आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के मोहम्मद शाहिद आजमी ने हमें लिख कर कहा कि आज नित्य की भांति सब से पहले समाचार सुना , प्रस्तुकर्ता वे तुंग और श्योयांग जी थे । समाचारों के बाद सामायिक चर्चा के तहत बहन चाओ हवा के स्वर में चीन में समुद्री जांच की तैयारी पूरी होने पर रिपोर्ट सुना , इस महत्वपूर्ण रोपोर्ट से चीन की समुद्री स्थिति तथा उस की जांच एवं प्रयावरण पर विस्तार से जानकारी मिली । इरान की नाभिकीय ऊर्जा के शांतिपूर्ण प्रयोग पर भी रिपोर्ट सुना ।
सब कुछ ठीक है , विश्व के कई देश है , जिन के पास भारी मात्रा में भयंकर विनाशकारी परमाणु हथियार है , उन पर क्यों नहीं अधिक जोर दिया जाए कि वह अपने हथियारों को समाप्त कर दें , क्या यह सही है कि केवल संदेह के कारण की इस देश के पास विनाशकारी हथियार है , उस देश को परेशान किया जाए , परेशान ही नहीं , उसे बल प्रयोग कर तबाह करने की धमकी दी जाए , जिस का ताजा उदाहरण इरान है । साप्ताहिक कार्यक्रम चीन का भ्रमण में चीन के दो मुख्य स्थल --- पेइचिंग विश्वविद्यालय के पुराने लाल भवन और थेयनआंमन चौक की सैर की । पेइचिंग में स्थित लाल भवन जो लाल रंग का है , के बारे में बहुत ही अच्छी जानकारी मिली , इतिहास के पन्नों पर सुनपहे अक्षरों से अंकित इतिहास के कुछ पथ को सुन कर मन उस इमारत को देखने को करता है । थ्येनआंमन चौक जो विश्व का सब से विशालत्म चौक है , साथ ही इस चौक का इतिहास भी बहुत अजीम है ,इसी चौक पर माओ त्सेतुंग ने नए चीन की स्थापना की घोषणा की थी , अतः इस चौक का महत्व चीन वासियों के लिए बहुत ही अधिक है । चीन का भ्रमण कार्यक्रम जो बहन चाओ हवा जी ने प्रस्तुत किया था , ज्ञानवर्धक तो था ही , साथ ही मनमोहक भी था । बहन चाओ ह्वा जी की प्रस्तुति उन के अनोखे अंदाज का एक नमूना थी ।
आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के अमीर अहमद ने हमें लिखे पत्र में कहा कि आज 11 जुलाई को कार्यक्रम चीन का भ्रमण सुना , प्रस्तुती दीदी चाओ ह्वा की थी । कार्यक्रम की शुरूआत कुछ ऐसे ढंग से उन्हों की , हमें ऐसा प्रतीत हुआ कि दीदी हमारे साथ साथ चीन का भ्रमण करना शुरू करा रही हो । उन्हों ने हर पहलु हर जगह खान पीन से लेकर चिड़ियों की चनचनाहट तक को भी सुनाया।
दी दी की शुरूआती शब्द कि पता नहीं आप को मालूम है या नहीं , से ऐसा मालूम हुआ कि हमारे टीचर हमें ज्ञान वर्धक बातें बताना शुरू करते हैं ।
जब हम चीन के सुन्दर क्वोलिन शहर पहुंचते हैं , दीदी की आंखों से और अपने कानों से सुनते देखते है । क्वोलिंग बहुत ही खूबसूरत शहर है । सच कहूं , जब लीच्यांग नदी के पानी के बहने की आवाज और चिड़ियों की चहकने की आवाज हमारे कानों में पहुंचा , तो ऐसा लगा कि हम लिच्यांग नदी के पास ही है । दीदी का भ्रमण कराने का अंदाज बहुत ही अच्छा है , लिचांग नदी की कल कल की आवाज ने हमें मनोमुग्ध किया है । जब क्वोलिन पर कविता जो पूरे संसार में चर्चित है , के बारे में बताया , तो मालूम हुआ कि क्वोलिन की सब से बड़ी विशेषता यह है कि यहां वर्ष भर पेड़ हरे भरे रहते हैं ।
क्वोलिन में हाथी सुंड पर्वत जो वास्तव में देखने में हाथी लगता है और हाथी ऐसा देखने में प्रतीत होता है कि वह लिचांग का पानी पी रहा हो । हाथी सुंड पर्वत के इतिहास पर उन्हों ने बताया कि बहुत वर्ष पहले हाथी का एक झुंड आया था , और यहां की प्राकृतिक दृश्य तथा लिचांग नदी के देवता ने हाथियों को बुलाया , तो एक हाथी रूक गया , बाकी हाथी चले गए । देवता नाराज हो गया और उस हाथी को वही मार दिया और उसे पत्थर का शक्ल दे दिया । क्वोलिन में रहने वाले श्री मा से चर्चा हुई , वो अपने बारे में बताता है कि मैं हर सुबह पर्वत पर चढ़ कर सुन्दर दृश्य को देखता हूं । और श्री मा बताते हैं कि गर्मियों में जब दिन ढलता है , तो शहरी लोग नदी के किनारे आते है और मौज मस्ती गपशप करते हैं । रिपोर्ट से यह मालूम हुआ कि क्वोलिन के लोग सुबह घर पर नाश्ता नहीं करते हैं , वो होटल में नूटल , जो चावल से बनता है , खाते हैं , स्थानीय लोगों का खाना नूटल है ।
इतना बढिया क्वोलिन का भ्रमण कराने पर हम चाओ हवा को धन्यावाद देते है , भ्रमण सच में भ्रमण हो ही गया , कानों से तो सुन लिया , आंखों से देखने की इच्छा है ।
नारनौल हरियाणा के उमेष कुमार ने हमें भेजे पत्र में कहा कि आप का कार्यक्रम सुनते हुए मुझे डेढ़ दशक से अधिक का समय हो गया है । इस अवधि में आप के कार्यक्रमों में यथोचित परिवर्तन भी किए गए , जो अच्छे लगे । वर्तमान में कार्यक्रमों का स्वरूप उचित है । मैं लगभग आप के सभी कार्यक्रम समय समय पर सुनता रहता हूं । इन में किसी एक कार्यक्रम की प्रशंसा करना बेमानी होगी । फिर भी चीन के बारे में जानकारी देने वाले कार्यक्रमों का मैं विशेष प्रशंसक हूं । चीन का भ्रमण , चीन में निर्माण व सुधार , जीवन और समाज , आप का पत्र मिला , सांस्कृतिक जीवन का विशेष रूप से प्रशंसक हूं । आज का तिब्बत भी बहुत अच्छा लगा । यदा कदा आप की पसंद तथा चीनी गीत संगीत कार्यक्रम भी सुन लेता हूं । ये भी पसंद आते हैं। चीनी गीत संगीत कार्यक्रम में आप लोकप्रिय चीनी गीतों को ही ले , चीनी भाषा का कार्यक्रम समझने में कठिनाई होती है , क्योंकि चीनी भाषा बहुत गूढ़ है । बोले गए सभी वाक्य एक जैसे लगते हैं । इसकी पाठमाला को पुस्तक रूप में बनाएं और हमें भेजें , जिस से हमें आप के कार्यक्रम में चीनी भाषा को सीखने में आसानी रहेगी ।

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