• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2007-03-05 08:39:28    
एक लेखक को उसके सीमाओं की जानकारी होनी चाहिए

cri

इन दिनों एक ऐसा दिन गुजरता नहीं है जिसमें हानहान एक या दूसरे तरीके का सनसनीखेज खबर को न पैदा करते हो। इस बार इस 24 वर्षीय लेखक और रेस कार चालक ने तब लोगों का ध्यान अपने ओर तब आकर्षित किया जब उसके एक ब्लोग पोस्टिंग को एक हाई स्कूल के व्याकरण परीक्षा में एक नकारात्मक उदाहरण के रुप में उपयोग किया गया।

हान इस बात से काफी नाखुश हुए। हालांकि उन्होंने अपने द्वारा की गये ब्लोग पोस्टिंग में उसके द्वारा की गये गल्तियों को स्वीकारा उसने चीनी शिक्षा प्रणाली की निंदा इस आधार पर की की चीनी शिक्षा व्यर्थ में मतलब रहित समीक्षा करने पर ध्यान देती है और कई बार उन विषयों पर जोर देती है जिनको लेखक खुद नजरअंदाज कर देते हैं। आगे उन्होंने उनकी निंदा करने वालों को कहा की, साधारण तौर पर देखा जाय तो यह विषय जरा भी महत्तवपूर्ण नहीं है, और गंभीरता से देखा जाय तो यह लेखक के अधिकारों का उल्लंघन हैं।

गलत वाक्यों को पढ़ने के बाद मुझे लगा की हानहान ने कई गल्तियाँ की लेकिन वे सभी गल्तियाँ उतने गंभीर नहीं थे की उनके लेख का मतलब ही बदल जाये। शायद ये गल्तियाँ उन से इसलिए हुई क्यों की वे व्लोगिंग के समय काफी तेजी से टाइपिंग की। वे अगर खुद पोस्टिंग से पहले अपने लेख की एडिटिंग करते तो वे खुद अपने गल्तियों को सुधार लेते।

गल्तियाँ आम तौर पर हम में से किसी से भी हो जाता है। कई बार आधे से अधिक गल्तियाँ टाईपिंग से जुड़ी हुई होती हैं लेकिन इसके वजह से की गयी गल्तियों को कतई नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। साथ में इस बात की भी बात ध्यान में रखना चाहिए की इऩ गल्तियों से लेखकों की काबिलियत का बिल्कुल अंदाजा लगाया नहीं जा सकता।

ब्लोगिंग साईटों में गल्तियों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए क्यों की इन साईटों का उद्येशय मनोरंजन हैं और प्रकाशन नहीं। लेकिन हान हान जैसे लेखकों की बात अलग है क्यों की वे पेशेवर लेखक हैं ओर इन के द्वारा लिखी गयी लेखों को लाखों नौजवान पढ़ते हैं और ऐसे जानेमाने लेखकों के द्वारा लिखे गये लेखों में की गयी गल्तियों के वजह से नौजवानों पर एक गलत असर पड़ सकता है। ऐसे में हान हान जैसे लेखकों का यह कर्त्तव्य बनता है की ब्लोग पोस्टिंग करने से पहले अपने द्वारा लिखे गये लेखों का एडिटिंग करें।

हान हान जैसे लेखक निसंदेह बहुत काबिल हैं और कुदरत ने उन्हें ऐसे हुनर के साथ बख्शा है जो बहुत कम लोगों के पास होता है। लेकिन इस वजह से उनके जैसे लेखकों के गल्तियों को कतई नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जिसने भी इनके ब्लोग पोस्टिंग को सुधारने के सुझाव दिये हैं उसने सही फैसला किया। कई प्रकाशन घर आम तौर पर ऐसे लेखों और पुस्तकों को प्रकाशित नहीं करते जिनमें गलत व्याकरण और गलत इस्तेमाल वाले शब्द हो।

भाषा एक बहती नदी की तरह है और इसके बहाव को कोई भी प्रकाशन घर और सरकार नियंत्रित नहीं कर सकती। नये शब्दों का अविष्कार जरुरत के हिसाब से होती है। ऐसे शब्दों का आविष्कार एक बदलती हुई समाज का संकेत है।

ऐसे में अगर कोई शब्द का इस्तेमाल, गलत तरीके से किया जा रहा है और खास करके इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति कोई मशहूर व्यकित् हो तब गलत व्याकरण और गलत उपयोग वाले शब्द धीरे धीरे समाज की मुख्यधारा का एक अंश बन सकते हैं और इस वजह से हान हान जैसे लोगों को काफी सोच समझ के अपने लेख लिखना चाहिए। लेखकों को अपने सीमाओं का ज्ञान होना चाहिए!