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(GMT+08:00) 2007-01-16 08:48:30    
तिब्बती संस्कृति की सुन्दरता दिखाई जाती है--नृत्य नाटक《रमणीय जन्मभूमि》

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तिब्बती नृत्य नाटक《रमणीय जन्मभूमि》के सभी कलाकार तिब्बत के छांगतू प्रिफैक्चर की जातीय नृत्य-गान मंडली से आए हैं । इस नृत्य-गान मंडली की स्थापना से लेकर अब तक 34 साल हो गये । छांगतू तिब्बती जातीय नृत्य-गान मंडली के सभी सदस्य स्थानीय तिब्बती बंधु हैं । कभी कभार वे अपने आम जीवन में पहने तिब्बती पोशाक में मंच पर आते हैं , उन के ऐसे वस्त्रों में से तिब्बती घी का सुगंध महकता भी रहा है । इस मंडली के निदेशक श्री गेसांग लोच्वे को मंडली में काम करते हुए 30 से ज्यादा साल हो चुके हैं । उन्होंने हमारे साथ एक साक्षात्कार में तिब्बती भाषा में हमारे चाइना रेडियो इन्टरनेशनल के सभी श्रोताओं का अभिवादन किया:"श्रोता दोस्तो, शुभकामनाएं है कि आप सब मंगलमय रहें और खुशहाल रहें ।"

छांगतू तिब्बती नृत्य-गान मंडली के निदेशक श्री गेसांग लोच्वे ने जानकारी देते हुए कहा कि उन की नृत्य-गान मंडली लम्बे समय से तिब्बत के विभिन्न गांवों में कला प्रस्तुति के लिए सक्रिय रही है । हर वर्ष नृत्य-गान मंडली 50 से ज्यादा कार्यक्रम पेश करती है । मंडली के कलाकार तिब्बत की परम्परा को विरासत में ग्रहण कर कला सृजन करते हैं । उन्हों ने तिब्बत के पूर्वी भाग की जातीय कला के विकास के लिए बड़ा योगदान किया है । तिब्बती नृत्य नाटक《 रमणीय जन्मभूमि》तिब्बत के पूर्वी भाग में प्रचलित कई विशेष जातीय नृत्यों के आधार पर रचा गया, जिस में क्वो च्वांग नृत्य, रबा नृत्य और श्येनज़ी नामक नृत्य विशेषों को चीन की गैर भौतिक सांस्कृतिक विरासतों की नामसूची में शामिल किया गया। श्री गेसांग लोच्वे ने कहाः

"तिब्बत में विभिन्न नृत्य शैलियां मिलती हैं । हमारे पूर्वी भाग में तीन किस्मों की नृत्य शैली चलती है, जिन्हें अब राष्ट्रीय स्तर की गैर भौतिक सांस्कृतिक विरासतों की नामसूची में शामिल किया गया है । रबा नृत्य विभिन्न आकारों के ढोलों के साथ प्रस्तुत किया जाता है । अभिनेता हाथों में घंटी और सुलगाय के पुच्छ थामे नाचते हैं । हमारे इस कार्यक्रम में और तीन किस्मों के ढोल जोड़े गये यानी कमर , पीठ और हाथ पर बजाये जाने वाले ढोल । रबा नृत्य अन्य तिब्बती जातीय क्षेत्रों में भी चलता है, लेकिन इस नृत्य का विकास हमारे छांगतू प्रिफैक्चर में सब से अच्छा है । छांगतू प्रिफैक्चर में क्वोच्वांग नामक नृत्य भी है । इस की प्रस्तुति के दौरान कलाकार हाथ में हाथ डाल कर अलाव का चक्कर लगाते नाचते हैं । यह जन साधारण नृत्य है, जो सभी तिब्बती लोगों ,चाहे बूढ़े हो, या बच्चे , का पसंदीदा नाच है । श्यानची नृत्य दक्षिण चीन के यूननान प्रांत, सछ्वान प्रांत के कानची तिब्बती स्वायत्त प्रिफैक्चर तथा तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के छांगतू प्रिफैक्चर में बेहद लोकप्रिय है । इस नृत्य की प्रस्तुति के दौरान पुरूष बेल की सींग से बना हुआ तंतुवाद्य अर्हू बजाते हैं , जबकि महिला इस की धुन का अनुसरण करते हुए नाचती हैं । इस तरह इस नृत्य को तंतुवाद्य नृत्य कहलाता है, यानी तिब्बती भाषा में श्वानची नृत्य ।"

