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(GMT+08:00) 2007-01-10 10:02:12    
मौसम उपग्रह से चीन में विपदा विरोधी क्षमता बढ़ी

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वर्ष दो हजार छै की आठ दिसंबर को चीन के फंगयुवन नम्बर दो डी को अंतरिक्ष में निर्धारित कक्षा में प्रक्षेपित किया गया । कई दिनों के बाद इस मौसम उपग्रह ने बादलों के चित्र वापस भेजना शुरू किया । पता चला है कि इस उपग्रह के प्रक्षेपण से चीन की प्राकृतिक विपदाओं की निगरानी और पूर्व चेतावनी करने की क्षमता उन्नत होगी ।

मौसम उपग्रहों की दो किस्में हैं , यानी पृथ्वी के ध्रुव के ऊपर की कक्षाओं में चलने वाले उपग्रह तथा भू-समकालीन कक्षाओं में चलने वाले उपग्रह । ध्रुवीय कक्षाओं में चलने वाला उपग्रह प्रति दिन पृथ्वी की सतह का दो बार चक्कर लगा पर्यवेक्षण कर सकता है , जबकि भू-समकालीन उपग्रह के जरिए पृथ्वी की सतह के एक-तिहाई भाग का निरंतर निरीक्षण किया जा सकता है । फंगयुवन नम्बर दो इक्वेडोर के ऊपर के आकाश की कक्षा में चलने वाला भू-समकालीन उपग्रह है । इससे पहले चीन ने कुल सात मौसम उपग्रह प्रक्षेपित किये थे, उन में ध्रुवीय कक्षा और इक्वेडोर कक्षा पर चलने वाले उपग्रह सब शामिल हैं । दुनिया में ऐसी तकनीक कम ही देशों के पास है ।

चीनी राजकीय उपग्रह मौसम केंद्र के प्रधान श्री यांग च्वन के अनुसार 1.39 टन भारी उन्नतिशील संयंत्रों से लैस फंगयुवन नम्बर दो डी तीन साल तक काम कर सकेगा । यह उपग्रह मौसम, समुद्र तथा जल-सर्वेक्षण के आंकड़े भेज सकता है । यह उपग्रह सूर्य के एक्स-रे तथा विश्व की किरणों की भी निगरानी कर सकता है । श्री यांग च्वन के अनुसार फंगयुवन नम्बर दो डी की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में बहुत सुधार हुआ है , और यह उपग्रह कक्षा में चलने वाले दूसरे मौसम उपग्रह फंगयुवन नम्बर दो सी का पूरक हो सकता है , दोनों एक साथ चीन और चीन के आसपास के क्षेत्रों की निरंतर निगरानी कर सकते हैं ।

नये मौसम उपग्रह और कक्षा में चलने वाला दूसरा मौसम उपग्रह एक दूसरे की जगह पर काम कर सकते हैं । और दोनों उपग्रहों के संयुक्त काम से मौसम की निगरानी की क्षमता में दुगुनी वृद्धि हो गयी है , यानी प्रति 15 मिनट पर निगरानी करने की क्षमता हासिल हो गई है ।

कक्षाओं में दो उपग्रह उपलब्ध होने से अधिक विशाल क्षेत्रों की निगरानी की जा सकती है । पता चला है कि फंगयुवन नम्बर दो सी और नम्बर दो डी, दोनों उपग्रह अलग-अलग तौर पर पूर्वी अक्षांश 105 तथा 86.5 डिग्री पर स्थित हैं । दोनों उपग्रह एक साथ मिल कर पूरे चीन के विशाल क्षेत्रों की निगरानी कर सकते हैं ।

चीनी मौसम ब्यूरो के उप प्रधान श्री नींग रू छूंग के अनुसार चालू वर्ष में विभिन्न देशों ने मौसम उपग्रहों के विकास पर जोर दिया है । क्योंकि मौसम उपग्रह तूफान और मूसलाधार वर्षा आदि की निगरानी में दूसरी किस्म के उपग्रहों से अतुल्य हैं ।

इधर के वर्षों में सांमेई जैसे मशहूर जबरदस्त तूफान ने चीनी मुख्य भूमि का अतिक्रमण किया । चीनी राजकीय मौसम ब्यूरो ने मौसम उपग्रह के जरिये चीनी मुख्य भूमि पर उतरने वाले प्रमुख तूफानों की प्रति दिन 24 घंटों की निरंतर निगरानी की । फंग यवान नम्बर दो उपग्रह की चलन व्यवस्था के जिम्मेदार तकनीशियन सुश्री वेइ त्साई इंग ने कहा कि मौसम उपग्रह की कारगर निगरानी और सही पूर्वानुमान के जरिये चीन में तूफानों के कारण जान-माल का बहुत नुकसान नहीं हुआ है।

