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(GMT+08:00) 2007-01-22 16:35:35    
चीन में खनिज तेल व गैस के भंडार

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आज के इस कार्यक्रम में मऊ उत्तर प्रदेश के राजेन्द्र यादव भारती,उषा देवी भारती,दीपाजंली और आज़मगढ़ उत्तर प्रदेश के अहमद ज़या अंसारी के पत्र शामिल हैं.

मऊ उत्तर प्रदेश के राजेन्द्र यादव भारती, उषा देवी भारती,दीपाजंली ने अपने पत्र में पूछा कि क्या चीन में खनिज तेल पाया जाता है ?अन्य अनेक श्रोताओं ने भी चीन में गैस के भंडार के बारे में जानकारी हासिल करने की इच्छा प्रकट की है.

दोस्तो,चीन में तेल व गैस के भंडार हैं.ऐतिहासिक ग्रंथों से पता चला है कि चीन ने संसार में सब से पहले तेल का प्रयोग आरंभ किया था.ईस्वी सदी के शुरु में पेट्रोलियम ज्वलनशील पानी के नाम से जाना जाता था.ईसा की तीसरी सदी में इस का नाम बदलकर पत्थर की लाख हो गया.बाद में पेट्रोलियम क्रमश: चर्बी का पानी,काला तेल आदि के नाम से पुकारा जाता था और 11वीं सदी में महान चीनी वैज्ञानिक सुंग क्वा ने इस का चीनी नाम दिया पत्थर का तेल. आज भी चीन में पेट्रोलियम को पत्थर का तेल कहा जाता है.चीन में तेल का प्रयोग करने का इतिहास तो बहुत लम्बा है,लेकिन तेल उद्योग के विकास की गति बहुत ही धीमी रही है.सन् 1948 में चीन में केवल 89 हजार टन तेल का उत्पादन ही होता था.

1949 में चीन लोक गणराज्य की स्थापना के बाद तेल उद्योग के विकास पर जोर दिया गया और बड़े पैमाने पर तेल एवं गैस के सर्वेक्षण का काम शुरू किया गया .पिछली शताब्दी के सातवें दशक में उत्तर पूर्वी चीन के ताछिंग तेल-क्षेत्र का निर्माण चीन के तेल उद्योग के इतिहास में एक नया मोड़ माना जाता है.1963 में चीन तेल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो गया.और उधर पोहाई खाड़ी के किनारे पर भी कई बड़े-बड़े तेल-क्षेत्रों का पता लगाया गया.फलस्वरूप 1978 में तेल का उत्पादन 10 करोड़ टन हो गया.इस से चीन दुनिया के प्रमुख तेल उत्पादक देशों की पांतों में खड़ा हो गया.

पिछले बीस से अधिक वर्षों में उत्तर-पश्चिमी चीन के तारिमू ,चुंगर और तुरूफान आदि बेसिनों में तथा पीत सागर,पूर्वी चीन सागर और दक्षिण चीन सागर के जल क्षेत्रों में भी तेल का सर्वेक्षण किया गया और भारी उपलब्धियां प्राप्त हुईं,इस प्रकार चीन में तेल का वार्षिक उत्पादन 18 करोड़ टन और प्राकृतिक गैस का सालाना उत्पादन 70 अरब घनमीटर के स्तर पर बना रहा है.ताछिंग,शंगली,ल्याओहो,शिनच्यांग औऱ तारिमू आदि 21 तेल और गैस उत्पादन केंद्र देश को ऊर्जा की अनवरत आपूर्ति कर रहे हैं.

उत्तर-पश्चिमी चीन तथा उत्तर चीन में बड़े-बड़े गैस क्षेत्रों का निर्माण हो चुका है.इन गैस क्षेत्रों से पाइप लाइनों के द्वारा गैस पेइचिंग और दूसरे बड़े शहरों तक पहुंचायी जा रही है.2005 के अंत में चीनी राजकीय भू-संसाधन मंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वर्ष 2010 तक चीन में तेल का उत्पादन 20 करोड़ टन तक जा पहुंचेगा और यह आंकड़ा कम से कम 15 वर्षों तक बना रहेगा.उन्होंने यह जानकारी भी दी कि अगले 15 वर्षों में चीन प्राकृतिक गैस भंडारों का पता लगाने के कार्य में तेजी लाएगा और 4 खरब से 5 खरब घनमीटर गैस का सालाना पता लगाने की कोशिश की जाएगी .इस तरह वर्ष 2010 तक गैस का उत्पादन 1 खरब 10 अरब घनमीटर और 2020 तक 1 खरब 70 अरब घनमीटर हो जाएगा.अनुमान के अनुसार वर्ष 2010 तक चीन में तेल की मांग करीब 40 करोड़ टन होगी,जिस की 50 प्रतिशत आपूर्ति खुद चीन कर सकता है,शेष भाग की आपूर्ति विदेशों से तेल के आयात पर निर्भर होगी.

आज़मगढ़ उत्तर प्रदेश के अहमद ज़या अंसारी पूछते हैं कि चीनी नागरिक कितने देशों में रहते हैं और चीन में कितने देशों के नागरिक पाए जाते हैं?

ऐतिहासिक ग्रंथों के अनुसार ईसा पूर्व 17वीं शताब्दी से ही चीनी लोगों ने समुद्र पारकर अमरीका,पश्चिमी एशिया औऱ अफ्रीका जाकर बसना शुरू कर दिया था.19वीं शताब्दी के मध्य से प्राकृतिक आपदाओं और युद्धों के कारण चीनी लोगों का बड़े पैमाने पर अमरीका एवं ऑस्ट्रेलिया के अलावा यूरोप व पूर्व दक्षिणी एशियाई देशों में पलायन शुरू हुआ.इधर के 20,30 वर्षों में चीन के हांगकांग,थाईवान तथा मुख्यभूमि से बड़ी संख्या में लोग विदेशों में जा कर बसे हैं. अमरीका,कनाडा,ऑस्टेलिया और यूरोपीय देशों में चीनी प्रवासियों की संख्या सब से ज्यादा है.दक्षिण अफ्रीका,जापान,थाइलैंड,इंडोनेशिया,मलेशिया,सिंगापुर,रूस औऱ भारत आदि देशों में भी चीनी प्रवासी हैं.आखिरकार विदेशों में रह रहे चीनी आव्रजनों की संख्या कितनी है ? इस का जवाब अलग-अलग है.पर आम राय है कि दुनिया में जहां धूप पड़ सकती है,वहां चीनी आव्रजन मौजूद हैं.

जहां तक चीन में कितने देशों के नागरिक होने का सवाल है,इस का सही जवाब देना भी मुश्किल है.हम कहीं से भी संबंधित आंकडा प्राप्त नहीं कर सके हैं.हमारी जानकारी के अनुसार चीन में मुख्यत: अमरीका,कनाडा,जर्मनी,ब्रिटेन,फ्रांस,ऑस्ट्रेलिया,जापान,दक्षिणी कोरिया और रूस के नागरिक दिखते हैं.उन में से अधिकांश चीन में व्यापार करते हैं या बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम करते हैं.

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