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(GMT+08:00) 2006-12-18 20:32:42    
सांस्कृतिक आयोजन से चीन-अफ्रीकी सहयोग मंच की शोभा में इजाफा

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कुछ समय पूर्व चीन-अफ्रीकी सहयोग मंच का शिखर-सम्मेलन पेइचिंग में धूमधाम से आयोजित हुआ। इसी संदर्भ में पेइचिंग में कई सांस्कृतिक गतिविधियां भी चलाई गईं,जिस से चीनी लोगों को अफ्रीका की विशेष संस्कृति,लोककला और रीति-रिवाजों की जानकारी हासिल करने का सुअवसर मिला।

पेइचिंग के प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र-वांगफूचिन की चहल-पहल वाली पैदल-सड़क पर एक हफ्ते का अफ्रीकी रीति-रिवाज उत्सव मना। सड़क के दोनों किनारे लगे पोस्टर-बोर्डों में अफ्रीका के रीति-रिवाज़ों के बारे में बड़ी संख्या में सुन्दर चित्र लगे हुए हैं। बहुत से बाल-बच्चे अफ्रीकी शेरों,लम्बी गर्दन वाले हिरणों और जेबरा के माडलों के साथ फोटो खिंचवाते दिखाई पड़े। वहीं एक बहुमंजिला दुकान में विशाल इलैक्ट्रोनिक बोर्ड पर अफ्रीका से संबंधित फिल्में भी प्रदर्शित की गईं। उत्सव के दौरान इस वाणिज्यिक केंद्र में 3 सांस्कृतिक समारोह आयोजित किए गए,जिन में चीनी कलाकारों और चीन में पढ रहे अफ्रीकी छात्रों ने संयुक्त रूप से रंगबिरंगे अफ्रीकी सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

परंपरागत अफ्रीकी नृत्य के तेज ताल-लय पर थिरकते हुए अफ्रीकी छात्रों के प्रदर्शन ने दर्शको को लुभाया और अनेक दर्शक अपने को उन की नकल करने से नहीं रोक पाए। चांग तुंग-पो नामक एक लड़की ने प्रदर्शन देखने के बाद प्रसन्नता से हमारे संवाददाता से कहाः

"मुझे यह सांस्कृतिक आजोयन बहुत अच्छा लगा है। इस तरह की गतिविधियां अधिक चलाई जानी चाहिएं,क्योंकि इस से चीनी जनता और अफ्रीकी जनता के बीच मैत्री के विकास में मदद मिलेगी और दोनों एक दूसरे से ज्यादा निकट आ सकते हैं। मुझे पहले अफ्रीकी नृत्य देखने का कोई भी मौका कभी नहीं मिला। आज मैं यहां खुद अफ्रीकी नर्तकों द्वारा प्रस्तुत किया गया अफ्रीकी नृत्य देख कर बहुत खुश हूं। इस नृत्य से अफ्रीकियों का उत्साहपूर्ण व मेलमिलावपूर्ण स्वभाव झलकता है। "

पेइचिंग भाषा विश्वविद्यालय में पढ़ रहे नाइजर के छात्र केलची ईकान्ने ने कहा कि वह मेहनत से चीनी भाषा सीख रहा है और वह चीन के बहुत से शहरों का दौरा कर चुका है। उस का विचार है कि चीनी लोग और अफ्रीकी लोग आदान-प्रदान के जरिए एक दूसरे तक अपनी अपनी राष्ट्रीय संस्कृति पहुंचा सकते हैं। उस का कहना हैः

"हमारे देश नाइजर में करीब 20 हजार चीनी रहते हैं। वे हमारी भाषा बोलते हैं और मुख्यतः व्यापारिक काम करते हैं। वे हमारे देश से प्यार करते हैं और हमारे साथ मेलमिलापपूर्वक रहते हैं। वैसे ही नाइजर के बहुत से छात्र भी चीन में अध्ययन कर रहे हैं। सो मेरे ख्याल में द्विपक्षीय सांस्कृतिक व व्यापारिक संबधों को आगे बढाने की दिशा में दोनों देशों की जनता सहयोग से बहुत कुछ कर सकती है।चीन एक बहुत अच्छा देश है,जिस से ज्यादा प्यारा मुझे कोई दूसरा देश नहीं है।"

चीन-अफ्रीकी सहयोग मंच के पेइचिंग शिखर-सम्मेलन के आयोजन के दौरान《अफ्रीकी कलात्मक वस्तुओं की प्रदर्शनी》और《अफ्रीकी देशों के सिक्कों व डाक-टिकटों की प्रदर्शनी》चीनी राजकीय संग्रहालय में लगाई गई। चीन सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और पेइचिंग शिखर-सम्मेलन में उपस्थित अफ्रीकी राष्ट्राध्यक्षों व शासनाध्यक्षों आदि 200 से अधिक व्यक्तियों ने उस के उद्घाटन-समारोह में भाग लिया। चीनी उपसंस्कृति मंत्री सुश्री मंग श्याओ-सी ने अपने उद्घाटन-भाषण में कहा कि यहां प्रदर्शित अफ्रीका की सुन्दर वस्तुओं ने चीनी जनता के लिए अफ्रीका की जानकारी की एक खिड़की खोली है। उन्हों ने कहाः

