

गीत 3 दूसरा किनारा

गीत का शीर्षक है—दूसरा किनारा। गीत के बोल हैं—एक नवयुवक के मन में एक इच्छा थी, बाहर जा कर रंगबिरंगी दुनिया देखने की । बहुत तेज हवा चली , रास्ता दूर ही रहा , कितनी थकान झेलीं । उस के कानों में तुम्हारी पुकार की आवाज सुनाई पड़ी, तुम्हारे चेहरे पर बीती गुजरी जिन्दगी का रंग छाया , आंखों में कटु अनुभूति की झलक । किन्तु तुम्हारी ऊंगलियों पर स्नेह का स्पर्श था , उस की याद थी । संसार बदला और वक्त गुजरा । सपना कहां है?मेरे मन में दूसरा किनारा हमेशा मौजूद है।

गीत 4 फूल इतना लाल क्यों है

आई एर खन द्वारा गाया गया एक प्रसिद्ध फिल्म का गीत-- फूल इतना लाल क्यों है जिस की धुन पश्चिम चीन के पामीर पठार में प्रचलित एक लोकगीत के आधार पर बनायी गयी है। एक प्रसिद्घ संगीतज्ञ ने इस गीत का रूपांतर किया था। चीन के थांगछो संगीत-दल और गायक चङ चुन ने यह गीत गाया है। लेकिन आई एर खन द्वारा गाये गये इस गीत में टुटार, रवाब और हस्तढोल जैसे सिन्चांग के परम्परागत वाद्ययंत्रों और स्पेन के गिटार का साथ-साथ उपयोग होने के कारण इस गीत की लय और तेज और जोरदार हो गयी है, जिस से इस पारंपरिक लोक गीत में स्थानीय विशेषता के साथ-साथ आधुनिक एहसास का भी मेल हो गया है।