581 में उत्तरी चओ राजवंश के एक शक्तिशाली सामन्त याङ च्येन ने शासनारूढ़ सम्राट चिङती को अपने हक में गद्दी छोड़ने के लिए विवश कर दिया और स्वेइ के नाम से एक नया राजवंश कायम किया ।
उसने सम्राट वनती का नाम ग्रहण कर छाङआन को अपनी राजधानी बनाया ।
589 में याङ च्येन ने दक्षिण के अपने प्रतिद्वंद्वी छन राज्य को विजित कर चीन के उस राजनीतिक विभाजन को समाप्त कर दिया जो पूर्वी चिन काल में शुरू हुआ था और गत दो सौ वर्षों से भी अधिक काल से चला आ रहा था ।
अन्ततः, चीन का एकीकरण हो गया ।
सम्राट वनती ने केन्द्रीय सरकार के गठन के लिय "तीन प्रशासनिक विभागों और छै मंत्रालयों" की व्यवस्था अपनाई। तीन प्रशासनिक विभाग थे :राजकीय सचिवालय, राज्यपरिषद और मंत्रिपरिषद ।
इन तीनों विभागों के अध्यक्ष प्रधानमंत्री कहलाते थे । ये तीनों विभाग देश के सर्वोच्च प्रशसनिक अंग के रूप में काम करते थे ।
मंत्रिपरिषद के अधीन छै मंत्रालय थे - प्रशासन, वित्त, विधि, प्रतिरक्षा, नयाय, और सार्वजनिक निर्माण ।
स्वेइ राजवंश की तीन प्रशासनिक विभागों और छै मंत्रालयों की व्यवस्था मूलतः छिन-हान काल की "तीन ड्यूकों और नौ राज्यसचिवों" की व्यवस्था से ही विकसित हुई थी ।
स्थानीय प्रशासन के तीन स्तर थे--प्रान्त, प्रिफेक्चर और काउन्टी; किन्तु बाद में केवल दो-प्रान्त (श्रथवा प्रिफेक्चर) और काउन्टी ही रह गए ।
स्थानीय स्तर के अफसरों को नियक्त अथवा पदमुक्त करने का अधिकार प्रशासन मंत्रालय के हाथ में वापस आ गया, जिससे केन्द्रीय सरकार और मजबूत हो गई ।
स्वेइ राजवंश की शासन-व्यवस्था के अन्तर्गत प्रत्येक प्रान्त की सरकार द्वारा हर साल अपने प्रान्त से तीन विशिष्ट विद्वान केन्द्रीय सरकार में नियुक्ति के लिय भेजे जाते थे ।
इस के अलावा "श्यू छाए" उपाधिधारियों के चयन के लिय लिखित परीक्षाएं भी आयोजित की जाती थीं ।
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