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(GMT+08:00) 2006-12-29 09:40:10    
छोटा आविष्कार छात्र वांग यीछङ

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सिन्चांग के छोटा आविष्कार छात्र वांग यीछङ की कहानी ,इस साल 12 वर्षीय वांग यीछङ सिन्चांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ऊरूमुची के एक जुनियर मीडिल स्कूल के प्रथम वर्ष का छात्र है । कुछ समय पहले उसे दस आदर्श राष्ट्रीय पाइनियर पुरस्कार से सम्मानित किया गया । अपने इस पुरस्कार की चर्चा करते हुए होशियार , पर कुछ शर्मिंदा स्वभाव वाले स्कूली छात्र वांग यी छङ ने कहा कि आदर्श राष्ट्रीय पाइनियर सदस्य चुने जाने से उसे अध्ययन के लिए एक बेहतर मौका मिला है । उस ने कहाः

गत 12 अक्तूबर को मैं ने पेइचिंग पहुंच कर वहां आयोजित 11 वें दस आदर्श राष्ट्रीय पाइनियर पुरस्कार समारोह में भाग लिया और यह पुरस्कार प्राप्त किया । मुझे बेहद खुशी हुई है । मुझे अनुभव हुआ है कि मैं न केवल पुरस्कार लेने पेइचिंग गया , बल्कि मुझे दूसरों से सीखने का एक बेहतर मौका भी मिला है । पेइचिंग में मैं अन्य नौ श्रेष्ठ स्कूली छात्रों से मिला और उन के साथ अनुभवों का आदान प्रदान किया ।

वांग यीछङ बहुत जिज्ञासी और अध्ययनशील है , छोटी उम्र में वह खिलौनाओं जैसी छोटी मोटी मशीनों में अनुसंधान करने के शौकिन था । 12 साल की उम्र में उस ने दरवाजा घंटी में संदेश भरने वाली सिस्टम तथा मोबाइल फोन की चोरी विरोधी व्यवस्था का आविष्कार किया ।

वांग यीछङ की माता ल्यू आईशी ने कहा कि वांग यीछङ बचपन में ही घर की चीजों से खेलने को पसंद करता आया है । उन्हों ने कहाः

चार साल की उम्र में वह चित्र मिलाने वाले खिलौना खेलना पसंद करने लगा , उस की इस शौक का विकास करने के लिए हम ने उच्च कोटि के खिलौना खरीदे । पांच साल की उम्र में वह स्कूल पूर्व कक्षा में सब से होशियार निकला , खास कर गणित में वह बहुत तेज था ।

छोटे वांग यीछङ की इस प्रतिभा पर मां बाप और अध्यापकों का ध्यान गया । उन्हों ने उस की निरीक्षण करने तथा खुद काम करने की क्षमता बढ़ाने पर बल दिया । उस की मां ने उसे अमरीकी बाल आविष्कार फरोज द्वारा अनेकों परीक्षण कर आखिरकार वर्ष 1927 में विश्व की प्रथम टी वी तस्वीर का आविष्कार करने की कहानी सुनायी , जिस से छोटे वांग यीछङ के मन पर अमिट छाप पड़ी ।

फरोज की कहानी से वांग यीछङ के मन में आविष्कार के लिए बड़ी कौतुहट पनपी । वह भी फरोज की भांति एक न एक दिन छोटा आविष्कार बनने का सपना देखने लगा । वह आसपास की चीजों का निरीक्षण करने में और दिलचस्प हुआ और अध्ययन के लिए मां बाप ने उसे बेशुमार बाल विज्ञान संबंधी पत्र पत्रिकाएं भी खरीदीं ।

दरवाजा घंटी में संदेश भरने वाली सिस्टम का आविष्कार करने का ख्याल उसे एक संयोग बात से हुआ था । इस पर उस ने कहाः 

एक बार मैं सहपाठी के घर गया , दरवाजा घंटी बजाने पर पता चला था कि घर में कोई नहीं है । तब मेरा यह विचार आया कि यदि दरवाजा घंटी में संदेश भरा जा सकता है , तो मेरे आने का संदेश सहपाटी को मालूम हो सकेगा । मैं ने अपना यह विचार मां को बताया , तो उन्हों ने मेरा भरपूर समर्थन किया ।

मां के समर्थन से वांग यीछङ का विश्वास बढ़ गया । उस ने पड़ोसियों से भौतिक शास्त्र पुस्तकें उधार लीं और विद्युत विज्ञान का ज्ञान सीखा और अध्यापकों से कठिन समस्याओं को दूर करने में मदद ली । अंत में उस ने एक डिजाइन रूपरेखा तैयार कर ली । इस के बाद उस ने आवश्यक संसाधन खरीदा और खुद दरवाजा घंटी में संदेश भरने वाली सिस्टम बनाने लगा ।

वांगयीछङ की योजना के मुताबिक दरवाजा घंटी में संदेश भरने की सिस्टम के प्रयोग से कोई भी घंटी में अपना संदेश भर कर सुरक्षित कर सकता है । जब घर का मालिक लौटा , तो सिस्टम का स्विच दबाने पर सुरक्षित संदेश बज जाता है । वास्तव में यह सामान्य घंटी को रिकार्डिंग यंत्र के साथ जोड़ने वाली एक व्यवस्था है , जो बहुत उपयोगी सिद्ध हुई है ।