जब तूफान मुख्य भूमि पर उतरने वाला हो , तब हम रेडार जैसे माध्यमों से इस का पर्यवेक्षण कर सकते हैं । लेकिन जब वह सुदूर महासागर में रहता है , तब हम केवल उपग्रह के जरिये ही इस की निगरानी कर सकते हैं । मिसाल के रुप में वर्ष 2006 में दक्षिणी चीन पर उतरने वाला जबरदस्त तूफान मोती इधर के दजर्नों वर्षों में सब से भयानक तूफान रहा है । इस की डिग्री 17वीं पंक्ति पर दर्ज की गयी थी । पर उपग्रह की निगरानी के कारण तूफान से पैदा होने वाले नुकसान को बहुत कम किया जा सका है । क्योंकि स्थानीय सरकार ने उपग्रह से पूर्व चेतावनी मिलने के तुरंत बाद लाखों स्थानीय लोगों को दूसरी जगहों पर स्थानांतरित कर दिया ।

मौसम विपदा के अतिरिक्त चीन के मौसम विभागों ने प्रति वर्ष मौसम उपग्रह के सहारे आग और रेतीले तूफान समेत प्राकृतिक विपदाओं की निगरानी करने में सफलता हासिल की है । उपग्रहों से प्राप्त सूचनाओं के सहारे प्रांत स्तरीय सरकारों ने विपदाग्रस्त लोगों को दूसरे स्थानों पर स्थानांतरित करने में सफलता प्राप्त की। इस से यह देखा जा सकता है कि उपग्रहों की सूचनाएं कितनी महत्वपूर्ण हैं । चीनी राजकीय उपग्रह मौसम केंद्र में कार्यरत श्री फांग शांग ने कहा कि कुछ माह पहले उत्तरी चीन के भीतरी मंगोलिया और हेलुंगच्यांग आदि जगहों में लगी आग की सफलतापूर्ण निगरानी से चीन के मौसम उपग्रहों ने प्राकृतिक विपदाओं की निगरानी में भारी भूमिका अदा की है ।

आम तौर पर आग भड़कने के बाद स्थितियां बहुत तेज़ी से बदल रही हैं। इसलिए आग बुझाने वालों को आग के विस्तृत होने की सूचनाएं तुरंत चाहियें। उपग्रह इस में विशेष भूमिका अदा कर सकता है । इसलिए उत्तरी चीन के अग्नि-स्थलों पर हम ने उपग्रहों से प्रस्तुत चित्रों का खूब प्रयोग किया । हम ने प्रति आधे घंटे में उपग्रह से प्राप्त चित्रों की मदद से अग्नि-स्थलों पर काम करने वालों का मार्गदर्शन किया ।

आग बुझाने वाले काम के अतिरिक्त मौसम उपग्रह जलीय संसाधनों के पर्यवेक्षण , पारिस्थितिकी तथा प्रदूषण की निगरानी तथा वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है । इस के अतिरिक्त चीन का फंगयुवान मौसम उपग्रह वर्ष 2008 के पेइचिंग ऑलंपियाड के आयोजन के दौरान मौसम की भविष्यवाणी करने का काम करेगा । और चीनी मौसम उपग्रह दूसरे देशों के लिए भी मौसम सूचनाएं प्रदान करेगा । इस संदर्भ में चीनी राजकीय मौसम ब्यूरो के उप प्रधान श्री नींग रू छूंग ने कहा , चीन का मौसम उपग्रह विश्व मौसम संगठन के सर्वेक्षण जाल का एक भाग है । उपग्रह के प्रक्षेपण के बाद चीन दूसरे देशों के साथ डेटा व सूचनाओं को साझा करेगा और दूसरे देशों के साथ मौसम उपग्रहों की सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सकेगा , ताकि विश्व मौसम भविष्यवाणी कार्य का स्तर उन्नत हो सके।

वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया , जापान , सिंगापुर , मलेशिया, फिलीपीन्स तथा कोरिया गणराज्य आदि सब चीनी मौसम उपग्रहों की सूचनाओं का लाभ उठा रहे हैं ।

सुश्री वेइ त्साई इंग , जो मौसम उपग्रह तकनीक के अनुसंधानकर्ता हैं , ने कहा कि चीन में वर्ष 2012 तक नयी शैली और उच्चतम तकनीक वाले उपग्रह का प्रक्षेपण किया जाएगा ।

चीन का नयी शैली वाला मौसम उपग्रह फंगयुवन नम्बर चार कहलाएगा। इस उपग्रह का तकनीकी स्तर और उन्नत होगा और इसमें लैस दूर संवेदी यंत्र भी और अधिक उन्नतिशील होगा। नयी शैली वाला मौसम उपग्रह प्रति मिनट पर डेटा वापस भेज सकेगा और वह भिन्न-भिन्न ऊंचाई पर मौसम सूचनाएं ग्रहित कर सकेगा ।