चीनी मशहूर नृत्य डायरेक्टर श्री तङ लिन तिब्बती नृत्य नाटक《रमणीय जन्मभूमि》के निर्देशक भी हैं, वे इस मंडली में एकमात्र हान जाति के लोग हैं । इस नाटक का निर्देशन करने से पहले उन्होंने तिब्बत के बारे में अनेक नृत्य कार्यक्रम रचे हैं । उन्होंने कहा कि तिब्बत उन के लिए मन के उद्गार का आह्वान करने वाली भूमि है । पहले , अपनी नृत्य रचना तैयार करने के समय वे तिब्बत के बारे में तेल चित्रों, संगीतों तथा फिल्मों से सृजन का स्रोत लेते थे । तिब्बती नृत्य नाटक《 रमणीय जन्मभूमि》रचने के लिए वे पहली बार छिंगहाई-तिब्बत पठार और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में आए, जिस से उन्हें सृजन की अच्छी-अच्छी शक्ति मिली ।इस की चर्चा में श्री तङ लिन ने कहाः

"मुझे लगता है कि पहले की मेरी रचनाएं ज्यादा काल्पनिक थी । जब मैं ने तिब्बत की यात्रा की और तिब्बत के साथ प्रत्यक्ष संपर्क किया , विशेष कर पठारीय रोग से पीड़ित हुए सिर में दर्द आयी और रात भर नींद नहीं आयी । तो तिब्बत की असलियत के बारे में मेरा अनुभव और गहरा हो गया । मेरा विचार है कि तिब्बत में सब से महत्वपूर्ण बात जीवन का सवाल हल करना है । अच्छी तरह जिन्दा रहने के बाद हम दूसरा काम कर सकते हैं । इस तरह तिब्बत की यात्रा के बाद मेरे अनेक विचार उत्पन्न हुए । मैं तिब्बती जाति के जीवन की असली स्थिति दिखाना चाहता हूँ, यह स्वयं में एक कला ही है । तिब्बती नृत्य नाटक《रमणीय जन्मभूमि》में मेरा इस प्रकार का सोच विचार शामिल किया गया है । सच कहूं, तो तिब्बत जाने से पूर्व मैं ने इस नाटक का रूपरेखा खींचा थी, लेकिन वहां पहुंचने की पहली रात में ही मैं ने अपने पूर्व विचार को बदल दिया। तिब्बती लोगों ने मुझे ज्यादा सोच विचार की शक्ति प्रदान की है ।《रमणीय जन्मभूमि》सफल होने का कारण है कि वह तिब्बती जनता के सच्चे जीवन पर आधारित है । इस में उन के गीत, नृत्य और अन्य मूल तत्व शामिल हैं ।"

तिब्बती नृत्य नाटक《 रमणीय जन्मभूमि》चीनी तिब्बती सांस्कृतिक सप्ताह नामक बड़े पैमाने वाली सांस्कृतिक गतिविधि के एक महत्वपूर्ण अंग के रूप में क्रमशः डेंमार्क, इटली और आस्ट्रिया में प्रदर्शित किया गया । वर्ष 2006 के सितम्बर माह में वह कोरिया गणराज्य में भी प्रदर्शित किया गया , जिस का वहां के दर्शकों ने हार्दिक स्वागत किया । कार्यक्रम यहां तक सफल हुआ है कि इसे देखने के बाद बहुत से दर्शकों ने तिब्बत की यात्रा करने की इच्छा व्यक्त की ।

चीन की राजधानी पेइचिंग में तिब्बती नृत्य नाटक《 रमणीय जन्मभूमि》दो दिन के लिए प्रस्तुत किया गया, जिस ने पेइचिंग वासियों को भी प्रबल आकृष्ट किया । दर्शक श्री छी हाई य्वान ने इसे देख कर हमारे संवाददाता से कहाः

"मुझे लगता है कि यह नाटक बहुत सार्थक है । इसे देख कर मैं ने तिब्बती संस्कृति और तिब्बती जाति के बारे में और साफ समझ हासिल की । भीतरी इलाके में रहने वाले हम लोग तिब्बत नहीं गए, इस नाटक से हम बहुत प्रभावित हो गए हैं ।"