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(GMT+08:00) 2007-02-06 10:56:05    
हू चिंग-थाओ नामीबिया के दौरे पर

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नामीबिया के राष्ट्रपति पोहाम्बा के न्यौते पर चीन के राष्ट्राध्यक्ष हू चिंग-थाओ ने 5 तारीख को विंडहोका पहुंचकर नामीबिया का राजकीय दौरा शुरू किया।

नामीबिया अफ्रीकी महाद्वीप के दक्षिण पश्चिमी भाग में स्थित है,जो सूर्य के पर्याप्त धूप और सुहाने मौसन से लाभांवित है।वह बहुत पुराना इतिहास संपन्न देश तो है,लेकिन अफ्रीकी महाद्वीप में उपनिवेशी शासन से पिंड छुड़ाकर आजादी प्राप्त अंतिम देश भी।इसलिए उसे अफ्रीका में सब से जवान गणराज्य की संज्ञा दी गयी है।

चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिंग-थाओ 5 तारीख को अपने विशेष विमान से जब विंडहोका के हवाई अड्डे पहुंचे,तो वहां पहले से मौजूद रहे नामीबियाई लोगों ने नाचगान करते हुए उन का जोशीला स्वागत किया।

चीन और नामीबिया भौगोलिक दृष्टि से एक दूसरे से काफी दूर है,तो भी दोनों देशों की जनता के दिल एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।नामीबिया की स्वतंत्रता के दूसरे दिन ही यानी 22 मार्च 1990 को चीन ने उस के साथ राजयनिक संबंध स्थापित किया।चीन के राष्ट्राध्यक्ष हू चिंग-थाओ ने नामीबिया के राष्ट्रपति पोहाम्बा द्वारा उन के स्वागत में आयोजित भोज-समारोह में चीनी और नामीबियाई जनता के बीच के गहरे मैत्रीभाव की भूरि-भूरि प्रशंसा की।उन का कहना हैः

"नामीबिया के राष्ट्रीय मुक्ति के लिए संघर्ष के दौरान चीन ने उस का साथ दिया।नामीबिया के आजाद होने के उपरांत निर्माण-काल में चीन आपसी लाभ के सिद्धांत पर उस का साझेदार रहा।दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध की स्थापना के बाद के 17 वर्षों में अर्थतंत्र,

व्यापार,शिक्षा,चिकित्सा व स्वास्थ्य औऱ संस्कृति आदि क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग का लगातार विकास होता गया है और दोनों देश की जनता के बीच समझ व मैत्री दिनोंदिन बढती चली गई है।अंतर्राष्ट्रीय मामलों में दोनों देश हमेशा से एक दूसरे पर भरोसा और एक दूसरे का समर्थन करते आए हैं।नामीबिया सदैव एक चीन की नीति पर कायम रहा है और चीन के एकीकरण के महान कार्य का समर्थक रहा है।हम यह तथ्य भूल नहीं जाएंगे कि जब चीन को नामीबिया से समर्थन प्राप्त करने की जरूरत पड़ी,तो नामीबियाई सरकार और जनता ने बिना हिचकिचाए चीन को समर्थन दिया।चीन नामीबिया को अपना सब से विश्वसनीय मित्र मानता है।"

गत नवम्बर में चीन-अफ्रीकी सहयोग मंच का पेइचिंग में शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ,जिस में भारी उपलब्धियां हासिल हुईं।श्री हू चिंग-थाओ ने कहा कि उन की चालू नामीबिया-यात्रा का मुख्य मकसद नामीबियाई नेतागण के साथ पेइचिंग शिखर सम्मेलन में प्राप्त उपलब्धियों के अमलीकरण को लेकर विचार-विमर्श करना है।नामीबिया को आर्थिक विकास और जनजीवन-सुधार में समर्थन देने के लिए श्री हू चिंग-थाओ ने अनेक कदम घोषित किए।उन्हों ने कहाः

"चीन सरकार ने निर्णय लिया कि वह नामीबिया को निःशुल्क सहायता व ब्याजरहित ऋण देगी और वर्ष 2007 से 2009 तक के 3 सालों के भीतर नामीबिया को 1 अरब य्वान का अनुग्रहीत ऋण और निर्यात के लिए 10 करोड़ अमरीकी डालर का उदार करदान उपलब्ध कराएगी।"

इन कदमों में ये विषय भी शामिल हैं कि दमदार चीनी उद्यमियों को नामीबिया जाकर निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए,नामीबियाई उद्यमों के साथ व्यापारिक विकास,ढांचागत सुविधाओं के निर्माण और कृषि जैसे क्षेत्रों में सहयोग किया जाए,नामीबिया से आयात में इजाफा करने की कोशिश की जाए,द्विपक्षीय व्यापार के विस्तार के दौरान दोनों देशों के बीच संतुलन कायम किया जाए,नामीबिया में व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र व अस्पताल बनाए जाए,नामीबिया में युवा स्वयंसेवक भेजे जाए औऱ सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नामीबिया को मदद दी जाए।

नामीबिया के राष्ट्रपति पोहाम्बा ने कहा कि नामीबियाई सरकार और जनता नहीं भूलेंगी कि राष्ट्रीय मुक्ति के लिए संघर्ष और आर्थिक व सामाजिक विकास के दौरान नामीबियाई जनता के पक्ष में चीनी सरकार और जनता खड़ी हुई है।चीन ने नामीबिया का मूल्यवान समर्थन किया है।नामीबिया चीन के साथ अपनी मैत्री को कीमती मानता है और चीन के साथ विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के विकास में संलग्न रहेगा।श्री पोहाम्बा ने दोहरायाः

"नामीबिया सरकार एक चीन की नीति का पूरा समर्थन करती है।थाइवान चीन के भूखंड का एक अभिन्न अंग है।नामीबिया सरकार संप्रभुत्ता व प्रादेशिक अखंडता की रक्षा करने और एकीकरण के महान कार्य को पूरा करने के चीन के प्रयासों का ढृढ़ समर्थक है। "