लघु ऋण विशेष तौर से कम आय जनसमूह को प्रदान की जाने वाला एक ऋण तरीका है, इस तरीके को इस साल के नोबेल पुरूस्कार विजेता बंगलादेश के बैंकर मोहम्मद यूनस ने 20 साल पहले स्थापित की थी। चीन ने वर्ष 1993 से कुछ इलाको में लघु ऋण से गरीबी उन्मूलन का परीक्षण चलाना शुरू किया था। आज के इस कार्यक्रम में हम आप को कुएचओ प्रांत के फान काउंटी में इस संदर्भ पर लिखी एक रिपोर्ट सुनाएगें।
दक्षिण पश्चिम चीन के कुएचओ प्रांत के फान काउंटी में वर्ष 1998 से लघु ऋण से गरीबी उन्मूलन परीक्षण चलाना शुरू किया गया था। यह पहले एक बहुत ही गरीब गांव था, खेती योग्य जमीन कम होने के साथ मिटटी की उर्वरता भी नाजुक थी , गांववासी अपने खेतों से केवल पेट भर भोजन के अनाज पैदा ही कर सकते थे। हएसन गांव के मुखिया वांग क्वो हवा ने हमें बताया कि लघु ऋण की मदद से उनके गांव को गाय पालन की शुरूआत पूंजी हासिल हुई, तब से उनके सिर से गऱीब की टोपी धीरे धीरे उतरने लगी। उन्होने हमें बताया हमने वर्ष 2001 से गाय पालन शुरू किया था, उस समय कुछ लोग गाय का चारा खरीद नहीं सकते थे। इस स्थिति को देखते हुए, गांव कर्मचारियों ने अपनी एक बैठक बुलाई और अन्त में 24 परिवारों को इस गाय पालन में भाग लेने के लिए कहा और उनके के लिए 1 लाख 50 हजार य्वान का ऋण हासिल किया। गाय पालन का विकास करने से पहले , गांव की औसत आमदनी केवल एक हजार य्वान ही थी, पांच साल विकास के बाद , गाय पालन का केन्द्र एक से बढ़कर चार हो गया और लोगों की प्रति व्यक्ति औसत शुद्ध आय 1800 य्वान तक जा पहुंची।
हू वन चंग हएसंग गांव के गाय पालन परिवारों में एक है, वर्ष 2002
में गांव में पहले जत्थे की लघु ऋण प्रदत्त करने के समय, उन्हे 5000 य्वान का ऋण मिला, इन पैसों से उन्होने तीन दुधीय गाय खरीदी । चन्द सालों में , उनके घर की गाए धीरे धीरे 15 तक बढ़ गयी। फिलहाल , हू वन चंग गाय पालन से हर साल 8000 य्वान कमा लेते हैं, उसने न केवल घर को सुस्जजित किया है इस के साथ घरेलु विद्युत उपकरणें भी खरीद लिए हैं। उन्होने खुशी खुशी अपने भावी नये घर के निर्माण की योजना पर बोलते हुए कहा पहले घर बहुत पुराना हो गया है, कुछ समय बाद आर्थिक स्थिति बेहतर होने के बाद मैं एक नए घर का निर्माण करूंगा । मेरा नया मकान एक दुमंजिला मकान होगा और उसका क्षेत्रफल 210 वर्ग मीटर होगा। लघु ऋण सचमुच किसानों की आमदनी को बढ़ाने का सहायक साधन है।
हएसंग गांव के परिवर्तन में आर्थिक ही नहीं किसानों की आय में भी भारी बढ़ातरी आयी है, गांव की सूरत में कायापलट हुआ है। गांववासियों ने स्वंयइच्छा से गांव से बाहर जाने की नए सड़कों के निर्माण में निस्वार्थ हाथ बटाया है, हर किसान परिवार घर के आगे एक सीमेंट सड़क बिछा दी गयी है, घर के आगे की पहली की गंदगी को दूर कर दिया गया है। लगभग हर एक परिवार ने एक मेथन जनरेटिंग पिट से उर्जा व बिजली रोशनी की समस्या को हल कर लिया है, इस से पर्यवारण में भारी परिवर्तन आया है।
फान काउंटी का लघु ऋण वाणिज्य बैक दवारा प्रदत्त किया जाता है, और वह राष्ट्र की उदार नीति से जुड़ी होती है। हालांकि वाणिज्य बैंक लघु ऋण से इतना मुनाफा कमाना तो नहीं चाहता ,पर इस शर्त पर कि उसे घाटा नहीं उठाना पड़े। इस लिए ऋण पाने के बाद, किसानों को प्राप्त ऋण के इस्तेमाल की निगरानी की जाने के साथ यह भी सुनिश्चत करना अवश्य है कि किसान उधार लिए पैसों को वक्त पर लौटा सके, यह गांव के मुख्य व अन्य अधिकारियों के आगे एक नया सवाल बन गया है। फान काउंटी के प्रसार विभाग के उप मंत्री छन छुन थाओ ने कहा हमारा लघु ऋण का पैमाना काफी बड़ा होता है, ज्यादा के समय एक साल में पूरी काउंटी को 10 करोड़ से अधिक राशि से निबटना पड़ता है। कृषि बैंक आम तौर पर गांव की जांच करने आते हैं, वह गांव व काउंटी के प्रबंधन तकनीक व ऋण वापस दर का सर्वेक्षण करते हैं, तभी पूरा गांव लाभांष में रह सकता है। यदि कुछ किसान परिवारों ने पूरे गांव के ऋण वापस करने के समय पर प्रभाव डाला तो पूरा गांव को ऋण मिलना मुश्किल हो जाता है।
जानकारी के अनुसार, फान काउंटी के हर गांव में एक विशेष संस्था लघु ऋण प्रबंधन का काम संभालती है। गांव में गरीबी सहायता केन्द्र है जो गांव के किसान परिवारों के ऋण वापस लौटाने के दर को सुनिश्चत करने में मदद देती है, यदि यह काम पूरा न हो पा सका ,तो इस सहायता केन्द्र को जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी।
नए क्रेडिट तरीके ने गरीब किसानों को धनी रास्ते पर चलने का रास्ता दिखाया है, और तो और उनकी दृष्टि को भी विस्तार किया है। फान काउंटी लघु ऋण पाने व किसानों को यह ऋण प्रदत्त करने की एक मिसाल काउंटी बन गयी है। फान काउंटी के मेयर लो ची श्यांग ने इस पर बोलते हुए कहा लघु ऋण ने आम जनता की विचारधारा में भारी प्रभाव छोड़ा है. मेहनती व इमानदारी इस लघु ऋण को पाने व अपने विकास को बढ़ावा देने की महत्वपूर्ण शर्त है। इस तरीके से किसानों को पुराने व परम्परागत विचारधाराओं से निकल कर आधुनिक बाजार की ओर आगे बढ़ने की नयी पहचान मिलती है। किसानों को यह मालूम होने लगा है कि सामाजिक पूंजी व वित्तीय पूंजी का इस्तेमाल कर अपना विकास करना कितना जरूरी है, और यह तरीका पुराने व परम्परागत विचारधाराओं को बाजार आर्थिक की विचारधारा में बदल देने का एक अनिवार्य कदम है । लघु ऋण पाने वाले किसानों को इस दौर में अपनी समझ उन्नत करने का मौका मिलता है । किसान को अवश्य अपनी विश्वासनीयता कायम रखनी चाहिए, अगर वह अपनी विश्वासनीयता खो बैठेगें तो भावी में वह ऋण पाने की मुश्किल स्थिति में फंस सकते हैं।
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