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(GMT+08:00) 2007-02-06 10:32:13    
चीनी गायक आई एर खन और उन के गीत

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आज हम आप लोगों को चीन के चीन के शिनचांग की वेवुर जाति के गायक आई एर खन और उन के गीतों का परिचय देंगे।

गायक आई एर खन का जन्म पश्चिम चीन के शिनचांग वेवुर स्वायत प्रदेश में एक अध्यापक के परिवार में हुआ । बचपन में ही उन्हों ने गिटार बजाना सीखा । वर्ष 1999 में उन्होंने चीन के जातीय विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद अपने सुंदर चेहरे, दिलकश आवाज और गिटार बजाने की कुशलता के कारण पेशेवर गायक का जीवन शुरू किया और अपने संगीत-दल की स्थापना की। इस संगीत-दल का नाम है आई एर खन संगीत दल। उस के गीतों में स्थानीय रंगत की विशेषता देखी जा सकती है, उसके संगीत-दल का वादन बड़ा जोशीला और उमंग से भरा हुआ होता है, जो श्रोताओं को खास कर युवाओं को मुग्ध कर देता है।

गीत 1 फूल इतना लाल क्यों है

श्रोता दोस्तो, आई एर खन द्वारा गाया गया एक प्रसिद्ध फिल्म का गीत--" फूल इतना लाल क्यों है" की धुन पश्चिम चीन के पामीर पठार में प्रचलित एक लोकगीत के आधार पर बनायी गयी है। एक प्रसिद्घ संगीतज्ञ ने इस गीत का रूपांतर किया था। चीन के थांगछो संगीत-दल और गायक चङ चुन ने यह गीत गाया है। लेकिन आई एर खन द्वारा गाये गये इस गीत में टुटार, रवाब और हस्तढोल जैसे सिन्चांग के परम्परागत वाद्ययंत्रों और स्पेन के गिटार का साथ-साथ उपयोग होने के कारण इस गीत की लय और तेज और जोरदार हो गयी है, जिस से इस पारंपरिक लोक गीत में स्थानीय विशेषता के साथ-साथ आधुनिक एहसास का भी मेल हो गया है।

गायक आई एर खन को संगीत की गहरी जानकारी है, उसे गिटार बजाने का, गीत लिखने का और गाने का भी बराबर शौक है। कई वर्षों तक उसने गिटार बजाना सीखा है और इस में अपनी विशेष शैली विकसित की है, जिस में लैटिन गिटार, स्पेनिश गिटार के साथ वेवूर जाति की वादन परम्परा का मेल हुआ है। उस के गिटार वादन में अद्भुत जोश , उल्लास और उत्तेजना के साथ साथ उस का अपना व्यक्तित्व और संगीत की अंतर्राष्ट्रीय धारा को महसूस किया जा सकता है।

गीत 2 पालांग

आई एर खन द्वारा गाया गया "पालांग"नामक एक गीत जिस में वेवूर जाति के लोक संगीत की ताल में दक्षिणी अमरीका के जॉज संगीत और ग्रामीण संगीत का अद्भुत मेल हुआ है , जिसे सुनते हुए एक नई तरह की ताजगी का एहसास होता है। 'पालांग' वेवूर जाति में नवयुवा के लिए एक संबोधन है। इस गीत में एक नवयुवक का खुला , विनोद भरा स्वभाव और प्रेम की भावना बड़े हल्के फुल्के ढंग से दर्शायी गयी है।

2004 से अब तक आई एर खन की क्रमश:तीन एल्बम सामने आई हैं"रेगिस्तान से बाहर आया ताओ लांग","एक हजार और एक रातें","शहर की रात"। आई एर खन के संगीत में शिनचांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश की पारंपरिक संगीत की शैली, न्यू ऐज संगीत, बोसा नोवा संगीत आदि पश्चिम की अत्याधुनिक संगीत शैली रचनात्मक रूप से मिला कर प्रयोग किए गए हैं। इन गीतों में विश्व संगीत की झलकियां दिखाई पड़ती हैं। आई एर खन का संगीत शिनचांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश के पारंपरिक संगीत को आधार जरूर बनाता है, लेकिन केवल शिनचांग का संगीत बन कर वह नहीं रहता, वह देश की सीमा को लांघ कर दुनिया भर के संगीत से अपना नाता जोड़ता हुआ अंतर्राष्ट्रीय स्तर ग्रहण करता है। और इसीलिए श्रोता आई एर खन का संगीत सुनते हुए विश्व बंधुत्व और मानवता की एक संस्कृति को महसूस करते हैं।

गीत 3 शहर की रात 

आई एर खन का गीत 'शहर की रात' जिसकी शैली बोसा नोवा संगीत की हल्की और रोमांटिक शैली है। गीत के बोल हैं—शहर की एक रात, सूना सूना रास्ता है, चलते-चलते दिमाग में सब साफ हो रहा है, धुंधला सा आकाश, किस के लिए मैं घर लौटूं। शहर में गगनचुंबी इमारतें हैं, मेरे दिल का ताला बंद हुआ , वापसी का रास्ता कहां है, शहर लोगों को अचेत सा बना देता है।

आई एर खन का संगीत बहुत लहरदार व सुरीला है और उसमें आरोह-अवरोह के तीखे नोच हैं, जो लोगों को भावनाओं के समुद्र में डुबो देते हैं। आई एर खन अपने संगीत-दल के नेता हैं। इस दल द्वारा तैयार संगीत बहुत रंगबिरंगा, अर्थ पूर्ण और प्रभावशाली है।