प्रिय श्रोताओं, अभी अभी समाप्त हुए दोहा एशियाड में चीन की चिन लुंग नामक यात्री बसें एशियाड की शटल बसें बनायीं। ये यात्री बसें रोज खिलाड़ी गांव, व्यामशालाओं और प्रेस केंद्रों के बीच आती जाती थीं, मानो रेगिस्तान में मरुद्वीप हैं।यह प्रथम बार है कि किसी एक ब्रांड की चीनी यात्री बस विदेश जाकर अंतरराष्ट्रीय स्थर के खेलों में सेवा की। क्यों चीनी यात्री बसों को इतना अच्छा मौका मिला है। क्या चीनी यात्री बसें दोहा के गर्म मौसम में अच्छी तरह चल सकती हैं। हाल ही में हमारी संवाददाता ने चिन लुंग यात्री कंपनी के वाणिज्य विभाग के मैनेजर श्री नी थुंग छ्वन से साक्षात्कार किया। आज के इस कार्यक्रम में सुनिए इस के बारे में एक रिपोर्ट।
कतर की राजधानी दोहा एक छोटी जगह है, जिस की आबादी केवल कुछ लाख हैं। यहां लगभग हर एक परिवार के पास निजी मोटर गाड़ियां होती हैं , इसलिए सार्वजनिक यातायात बहुत विकसित नहीं है।एशियाड के दौरान, हरी रंग वाली चीनी यात्री बसें दोहा की सड़कों में चलती नजर आती थीं, जो लोगों के ध्यान को आकर्षित करती थी । दोहा प्रेस केंद्र की गाड़ियों का प्रशासन करने वाली मैनेजर सुश्री फेदरिखा ने संवाददाता से कहा कि कुल लगभग 300 चीनी यात्री बसें वर्तमान एशियाड में इस्तेमाल की गयी थी। 24 घंटों में हर 20 मिनट पर प्रेस केंद्र से 19 प्रमुख व्यायामशालाओं व खिलाड़ी गांव के लिए शटल बसें चलती थीं।
प्रचुर तेल संसाधन होने वाले मध्य पूर्व के समृद्ध देश होने के नाते, कतर में अधिकांश मोटर गाडियां व यात्री बसें जर्मनी के बैन्ज़ ब्रांड में हैं। लेकिन, इस बार कतर की राष्ट्रीय परिवहन कंपनी ने तुलना के बाद चीन के च्यांग सू प्रांत से उत्पादित चिन लुंग यात्री बस को चुना।इस का क्या कारण है। चिन लुंग कंपनी में कार्यरत श्री नी थुंग छ्वन ने कहा कि उन की कंपनी की तेज़ प्रतिक्रिया और उच्च क्वौलिटी ने कतरी राष्ट्रीय परिवहन कंपनी की मान्यता हासिल की है। कतर दो तीन महीनों में 300 यात्री बसों का आयात करना चाहता था, केवल उस की कंपनी ही यह मांग पूरा कर पाती । उन के अनुसार"यात्री बसों के दाम एवं क्वौलिटी आदि तत्वों को मद्देनजर, युरोप की किसी भी एक कंपनी इतने छोटे समय में इतनी ज्यादा यात्री बसों का निर्माण नहीं कर सकती है । केवल हमारी कंपनी एक ही दिन में 60 यात्री बसों का निर्माण कर पाती है।
श्री नी थुंग छ्वन के अनुसार, तीन दिनों में उस की कंपनी और कतर की राष्ट्रीय परिवहन कंपनी ने दस्तावेज पर हस्ताक्षर किया और केवल ढाई महीनों में ही तीन सौ यात्री बसों का उत्पादन पूरा किया गया। कतरी पक्ष को चिन लुंग कंपनी की यात्री बसें बहुत प्रसंद आयीं और बाद में और दो यात्री बसों का निर्यात करने का निर्णय भी लिया । अभी तक, कुल 439 चीनी यात्री बसें कतर के परिवहन बाजार में निर्यात की गयी हैं और उन की प्रचलन स्थिति सही सलामत है।
कतर का रेगिस्तान मौसम होता है, वहां गर्मियों के दिनों में तापमान लगभग 55 सेंटिग्रेड होता है। क्या चीन की यात्री बसें यहां अच्छी तरह चल सकती हैं। श्री नी थुंग छ्वन ने पूरे विश्वास से कहा, वास्तव में दुनिया में हमारी कंपनी की यात्री बसें चलती हैं। और गर्म क्षेत्रों में हमारा अपना अनुभव भी होता है। कतर से पहले, हम जोर्डन आदि देशों को यात्री बसों का निर्यात भी कर चुके हैं।
