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(GMT+08:00) 2006-12-21 20:50:05    
चीन-भारत मैत्री में एक नया अध्याय जोड़ा गया

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विश्व के दो प्राचीन सभ्यता वाले देशों के रूप में चीन और भारत के बीच आवाजाही का इतिहास बहुत पुराना है । इधर के वर्षों में दोनों देशों में राजनीतिक, आर्थिक व व्यापारिक तथा सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों में आदान-प्रदान व सहयोग दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है । दोनों देशों की सरकारों ने वर्ष 2006 को चीन-भारत मैत्री वर्ष घोषित किया है , इसी साल में दोनों देशों के विभिन्न क्षेत्रों में आवाजाही ज्यादा बढ़ी है । कुछ समय पूर्व सौ भारतीय युवाओं के एक प्रतिनिधि मंडल ने चीन की दस दिवसीय यात्रा की । इसी दौरान चीनी और भारतीय युवाओं ने सांस्कृतिक, वैज्ञानिक व तकनीकी तथा आर्थिक क्षेत्रों में विचारों का आदान-प्रदान किया और पारस्परिक समझ व मैत्री को मज़बूत किया ।

वर्ष 2005 के अप्रेल माह में चीनी प्रधान मंत्री वन च्या पाओ ने भारत की यात्रा करने के दौरान भारतीय प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के साथ दोनों देशों के बीच सौ युवाओं के एक प्रतिनिधि मंडल का गठन कर एक दूसरे के यहां की यात्रा करने की गतिविधि पर सहमति प्राप्त की । चीन भारत मैत्री वर्ष की महत्वपूर्ण गतिविधियों में से एक के रूप में भारतीय उप युवा व खेल मंत्री मधुकर गुप्ता के नेतृत्व वाला सौ भारतीय युवाओं का एक प्रतिनिधि मंडल चीन आया, जिसे चीनी युवाओं का हार्दिक स्वागत मिला। राजधानी पेइचिंग की यात्रा के दौरान भारतीय शिष्ट मंडल के सदस्यों ने चीनी पेइचिंग फोरेस्ट युनिवर्सिटी के विद्यार्थियों के साथ संगोष्ठी आयोजित कर स्नेहपूर्ण वार्ता की ।

संगोष्ठी में भारतीय युवा व खेल विभाग के अधिकारी श्री सिशे कुमारथ ने भाषण देते हुए जानकारी दी कि भारतीय युवा प्रतिनिधि मंडल के सदस्य आम तौर पर भारत के विभिन्न विश्लविद्यालयों के विद्यार्थी हैं । वर्तमान में भारत में चीनी संस्कृति व चीनी साहित्य सीखना युवा पीढ़ी में प्रचलित धारा है । भारतीय युवाओं में चीनी संस्कृति व चीनी भाषा सीखने की बड़ी रूचि है । श्री सिशे कुमारथ ने कहा,"चीन और भारत जीवन शक्ति भरे देश हैं । हमारे दोनों देशों के नौजवान देश के आर्थिक विकास व निर्माण के मोर्चे की महत्वपूर्ण शक्ति हैं । हमें आशा है कि दोनों देशों के युवाओं के बीच आवाजाही को एक नई मंजिल पर पहुंचाया जाएगा और विश्वास है कि दोनों देशों के युवा लोग हाल से हाथ मिलाकर एक साथ कोशिश कर एशिया को और समृद्ध बना सकेंगे । हमें विश्वास है कि अगली शताब्दी हमारी एशिया की सदी होगी।"

मौजूदा चीन यात्रा पर आए भारतीय युवाओं का प्रतिनिधि मंडल भारत के युवा राजनीतिक नेता , उद्यमी , स्थानीय सरकारी अधिकारी , कलाकार तथा विद्यार्थियों से गठित है । राजधानी पेइचिंग की यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रीय युवा संघ की स्थाई समिति के उपाध्यक्ष अर्केनच्यांग•तूलाहोंग ने प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों से भेंट की । दोनों देशों के युवाओं ने मिलन समारोह का आयोजन किया । भारतीय उप युवा व खेल मंत्री मधुकर गुप्ता, चीन स्थित भारतीय राजदूत तथा चीन के संबंधित नेताओं ने मिलन समारोह में भाग लिया ।

श्री अर्केनच्यांग•तूलाहोंग ने भारतीय प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों से भेंट के दौरान कहा कि दोनों देशों के युवाओं के बीच एक दूसरे की यात्रा करने से दोनों देशों के युवाओं के बीच आवाजाही व एक दूसरे से सीखने के लिए अच्छा मौका है , इस के साथ ही दोनों देशों के नौजवानों व जनता के बीच पारस्परिक समझ व मैत्री भी आगे बढ़ेगी । इस का चीन-भारत मैत्री को सुदृढ़ बनाने के लिए भारी महत्व है । उन्होंने कहा ,"चीनी राष्ट्रीय युवा संघ भारतीय युवा व खेल मंत्रालय के साथ सहयोग कर दोनों देशों के युवाओं के बीच आवाजाही का विस्तार करने, दोनों देशों की युवा पीढ़ी में चीन-भारत मैत्री की बेहतरीन परम्परा के विकास को प्रोत्साहित करने तथा दोनों देशों के युवा लोगों तथा जनता के बीच समझ व मैत्री को आगे बढ़ाने को तैयार है । हम हाथ से हाथ मिलाकर चीन और भारत की समृद्धि व उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के लिए ज्यादा भूमिका अदा करेंगे ।"

