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(GMT+08:00) 2007-01-26 15:21:41    
सिन्चांग की कोयला खान दमकल टीम की कहानी

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चीन के सिन्चांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश में कोयला संसाधन बहुत समृद्ध है , जिस का अनुमानित भंडार 18 खरब टन होता है , यह मात्रा देश के कुल कोयला भंडारण का करीब आधा भाग बनती है । लेकिन सिन्चांग के बहुत से कोयला क्षेत्रों में चल रही भीषण आग से वहां के कोयला संसाधन के अस्तित्व को बड़ा खतरा पनपा। लम्बे अरसे से व्यापक क्षेत्रों में फैली कोयले की आग ने सिन्चांग की प्राकृतिक स्थिति और संसाधन को अकूल क्षति पहुंची है। किन्तु इधर के सालों के निरंतर व अथक प्रयासों के फलस्वरूप सिन्चांग की कोयला खानों में लगी आग पर काबू पाया गया है , इस का श्रेय वहां सक्रिय सिन्चांग कोयला खान दमकल टीम को जाता है।

संबद्ध आंकड़ों के अनुसार पिछली शताब्दी के अस्सी वाले दशक में सिन्चांग के 88 कोयला क्षेत्रों के करीब 50 प्रतिशत खानों में आग चल रही थी , जिस से हर साल आग से एक करोड़ 70 लाख टन कोयला बेकार जल कर राख हो जाता है । सिन्चांग के कोयला क्षेत्रों में चल रही भीषण आग आम तौर पर दो कारणों से लगी है । पहले , सिन्चांग की कुछ खुली कोयला खानों में तापमान बहुत ऊंचा है , एक निश्चित ताप पर पहुंचने के बाद कोयला स्वतः जल उठता है । दूसरा कारण है कि विभिन्न कालों में बहुत सी छोटी कोयला खानों का दोहन असुव्यवस्थित तौर पर किया गया , ऐसी कोयला खानों में आग बूझाने की व्यवस्था नहीं थी , जब वहां आग लगी , तो खान मालिक प्रायः उसे यों छोड़ कर नयी खान का दोहन करने लगते थे , जिस के कारण आग फैलने का कुचक्र बन जाता था और आग के दायरे ने धीरे धीरे व्यापक आकार ले लिया । सिन्चांग के सूखे मौसम और तूफान ने भी आग में घी डालने का काम किया । कोयला खानों में धधकती आग ने न सिर्फ बड़ी मात्रा में ऊर्जा संसाधन को बर्बाद कर दिया , साथ ही सिन्चांग के पर्यावरण व जन जीवन को भी बुरी तरह प्रभावित कर दिया है । कोयला खान में आग लगने से बड़ी मात्रा में हानिकार गैस हवा में छोड़े जाते है , जिस से वायु प्रदूषित होता है ,एसिड वर्षा पैदा होती है , ऑजोन परत बर्बाद होती है , भू-सतह फट जाती है व नीचे धंस पड़ती है और मानव में श्वास नली रोग उत्पन्न होता है ।

कोयला खान की आग को बूझाने के लिए वर्ष 1958 में सिन्चांग ने अपनी प्रथम कोयला खान दमकल टीम कायम की , पिछले 40 से ज्यादा सालों में पांच सौ से ज्यादा लोगों से गठित इस दमकल टीम ने विभिन्न कोयला खानों व क्षेत्रों में लगी आग को बूझा दिया है , जिन का कुल क्षेत्रफल एक करोड़ वर्ग मीटर हो गया है । इस के अलावा उन्हों ने अस्सी लाख वर्ग मीटर के घास मैदान पर लगी आग को भी बूझाया , जिस से वहां का पर्यावरण काफी सुधर गया है ।

पिछले 40 से ज्यादा सालों के अनुभवों के आधार पर सिन्चांग कोयला खान दमकल टीम ने आग बूझाने के कारगर तरीके तैयार किए । टीम के दूसरे दल के नेता श्री तु सिन्चांग ने कहाः

