तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के उपाध्यक्ष श्री तन श्याऊ कांग ने 23 तारीख को ल्हासा में आयोजित तिब्बत वाणिज्य कार्य सम्मेलन में कहा कि इस वर्ष तिब्बत दक्षिण एशिया के बड़े थल मार्ग का निर्माण तेज़ करेगा, और सक्रिय रूप से दक्षिण एशियाई देशों के साथ व्यापारिक आदान-प्रदान शुरु करेगा।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के वाणिज्य ब्यूरो द्वारा प्रदान किये गये आंकड़ो के अनुसार वर्ष 2006 में तिब्बत में आयात-निर्यात का कुल व्यापार मूल्य 29 करोड़ अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया, जो वर्ष 2005 की इसी अवधि से 40 प्रतिशत से ज्यादा है ।
वर्ष 2006 की जुलाई की एक तारीख को छिंङहाए-तिब्बत रेल मार्ग पर औपचारिक यातायात की शुरूआत हुई। ठीक उसी महीने में चीन-भारत दोनों देशों ने फिर एक बार तिब्बत के शिगाजे क्षेत्र के यातोंग कांउटी से भारत के सिक्किम की सीमा पर स्थित नाथू ला दर्रा खोल दिया। 44 वर्षों तक बंद रहने के बाद व्यापार रास्ते के फिर से खुलने से परिवहन के खर्च में बड़ी कमी आई। इस के बाद तोंगछिनकांग के अस्थायी सीमांत व्यापार बाजार का निर्माण समयानुसार पूरा हुआ जिससे चीन के दक्षिण एशिया क्षेत्र में बड़े थल व्यापार मार्ग के निर्माण में तेजी आई।
श्री तन श्याऊ कांग ने परिचय देते हुए कहा कि तिब्बत सीमा पर स्थित होने की श्रेष्ठता से लाभ उठाकर कस्टम चौकी के बुनियादी निर्माण को मजूबत करेगा, चौकी की कार्य क्षमता में सुधार करेगा और तिब्बत के खुलेपन को विस्तृत करेगा ।
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