
प्रिय दोस्तो , आप को दक्षिण-पश्चिम चीन स्थित सछ्वान प्रांत के बारे में उपलब्ध दुर्लभ जानवर पांडा से जरूर परिचित होंगे । सछ्वान प्रांत प्यारे पांडा की जन्मभूमि है ।
आम तौर पर च्यु चाइ कोउ के हाई ची यानी झीलों का पानी शांत व स्थिर है , लेकिन जब वह पेड़ों से ढकी सीधी चट्टानों से नीचे बहता है , तो उस की अनगिनत उफनती तेज धाराएं खूबसूरत प्रपात का रूप ले लेती हैं । च्यु चाइ कोउ पर्यटन क्षेत्र में कुल 17 प्रपात समूह पाये जाते हैं । जिन में नो र लांग प्रपात की चौड़ाई सब से अधिक है , उस की धाराएं सौ मीटर चौड़ी खड़ी चट्टानों से नीचे उतरते हुए एक विशाल जलीय पर्दा लगती हैं और सुर्य के किरणों में वह अनेक इंद्रधनुषों के रूप में बदल जाती हैं , मत पूछिये , उस के सौंदर्य का वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता । इसीलिये चीनी लोग च्यु चाइ कोउ को पृथ्वी का स्वर्ग कहते हैं । 1992 में युनेस्को ने इसे विश्व प्राकृतिक विरासत की नामसूची में शामिल कर लिया है ।
स्थानीय तिब्बती लोगों की मान्यता है कि यहां के सभी पर्वत व पानी पवित्र हैं और घाटी में हरेक पहाड़ , पानी , पेड़ और पत्थर भगवान की देन है ।तिब्बती युवती इनामांहूंग ने कहा कि उसे बचपन से ही च्यु चाइ कोउ घाटी में उगी घास व हर पेड की रक्षा करने की शिक्षा मिली है।
वह बता रही है कि हमारी स्थानीय तिब्बती जाति इस बात पर विश्वास करती है कि दुनिया में सभी चीज़ों व वस्तुओं की अपनी-अपनी आत्मा होती है , पहाड़ , पानी , पेड़ ये सब भगवान ने दिये हैं , मानव जाति को उन की रक्षा करनी चाहिये , उन्हें नष्ट करने का कोई कारण नहीं है । बुजुर्ग अक्सर अपनी संतानों को किसी नदी में कपड़े नहीं धोने और किसी गंदी चीज न छूने की शिक्षा देते हैं ।
युवती इनामानहूंग और उस के तिब्बती लोग अभी भी च्यु चाइ कोउ में रहते हैं , वे च्यु चाइ कोउ पर्यटन क्षेत्र में नजर आने वाली रंगीन झंडियों , सफेद पगोडों जैसी विशेष वस्तुओं के जरिये पर्यटकों के समक्ष अपना गहरा तिब्बती जातीय मैत्री भाव व्यक्त करते हैं । उन की मेहमाननवाजी ने एक अलग पहचान बना ली है ।
श्रोताओ , च्यु चाइ कोउ पर्यटन क्षेत्र का दौरा करने के बाद अब हम कार पर सवार होकर इस पृथ्वी के स्वर्ग के दूसरे रमणीक स्थल ह्वांग लुंग चलते हैं । ह्वांग लुंग पर्यटन स्थल च्यु चाइ कोउ पर्यटन स्थल से 130 किलोमीटर दूर है । यह स्थल च्यु चाइ कोउ पर्यटन स्थल की ही तरह इसे भी 1992 में युनेस्को ने विश्व प्राकृतिक विरासत की नामसूची में शामिल कर लिया है । यहां के पानी का अपना एक विशेष स्थान है ।
ह्वांग लुंग का पानी देखने की सब से बेहतर जगह है आसपास के पर्वतों की चोटियों पर खड़े होकर नीचे स्थित घाटी की ओर देखा जाये । क्योंकि गहरी घाटी में काल्क सिंटेर से बनी करीब चार किलोमीटर लम्बी हल्के पीले रंग वाली ढलान भारी सुनहरे ड्रेगन की तरह आदिम जगलों व बर्फिली चोटियों को चीर कर आगे बढ़ती दिखायी देती है । इस सुनहरी लम्बी ढलान पर कोई तीन हजार छोटे-बड़े तालाब सीढ़ीनुमा खेतों की तरह नजर आते हैं , सूर्य की किरणों में तालाबों का पानी चमचमाते हुए बहुत लुभावना लगता है । सब से ऊंची जगह पर स्थित तालाब का समूह पांच रंगीन तालाब के नाम से बहुत नामी है और यह समूह कुल सात सौ छोटे तालाबों से गठित है , इतने अधिक तालाबों का पानी धूप में विविधतापूर्ण रंगों में दिखाई देता है और वह ह्वांग लुंग के प्राकृतिक दृश्य की निचोड़ माना जाता है ।
पर यह पांच रंगीन तालाब समुद्र की सतह से चार हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित है , आम पर्यटकों के लिये पैदल ऊपर चढ़ना बेहद कठिन है । ह्वांग लुंग पर्यटन क्षेत्र के अधिकारी श्री खाउ या ह्वी ने कहा कि अब उन्हों ने इस कठिनाई को दूर करने का तरीका खोज निकाला है ।
उन्हों ने इस का परिचय देते हुए कहा कि इस साल हम ने ऊपर चढ़ने का विशेष इंतजाम किया है , सभी पर्यटक केबलकार के जरिये पर्वत की चोटी पर पहुंच कर पांच रंगीन तालाब देख सकते हैं ।
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