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(GMT+08:00) 2006-12-21 13:08:22    
अरकुना नदी घाटी में अवस्थित श वी शहर पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र

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प्रिय दोस्तो , आज के चीन के भ्रमण कार्यक्रम में हम आप के साथ फिर उत्तर चीन में बसी चीनी अल्पसंख्यक जातियों में से एक रूसी जातीय गांव के दौरे पर होंगे ।

हम जानते हैं कि अरकुना नदी उत्तर चीन के छोर को छूते हुए आगे निकल जाती है । इस नदी के उत्तरी किनारे पर रूसी गांव बसा हुआ है । गत वर्ष शह वी कस्बे को चीनी राष्ट्रीय टी वी स्टेशन यानी सी सी टी वी ने 2005 के सब से मनमोहक प्रसिद्ध शहर के रूप में चुना था , इस के बाद चीन व रूस के सीमांत क्षेत्र में स्थित यह छोटा कस्बा अपनी इस नयी विशेष पहचान से बड़ी तादाद में देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गया है । रूसी जाति के अधिकांश लोगों को गरीबी से छुटकारा दिलाने के लिये स्थानीय सरकार ने पर्यटन के विकास में धन राशि का अनुदान भी किया है । इस से उन्हों ने 60 व 70 हजार य्वान , यहां तक की एक लाख य्वान का मुनाफा भी कमाया है ।

पर्यटन सेवा के विकास से पहले शह वी कस्बा काफी पिछड़ा हुआ था , प्रति व्यक्ति की सालाना औसत आमदनी केवल कई सौ चीनी य्वान थी । पर 2004 में इस छोटे से कस्बे ने अपनी विशेष स्थानीय स्थिति के अनुसार पर्यटन कार्य का विकास कर के अपनी आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार किया है । टोनिया की माताजी इस वर्ष 80 साल की हो गई हैं , उन के लिये सब से बड़ी खुशी यह है कि अपनी संतान सुखमय जीवन जी सके ।

अब अच्छा समय आ गया है , मेरे बच्चे सौभाग्यशाली हैं , उन का जीवन पहले से अधिक बेहतर हो गया है ।

वर्तमान निश्चिंत जीवन की चर्चा करते ही सुश्री टोनिया एकदम प्रफुल्लित हो उठीं । उन्हों ने रूसी भाषा में काटुशा नामक रूसी गाना भी गाया ।

सुश्री टोनिया के बड़े भाई वासिलीज ने वलिवाद्य बजाते हुए साथ दिया । श्री वासिलीज इस कस्बे का सब से कुशल वलिवाद्य वादक है । गत वर्ष उस ने अपने इस छोटे से कस्बे की तरफ से पेइचिंग में सी सी टी वी द्वारा प्रसिद्ध कस्बे के चुनाव में भी भाग लिया था । उस ने सी सी टी वी के मंच पर पहली ही बार प्रतिभाशाली वाद्य वादक की हैसियत से दर्शकों का मन मोह लिया ।

इस प्रकार प्रसिद्ध कस्बे के चुनाव में यह शह वी छोटा कस्बा ही नामी नहीं हुआ , वादक वासिलीज भी विख्यात हो गये । सुश्री तुंगनिया ने हमें बताया कि अब काफी अधिक पर्यटक वासिलीज के वलिवाद्य सुनने के लिये यहां आते हैं । सच है , श्री वासिलीज एक कुशल वलिवाद्य वादक ही नहीं , एक अच्छा कवि भी है । तत्काल में जब हम उन के साथ शराब पी रहे थे , तो मौके पर ही शराब पेश करने की एक कविता उन के मुंह से निकल पड़ी ।

हालांकि अब धूप मुलायम नहीं है , बारिश भी नहीं है , आकाश पर अनगिनत तारे चमकते हुए नजर आते हैं । शह वी कस्बा एक प्राचीन रहस्यमय ही नहीं एक बहुत खूबसूरत जगह भी है । वह पूर्व , पश्चिम व दक्षिण तीनों तरफ से पर्वतों से घिरा हुआ है , और अरकुना नदी कल-कल कर उस के उत्तर से आगे बह जाती है ।

श्री वासिलीज ने हमें बताया कि उन्हें अपने बचपन से ही साहित्य से बहुत लगाव है , उस समय वे अक्सर लेख और कविताएं लिखते थे और प्राईमरी स्कूल की पांचवीं क्लास में ही स्थानीय अखबार के रिपोर्टर बन गये थे । पर घर की गरीबी से मजबूर होकर उन्हें केवल प्राईमरी स्कूल तक की शिक्षा ही प्राप्त हो पायी ।

अब वासिलीज को अपना मन्सूबा अपनी संतान से पूरा होने की आशा है । उन के भाई बहनों के कई बच्चे अब नौ वर्ष की अनिवार्य शिक्षा ले रहे हैं , उन में से एक के अगले वर्ष विश्वविद्यालय में प्रवेश करने की आशा है । श्री वासिलीज ने कहा कि रूसी जाति जैसी कम संख्या वाली अल्पसंख्यक जातियों की संतानों को अब विश्वविद्यालयों में कुछ उदार नीति का उपभोग करने की सुविधा भी उपलब्ध है ।

अपनी संतानों की आगे शिक्षा दिलाने की चर्चा में तुंगनिया ने हमारे संवाददाता के साथ बातचीत में कहा कि वे अपने घरेलु पर्यटन व्यवसाय से ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाएगी , ताकि अपनी पोती को पढ़ने के लिये विदेश भेज सके ।

अब टोनिया अपने नये होटल के निर्माण में जुटी हुई है । यह नया होटल अरकुना नदी के तट पर स्थित है,टोनिया को यहां रहना बहुत भाता है । वह एक दस बिस्तर वाले होटल तथा 60 ग्राहकों को सेवा प्रदान करने वाले एक खुले रेस्त्रां का निर्माण करने की तैयारी में हैं । सुश्री टोनिया ने कहा कि रूस में उन के अनेक रिश्तेदार हैं । उन्हों ने कई बार टोनिया के परिवार को रूस में आ कर बसने को कहा है , पर टोनिया शह वी को अपनी जन्मभूमि समझती है और किसी और जगह जाने को तैयार नहीं है ।

उन का कहना है कि यही मेरी जन्मभूमि है , मैं आखिरकार यहां पर पली बढ़ी हूं , यहां की आदी हो गयी हूं और इस जगह से प्यार करती हूं ।