आज के इस कार्यक्रम में पटेल नगर दिल्ली के नरेश कुमार,बोका बिहार के कुमोद नारायण सिंह और उत्तर प्रदेश के नागेन्द्र कुमार के पत्र शामिल हैं।
पटेल नगर दिल्ली के नरेश कुमार ने अपने पत्र में पूछा है कि क्या चीन में भी अधिक वृद्ध लोगों को धमनियों के सख्त होने की बामारी है और इस बीमारी के लक्षण क्या हैं?
भैय्या,चीन में धमनियों का सख्त होना अधिकाधिक लोगों खास कर बुढ़ापे के लिए एक अभिशाप बन गया है.ऐसा इसलिए क्योंकि इस से उत्पन्न होने वाली बीमारियों ने वृद्ध लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है.चिकित्सकों का कहना है कि महानगरीय जीवन शैली में शामिल भौतिक सुखों ने बढ़ती उम्र के लोगों में अनेक नए रोगों को जन्म दिया है. 50 साल की आयु पार करने के बाद आराम परस्त लोगों में प्राय:धमनियों के अंदर की दीवारें मोटी होने लगती है. और इन का लचीलापन कम होता जाता है.इस स्थिति में रक्त वाहक धमनियां सख्त हो जाती हैं.
इस बीमारी के कारण हृदय,मस्तिष्क,किडनी,कलाई और पांवों को रक्त पहुंचाने वाली धमनियों में रक्त का प्रवाह अवरूद्ध हो जाता है. हृदय को रक्त की आपूर्ति सुचारू रुप से नहीं हो पाती है. रक्त का प्रवाह अवरूद्ध होने की स्थिति को ही हार्ट अटैक अथवा दिल का दौरा पड़ना कहते हैं.
शरीर के किसी अंग और कोशिका में ऑक्सीजनयुक्त रक्त की समुचित आपूर्ति नहीं होती है,तो वे भूख से तड़प उठते हैं. इस तरह ह़ृदय की समुचित ऑक्सीजनयुक्त रक्त की आपूर्ति में ऱूकावट होने से सीने में दर्द उठता है जिसे एंजाइना कहते हैं. एंजाइना का दर्द वास्तव में चेतावनी है, यदि उस का तुरंत उपचार कर लिया जाता है तो ठीक अन्यथा व्यक्ति को पूरी तरह से दिल का दौरा पड़ जाता है अथवा मायोकार्डिनल इनफ्रैक्शन miocardial infarction भी हो सकता है. इसी प्रकार यदि पैरों को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों में रुकावट पैदा होती है तो व्यक्ति की जंघा,नितंब और पिंडलियों में दर्द उठता है. इसे लोग अटैक भी कहते हैं जिस में पीडित व्यक्ति का चलना कठिन हो जाता है. ऐसी हालत में रोगी के ऊतक की मृत्य हो सकती है. इस के उपचार में देरी से पीड़ित व्यक्ति का पैर काटने की नौबत भी पड़ सकती है. इस के अलावा शरीर के निचले हिस्से यानी पैरों में अन्य लक्षणों में पांव का ठंडा होना, पांव को ऊंचा उठाने पर इस का पीला दिखाई पड़ना,पांव अथवा पंजे का नीला-लाल रंग जैसा दिखाई देना और घाव का ठीक न होना आदि प्रमुख हैं.
रक्त वाहक धमनियों को सख्त होने से बचाने और संबंधित रोगों से पीड़ित व्यक्तियों के भंले-चंगे होने के लिए चिकित्सीय मदद के साथ सुबह की सैर एवं व्यायाम जरूरी है.
बोका बिहार के कुमोद नारायण सिंह का सवाल है कि किस चीनी नाविक ने सर्वप्रथम अमरीका की खोज की? उत्तर प्रदेश के नागेन्द्र कुमार ने भी इस के बारे में सवाल पूछा है
भैय्या,आप के इस प्रश्न ने हमे अचंभे में डाल दिया है. इस से पहले हम ने ऐसी कोई खबर नहीं सुनी कि अमरीका की खोज किसी चीनी द्वारा की गयी थी. 8 मई 2005 को प्रकाशित भारतीय अखबार दैनिक जागरण में " कोलंबस से पहले चीनी नाविक ने खोजा था अमेरीका" विषयक एक रिपोर्ट जरूर छपी थी. इस में कहा गया है कि ब्रिटेन के पूर्व नौसेना अधिकारी गेविन मेंजीस के अनुसार कोलंबस से 7 दशक पहले ही चीन का एक नौसेना कमांडर झेंग हे अमरीका की धरती पर पहुंच गया था. मेंजीस की पुस्तक " 1421 द इयर चाइना डिस्कवर्ड अमेरीका " में प्रमाणों के साथ बताया गया है कि एडमिरल झेंग 15वीं शताब्दी में एक विशालकाय जलपोत बेड़े का कमांडर था औऱ 300 जहाजों वाले इस बेड़े पर 30 हजार से अधिक लोग सवार थे. चीनी साम्राज्य का विस्तार करने के इरादे से निकले झेंग ने 1421 में ही अमरीका की खोज कर ली थी जबकि कोलंबस 1492 में अमरीका पहुंचा था.
हमारे विचार में यह खुद श्री मेजीस द्वारा की गयी एक नयी खोज है, जिस की पुष्टि की जाने की आवश्यकता है और सही नतीजे पर पहुंचने में जरूर समय लगेगा. अभी चीन के पास इस के बारे में कोई भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है. अगर अमरीका की खोज किसी चीनी द्वारा की गयी होती, तो चीनियों के लिए यह गर्व की एक बड़ी बात होती. बस,यह मुद्दा इतिहासकारों पर छोडें. इस पर आकादमिक बहस होने की जरूरत है.
कुमोद नारायण सिंह यह भी पूछते हैं कि चीन में किस अंक को शुभ माना जाता है?
आम तौर पर चीनी लोग समझते हैं कि अंकों में शुभ और अशुभ का फर्क नहीं होता.पर कुछ लोगों को 6 और 8 अंक ज्यादा पसन्द आते हैं. इस का कारण है कि चीनी भाषा में 6 और 8 के उच्चारण क्रमश: सकुशलता और विकास दो शब्दों के उच्चारणों से काफी मिलते-जुलते हैं. लोग इन दो अंकों से अपनी खुशकिस्मती की आशा करते हैं.

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