भारतीय युवा व खेल मंत्रालय के उप मंत्री श्री मधुकर गुप्ता ने अपने भाषण में कहा कि चीन और भारत तथा दोनों देशों की जनता के बीच आवाजाही का इतिहास बहुत पुराना है । हमारे दोनों देशों के बीच बड़ी समानताएं उपलब्ध हैं । भारत का बौद्ध धर्म चीन में प्रविष्ट हुआ था , कई हज़ारों वर्ष पुराना रेशमी मार्ग तथा थांग राजवंश के महाभिक्षु ह्वांग सांग द्वारा लिखित पश्चिम की तीर्थ यात्रा आदि तत्वों से हमें जोड़ा है । भारत चीन के साथ संबंध के विकास को महत्व देता है । दोनों देशों के बीच कदम ब कदम बढ़ रहे व्यापार ने इसे साबित किया है। श्री मधुकर गुप्ता ने कहा ,"चीन और भारत के युवा दोनों देशों की नयी शक्ति हैं । वे विकास के सर्वांगीर्ण मोर्चे पर खड़े हुए हैं । हमें दोनों देशों के युवाओं की आवाजाही व सहयोग को आगे बढ़ाना चाहिए । हमारे प्रतिनिधि मंडल के सदस्य भारत के विभिन्न तबकों से आए हैं । कहा जा सकता है कि वे एक छोटे भारतीय समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं । आवाजाही के दौरान हमारे दोनों देशों के युवाओं के बीच गहरी मैत्री की स्थापना की जा सकती है । इस से दोनों देशों विशेषकर दोनों देशों के युवा लोगों के बीच मैत्री व समझ को मज़बूत किया जा सकेगा ।"

भारतीय युवा प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने पेइचिंग फ़ोरेस्ट युनिवर्सिटी के विद्यार्थियों के साथ स्नेहपूर्ण वार्ता की , इस के बाद आयोजित मिलन समारोह में भारतीय मेहमानों ने चीनी दोस्तों के लिए मधुर भारतीय गीत , सुन्दर भारतीय नृत्य तथा जादू-कला प्रस्तुत की । दोनों देशों के युवाओं ने एक साथ यादगार रात बितायी । चीनी विद्यार्थियों ने भारतीय युवाओं की प्रस्तुतियों भारतीय संस्कृति की विशेषता और भारतीय युवाओं की जीवनी शक्ति महसूस की । उन की प्रस्तुतियों ने चीनी युवाओं की वाहवाही लूटी ।

दीपक राठी भारतीय आइ.आइ.टी. के विद्यार्थी हैं । अपनी प्रथम चीन यात्रा को लेकर उन्हें बहुत खुशी है । दीपक का विचार है कि दोनों देशों के युवाओं के बीच एक दूसरे देश की यात्रा करने के लिए ऐसे बड़े पैमाने वाले प्रतिनिधि मंडल का गठन किया गया , यह बहुत सराहनीय बात है। चीन और भारत की सरकारों ने दोनों देशों के युवाओं के बीच आदान-प्रदान व सहयोग को मज़बूत करने की बड़ी कोशिश की है । दीपक ने कहा कि भविष्य में अगर मौका मिलेगा , तो वे चीनी भाषा सीखने के लिए चीन आएंगे । उन का कहना है ,पेइचिंग की यात्रा के अलावा सौ भारतीय युवाओं के एक प्रतिनिधि मंडल ने चीन के शी आन , क्वांगचो और शांगहाई आदि शहरों की यात्रा भी की । प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने चीन के विभिन्न तबकों के युवाओं के बीच व्यापक वार्ता की और विचारों का आदान-प्रदान किया।

चीनी राष्ट्रीय युवा संघ के राष्ट्रीय समिति के उपाध्यक्ष श्री अर्केनच्यांग•तूलाहोंग नवम्बर के अंत में सौ चीनी युवाओं के एक प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व कर भारत की यात्रा करेगें, जिस से दोनों देशों के प्रधान मंत्रियों के बीच सम्पन्न मतैक्य का ठोस कार्यान्वयन होगा , और दोनों देशों के युवाओं की आवाजाही के इतिहास में सब से बड़े पैमाने वाली आवाजाही को मूर्त रूप दिया जाएगा और चीन-भारत मैत्री के विकास में नया अध्याय जोड़ा जाएगा ।