दरवाजा घंटी में संदेश भरने वाली सिस्टम तैयार की जाने के बाद उसे प्रदर्शनी के लिए पेश किया गया , लेकिन कुछ समय के भीतर ही इस में गड़बड़ी पैदा हुई । इस पर वांग यीछह बहुत चिंतित हो उठा , उस की अध्यापिका सुश्री ली छिन ने उस का हौसला बढाने के लिए कहा कि किसी भी आविष्कार में पहले कुछ समस्याएं आना स्वाभाविक है , उसे समय पर सुधारना चाहिए । अध्यापिका के प्रोत्साहन से वांग यीछङ ने धैर्य का परिचय कर सिस्टम में सुधार लाने की बारंबार कोशिश की , अंत में वह पूरी तरह सफल हो गया । वांग यीछङ ने कहाः

मेरे इस आविष्कार को अध्यापकों व छात्रों से मान्यता मिली और खुद मैं भी बहुत खुश हूं और बड़ी सफलता भी समझता हूं ।

दरवाजा घंटी में संदेश भरने वाली सिस्टम को सिन्चांग और राष्ट्र का पुरस्कार प्राप्त हुआ , जिस से वांग यीछङ का मनोबल काफी बढ़ा । एक बार उस ने घर के मेहमान से सुना कि आधे साल में उन के दो मोबाइल फोन की चोरी की गयी , तो उस ने सोचा कि यदि मोबाइल फोन की चोरी रोकने वाले अलार्म यंत्र का आविष्कार हुआ , तो चोरी की रोकथाम की जा सकेगी ।

अपनी इस सोच पर उस ने तुरंत अमल करना शुरू किया । पहले उस ने विभिन्न बाजारों में जा कर संबंधित सूचना जुटायी , इंटरनेट पर संदर्भ सामग्री ढूंढी और पता चला कि अभी बाजार में मोबाइल फोन की चोरी रोकने वाला कोई भी उत्पाद नहीं मिलता है । तो वांग यीछङ ने चोरी विरोधी अलार्म यंत्र बनाने का आरंभ किया । उस ने चार डिजाइन बनाये , अंत में चुंबक सिस्टम से मोबाइल फोन की चोरी रोकने वाला डिजाइन तय किया ।

अथक कोशिशों से उस का आविष्कार सफल हो गया और पिछले साल के अंत में मोबाइल फोन चोरी विरोधी यंत्र को सिन्चांग में युवा किशोर वैज्ञानिक सृजन का दूसरी श्रेणी का पुरस्कार मिला और वांग यीछङ ने अपने इस आविष्कार पर राष्ट्रीय पेटेंट भी कराया ।

वांग यीछङ के आविष्कार उस की कड़ी मेहनत और अध्ययनशीलता के परिणाम है । इस पर उस ने कहाः

शुरू शुरू में मैं विद्युत परिपथ संबंधी ज्ञान नहीं जानता था , मुझे अध्यापकों और पुस्तकों से मदद लेना पड़ा , कठिनाइयां आने पर मैं आगे कोशिश को छोड़ना भी चाहता था , लेकिन मां जी ने मेरी पीठ टेकी और कहा कि किसी भी कामयाबी के लिए दृढ़ता और अद्मय भावना की जरूरत है । इसलिए मेरा संकल्प और बढ़ा और सफलता पाने के बगैर मैं अपनी कोशिश नहीं छोड़ देता । इसी तरह के पक्के संकल्प और कटिबद्धता और अध्ययनशीलता के आधार पर वांग यी छङ ने आखिर में सफलता प्राप्त की है ।

वांग यी छङ की भावना से प्रभावित हो कर उस की अध्यापिका सुश्री ली छिन ने कहाः

वांग यी छङ की यह विशेष श्रेष्ठता है कि वह अपने काम पर हमेशा अडिग रहता है , देखने में वह भोला भाला लगता है और मितवाक्य करता है , लेकिन वह सोच विचार करने के आदि है और जब लक्ष्य तय हुआ , तो वह उसे सफल बनाने तक अपना प्रयास कभी नहीं छोड़ देता है ।

वांग यीछङ छोटा मोटा आविष्कार करने के साथ साथ अपनी पढ़ाई में भी ढील आने नहीं देता है। अवकाश समय वह लेखन व अंग्रेजी प्रशिक्षण में भी भाग लेता है और खेलकूद में भी दिलचस्प है । घर में वह यथाशक्ति से कामकाज करता है । उस की मां ने कहाः

वह नैतिक , बौद्धिक और शारीरिक विकास में बेहतर निकलता है । आज की दुनिया में किसी एक किस्म की कार्यक्षमता पाना अत्यन्त जरूरी है । क्यों कि समाज में कदम रखने के बाद उस के सामने अनेक प्रकार की चुनौतियां हो सकती है , उसे अपने को अच्छी तरह तैयार करना चाहिए , ताकि वह आगे बढ़ सके ।