लेकिन, एक ही बार 500 यात्री बसों का निर्यात करना चिन लुंग कंपनी के लिए सामान्य बात नहीं है।कतर के गर्म मौसम और रेगिस्तान वातावरण के अनुकूल में सू च्यो की चिन लुंग कंपनी ने विशेष रुप से तकनीशियनों को कतर भेजकर जांच पड़ताल की और अपनी यात्री बसों का पुनः बंदोबस्त किया। मिसाल के लिए, उन्होंने यात्री बसों के एयर कंडिशनर और गर्मी बंटवारा की आदि व्यवस्थाओं की विशेष डिजाइनिंग किया और कुछ उपकरणों का सुधार भी किया।
कतर की खावार परिवहन कंपनी में कार्यरत भारतीय मूल वाला ड्राइवर श्री बॉल टौतुवैली चिन लुंग यात्री चलाते हैं । उन्होंने संवाददाता से कहा कि यह पहली बार है कि वे चीनी यात्री बस चलाते हैं। उन्हें यह बस बहुत अच्छी लगी है। उन के अनुसार, यह यात्री बस बहुत अच्छी है और आरादेह है । इस का अच्छा आकार भी है। इस बस का एयर कंडिशनर बढिया है और ब्रेक भी ठीक है।
कतर एक छोटा देश है, क्यों इतने ज्यादा यात्री बसों का निर्यात करना चाहता है। जब हमारी संवाददाता ने यह सवाल पूछा, तो श्री नी थुंग छ्वन ने मुस्कराते हुए बताया कि उन्होंने भी कतर के उपभोक्ताओं को ऐसा सवाल पूछा था। कतरी पक्ष ने उन्हें बताया कि ये बसें सर्वप्रथम एशियाड में इस्तेमाल की जाएंगी, बाद में विभिन्न स्कूलों को दी जाएंगी और स्कूल बस बनेंगी। कतर में सार्वजनिक यातायात विकसित नहीं है, ये स्कूल बसें तो इस समस्या का समाधान कर सकेंगी। इस के अलावा, कतर अब एल पी जी नामक एक तेल परियोजना की योजना भी बना रही है। इस परियोजना के अनुसार, कतर एक बहुत बड़ा तेल शहर की स्थापना करेगा। मौके पर 50 हजार मजदूर इस तेल शहर में काम करेंगे। कतर की आबादी बहुत कम है, इसलिए, ये मजदूर विदेशों से आमंत्रित किये जाएंगे। इसलिए, काम करने के लिए रोज उन्हें भी शटल बसों से सवार होना पड़ेगा। बाकी यात्री बसें तो मजदूरों की शटल बसें बनेंगी।
चिन लुंग यात्री बस के एशियाड में शटल बस बनाने से चीन की सू च्यो की चिन लुंग कंपनी को भारी लाभांश मिला है और इस कंपनी को भारी मौका भी दिया गया है। श्री नी थुंग छ्वन ने संवाददाता से कहा, इस से चिन लुंग यात्री बस को सारे मध्य पूर्व क्षेत्र यहां तक सारी दुनिया में व्यापक उपभोक्ताओं व बिक्री एजेंटों की मान्यता मिली है। हमारी कंपनी की प्रतिष्ठा बढ़ रही है। यह हमारा सब से बड़ी उपलब्धि है। कितने अमरीकी डॉलर कमाना है हमारे लिए इतना महत्वपूर्ण नहीं है। हम और दीर्घकालीन कल्याण को ज्यादा मूल्यवान समझते हैं।
श्री नी थुंग छ्वन ने संवाददाता से कहा कि वर्ष 2003 से चिन लुंग कंपनी ने यात्री बस का निर्यात करना शुरु की। इधर के वर्षों में निर्यात की रक्म साल दर साल बढ़ती जा रही है। अब उन की कंपनी के उत्पादक मुख्यतः रुस, संयुक्त अरब अमीरात, चिली, मलेशिया आदि 30 से ज्यादा देशों तक निर्यात किये गये हैं। वर्ष 2004 में चिन लुंग कंपनी की निर्यात रक्म केवल 30 लाख अमरीकी डॉलर थी, जबकि वर्ष 2005 में यह संख्या 1 करोड़ 50 लाख अमरीकी डॉलर तक पहुंची थी। वर्ष 2006 के पहले नौ महिनों में उस कंपनी की निर्यात रक्म 60 करोड़ अमरीकी डॉलर को पार कर ली थी । भविष्य के प्रति श्री नी थुंग छ्वन का पक्का विश्वास है। उन्होंने कहा कि उस की कंपनी अंतरराष्ट्रीयकरण के कदम को तेज़ करके सुयोग्य व्यक्तियों, उत्पादकों और सेवा के अंतरराष्ट्रीयकरण को साकार करने का प्रयास करेगी और मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया,अफ्रीका , अमरीका और युरोप में बाजार की कोटा को बढ़ाने की कोशिश भी करेगी।
|