"चीन और अफ्रीका के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का बहुत पुराना इतिहास है।अफ्रीका के विभिन्न देशों की जनता ने अपनी विविधतापूर्ण संस्कृति व कला का सृजन किया है।चीनी जनता इस संस्कृति और कला से बहुत प्रभावित हुई है। विशेष कर इन सांस्कृतिक व कलात्मक कृतियों में अफ्रीकी जनता की अटूट जीवन-शक्ति,महान सृजन-शक्ति और असाधारण मनोबल महसूस किया जा सकता है।"

《अफ्रीकी कलात्मक वस्तुओं की प्रदर्शनी》में अफ्रीका के विभिन्न देशों की काष्ठ-मूर्तियों,चित्रों और घास के खिलौनों जैसे 300 से अधिक कलात्मक वस्तुएं प्रदर्शित हुईं हैं।《अफ्रीकी देशों के सिक्कों व डाक-टिकटों की प्रदर्शनी》में चीन से राजयनिक संबध कायम करने वाले 48 अफ्रीकी देशों के 400 से ज्यादा किस्मों के सिक्के और करीब 300 डाक-टिकटों के सेट प्रदर्शित हुए हैं। इन वस्तुओं से चीनी दर्शक अफ्रीकी देशों के रीति-रिवाज और सांस्कृतिक विशेषताओं से भी अवगत हुए हैं। श्यु-पिन नामक एक दर्शक ने हमारे संवाददाता से कहाः

"प्रदर्शित अफ्रीकी विशेषतावाली वस्तुओं में आदिम और सादा सौंदर्य झलकता है,जो आज के समय में प्रचलित बनावटी सुन्दरता से अलग लोगों को नजदीकी का एहसास कराता है। मुझे यह एहसास बहुत अच्छा लगता है।"

इधर के कुछ वर्षों में चीन और अफ्रीका के बीच आर्थिक व व्यापारिक सहयोग खासा तेजी से बढा है और सरकारी व गैरसरकारी सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी घनिष्ठ हुआ है।दोनों पक्षों ने संयुक्त रूप से अनेक महत्वपूर्ण आयोजन किए हैं। वर्ष 2004 में पेइचिंग में हुए《 चीन में मिले अफ्रीकी दोस्त》आयोजन से चीनी दर्शकों को अफ्रीकी कला का भरपूर आनन्द उठाने का मौका मिला। इस बार चीन-अफ्रीकी सहयोग मंच के आयोजन से पहले चीनी संस्कृति मंत्रालय ने पेइचिंग में《अफ्रीका की रात》महफिल आयोजित की, जिस में दक्षिण अफ्रीका,मिश्र और गाबोन जैसे 5 अफ्रीकी देशों से आई कला-मंडलियों ने मन लुभावने नृत्यगान के कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

चीन-अफ्रीकी सहयोग मंच में भाग लेने आए बोत्सवाना के राजकीय संग्रहालय के कला विभाग के प्रधान श्री सेगोला ने कहा कि चीन और अफ्रीका के बीच बड़े पैमाने वाले सांस्कृतिक आदान-प्रदान से आपसी समझ के विकास में मदद मिलेगी।उन का कहना हैः

"बोत्सवाना के लोगों खासकर कलाकारों को चीन से बहुत सीखना है। परंपरागत चीनी चित्रशैली और चित्रकला में चीन की उपलब्धियां हमारे लिए सीखने योग्य हैं। चीन में हमारे आने से चीनी दोस्त बोस्तवाना और अफ्रीका के अन्य देशों की सही जानकारी ले सकते हैं और इस से चीन-अफ्रीकी मैत्री बढ़ सकती है। आशा है कि चीन और अफ्रीका के बीच और ज्यादा मैत्रीपूर्ण गतिविधियां चलाई जाएंगी।"

श्री सेगोला ने यह भी कहा कि बोत्सवाना और चीन के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान की एक नई योजना शुरू की गई है। इस के तहत हर चौथे साल चीन बोत्सवाना में या बोत्सवाना चीन में बड़े पैमाने वाली प्रदर्शनी और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन करेगा।श्री सेगोला ने कहा कि उन्हें द्विपक्षीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान के विकास पर पूरा यकीन है और वे फिर से चीन आने की प्रतीक्षा में हैं।