आग बूझाने के लिए हम पहले ब्लुडोजर से आग लगने की जगह को खोल देते है , यदि वहां मजबूत पत्थर हो , तो बारूद से उसे विस्फोट कर तोड़ देते है , फिर ड्रेलिंग कर अग्नि केन्द्र का पता लगाते है , आम तौर पर आग के केन्द्र स्थल पर आग का शोला दर्जनों मीटर से सौ मीटर तक होता है । उस के भीतर ड्रेलिंग के बाद पानी और कीचड़ उंडेल देते हैं और अंत में मिट्टी डाल कर हवा को आग से अलग कर देते हैं ।

आग को बूझाने में पानी बड़ी मात्रा में आवश्यक होता है , लेकिन सिन्चांग के कोयला क्षेत्रों में पानी की बहुत कमी है, इसलिए दमकल टीम के सदस्ययों और इंजिनियरों को पानी स्रोत तलाशने , कुआ खोदने और पानी सप्लाई के लिए पाइप लाइन बिछाने में कड़े परिश्रम करना पड़ता है , उन्हें अकसर वीरान पहा़ड़ी क्षेत्र में दसियों किलोमीटर लम्बी पाइप लाइन लगाना पड़ा । अच्छी तरह अपनी जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए वे पानी डाल कर तापमान को कम करने , ड्रेलिंग करने , कीचड़ उंडेल देने तथा मिट्टी डालने के हर काम में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं । अब सिन्चांग कोयला खान दमकल टीम किसी भी भीषण आग ग्रस्त क्षेत्र को अग्नि आफत से मुक्त कराने में केवल दो करोड़ 40 लाख य्वान का खर्च करती है , यह रकम विश्व के अन्य देशों के इस काम पर खर्च से दो तिहाई कम है । सिन्चांग दमकल टीम से अनुभव सीखने के लिए दूर दूर विश्व के अन्य देशों से लोग आते हैं और उन के विशेषज्ञ सिन्चांग के अनुभवों से बहुत प्रभावित हुए हैं ।

वास्तव में सिन्चांग कोयला खान दमकल टीम का जीवन बहुत कठोर है , आग बूझाने में कामयाबी हासिल करने के लिए उन्हों ने कठोर परिश्रम किया है । वे निर्जन वीरान क्षेत्रों में रहते हैं , जीवन के प्रति अकसर खतरा भी उत्पन्न होता है । कभी कभी एक आग क्षेत्र में कई सालों तक आग से जूझते रहे , काम पूरा करने के बाद वे तुरंत दूसरे घटना स्थल के लिए चले जाते हैं । वर्षों से निर्जन क्षेत्र में रहने के कारण उन्हें बहुत अकेलापन महसूस होता है । श्री तु सिनचांग ने कहाः

हम अकसर रेगिस्तान में ठहरते है , वहां मानव का चिन्ह नहीं है , मोबाइल फोन भी सिगनल नहीं पकड़ सकता । टीम ने हमारे लिए फिक्स फोन लगाया है , लेकिन हमारे दल में 56 सदस्य हैं , घर को तेलीफोन करने के लिए लाइन में इंतजार करना पड़ता है।

किन्तु मौन पहाड़ , भीषण आग और अकेलापन की अनुभूति के सामने दमकल टीम के सदस्यों का मन कभी उचाट नहीं जाता । वे अपने बलिदान पर कायम रहते है । जब यह देखा कि एक एक कोयला खान पर आग बूझ गयी और विशाल भूमि आग की चपेट से निजात हुई , तो उन के दिल में बड़ा गर्व का भाव पैदा हो जाता है । दमकल टीम के दूसरे दल के उप नेता श्री रनछुनशी ने टीम सदस्यों के मन की बात कहीः

यदि हमारे जैसे लोग नहीं रहते होते और हम यह काम नहीं करते होते, तो न जाने कितने ज्यादा कोयला संसाधन नष्ट हुआ होता । हमें लगता है कि देश के हरेक काम को पूरा करने के लिए लोगों के समर्पित होने की जरूरत है । देश के कीमती कोयला ऊर्जा की रक्षा करना एक बहुत गौरव का काम है ।

अतीत में जब सिन्चांग के कोयला क्षेत्रों के अग्नि ग्रस्त इलाके गए , तो हर जगह बड़े बड़े नीचे धंसे हुए गढ्ढे दिखाई पड़ते थे और खान मार्गों में आग धधती हुई निकलती थी , किसी किसी जगह आग की लपट दो मीटर ऊंची पहुंच जाती थी , भूमि पर पेड़ पौधे मूरझे हुए थे और घास मैदान आग से बर्बाद हुआ था ।

दलकल टीम के दो पीढियों के सदस्यों के दशकों के निरंतर और कठोर संघर्षों के बाद आज सिन्चांग के इन क्षेत्रों में हरियाली पुनः वापस आयी , जहां पहले आग का तांडव मच रहा था , वहीं आज पेड़ पौधों की झाड़ियां उगी हुई हैं और बेल बकरी आराम से चर रहे हैं । 76 वर्षीय चरवाह श्री छन क्लो वांग हरे भरे घास पर बैठे इतमीनान से सिगरेट का मजा ले रहे है , उन्हों ने हमें बताया कि अतीत में इस स्थान पर कड़ी गर्मी होती थी , यहां से दो तीन किलोमीटर दूर आग क्षेत्र था , वहां जगह जगह आग के गढ्ढे थे , उन में निकली हुई धूंए बहुत घनी और ऊंची थी , लोगों को बड़ा घुटन लगता था । आज देखो , नीले आकाश में सफेद बादल तैर रहा है , हर जगह हरियाली बिछी है , बेल बकरी आराम से चर रहे हैं और पक्षी खुले में उड़ान भर रही है ।

सच तो यह है कि एक के बाद एक आग ग्रस्त क्षेत्र को चरागाह के रूप में बदले जाने के परिणामस्वरूप सिन्चांग कोयला खान दमकल टीम के लिए रह गया काम भी ज्यादा नहीं है । टीम सदस्यों के कंधे पर काम का बोझ भी हल्का हुआ और उन्हें घर वालों के साथ सुखमय पारिवारिक जीवन बिताने के समय भी ज्यादा मिलने लगा । टीम सदस्य की पत्नी चांग शा ने हमें बतायाः

मेरा पति ट्रक चालक है , उन के साथ शादी के शुरूआती दो तीन सालों में मुझे बड़ी परेशानी हुई थी , मैं ने काही इस किस्म का पेशा करने वाले को अपना पति चुना , जब जीवन में कठिनाई हुई , तो उसे दूर करने में हाथ बटाने के लिए कोई नहीं था । मुझे सचमुच उन पर आपत्ति थी , शादि के अब चार साल हुए है , हम दोनों ने एक भी जन्म दिवस साथ साथ नहीं मना सका । आज मेरा जन्म दिवस है , इस साल उन की छुट्टी पहले ही मिली है , वे मेरे जन्म दिवस पर मुझे खिलाएंगे।

यों तो जन्म दिवस पर खाना खिलाना कोई खास बात नहीं है , लेकिन दमकल टीम के सदस्यों के परिवार जनों के लिए यह वर्षों से अपेक्षा में बाट जोहने का मौका है । दमकल टीम के अथक प्रयत्नों के फलस्वरूप अब तक ज्ञात हुए 35 आग ग्रस्त कोयला क्षेत्रों में से 32 पर आग बूझाने का काम पूरा हो गया है , शेष दो तीन पर का काम भी पूरा होने वाला है । उस समय जा कर सिन्चांग के इन सभी क्षेत्रों में हरियाली वापस आयेगी और वहां के लोग भी अमनचैन का जीवन बिताएंगे और दमकल टीम के सदस्य भी शांति का जीवन गुजारने लगेंगे ।