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(GMT+08:00) 2006-12-13 21:49:14    
विज्ञान व तकनीक क्षेत्र में अन्तरराष्ट्रीय सहयोग का महत्व

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चीन सरकार ने हाल ही में आने वाले पांच सालों के लिए विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में अन्तरराष्ट्रीय सहयोग का कार्यान्वयन कार्यक्रम पेश किया, जिस में खुलेपन को और विस्तृत करते हुए भिन्न भिन्न देशों , क्षेत्रों और अन्तरराष्ट्रीय संगठनों की विशेषता व आवश्यकता के मुताबिक नए अन्तरराष्ट्रीय विज्ञान तकनीक सहयोग कायम करने तथा पूर्ण रूप से सहयोग के स्तर को उन्नत करने की पेशकश की गई ।

चीन के भावी अन्तरराष्ट्रीय विज्ञान तकनीक सहयोग कार्यक्रम की चर्चा में चीनी विज्ञान तकनीक मंत्री श्री श्यु क्वान ह्वा ने कहाः चीन यूरोप , अमरीका , जापान और दक्षिण कोरिया आदि के साथ द्विपक्षीय सहयोग को और अधिक मजबूत करेगा , बुनियादी अनुसंधान व अग्रिम तकनीक क्षेत्र में सार्थक कामयाबियां हासिल करने की कोशिश करेगा । चीन स्वतंत्र देशों के समुदाय , भारत और ब्राजील के साथ सहयोग के क्षेत्रों का विस्तार करेगा और एक दूसरे की आपूर्ति के आधार पर साझा विकास करने का प्रयास करेगा । चीन एशिया व अफ्रीका के अल्प विकसित देशों के साथ सहयोग पर ध्यान देगा और विकासशील देशों को तकनीकी सहायता व प्रशिक्षण देने में तेजी लाएगा । चीन मुख्यतः यूरोपीय संघ , आसियान और अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा संस्था जैसे अन्तरराष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग और आदान प्रदान बढ़ाएगा ।

भावी विज्ञान तकनीक सहयोग कार्यक्रम के अनुसार चीन संबंधित देशों व अन्तरराष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग का विकास करेगा और ऊर्जा , जल संसाधन तथा पर्यावरण संरक्षण पर प्राथमिकता देगा तथा खाद्यपदार्थ सुरक्षा तथा कृषि उत्पादों के श्रेष्ठीकरण और जन समुदाय के स्वास्थ्य की उन्नति पर महत्व देगा ।

सूत्रों के अनुसार अब तक चीन विश्व के 150 से ज्यादा देशों व क्षेत्रों के साथ विज्ञान तकनीक सहयोग संबंध कायम कर चुका है और उस ने एक सौ देशों के साथ सरकारी सहयोग समझौते संपन्न किए हैं । उदाहरणार्थ , नई किस्म के ऊर्जा क्षेत्र में चीन ने इटाली और होलैंड के साथ सहयोग कर सौर ऊर्जा के विकास व उपयोग में सार्थक प्रगति प्राप्त की है । कृषि क्षेत्र में पिछले पांच सालों में चीन ने 1200 समुन्नत व उपयोगी तकनीकों का आयात किया है , जिस से देश में खाद्यपदार्थ की सुरक्षा की गारंटी की गयी । इन के अलावा चीन ने मानव जीनोम परियोजना जैसे विश्व की अहम परियोजनाओं में भाग लिया है । पूर्वी चीन का शानतुंग प्रांत इधर के सालों में अन्तरराष्ट्रीय क्षेत्र में विज्ञान तकनीक सहयोग के लिए एक सक्रिय इलाका है ।

इस प्रांत के विज्ञान तकनीक कार्य के जिम्मेदार अधिकारी सुश्री च्ये लुनिन ने कहा कि बहु स्तरीय अन्तरराष्ट्रीय विज्ञान तकनीक सहयोग के परिणामस्वरूप प्रांत की नव स्वतंत्र सृजन की कार्यक्षमता काफी उन्नत हो गयी और संबंधित क्षेत्रों के सामाजिक व आर्थिक विकास को बढ़ावा भी मिला है । उन्हों ने कहाः

पिछले पांच सालों में शानतुंग प्रांत ने यूरोपीय संघ की 12 ढांचागत विकास परियोजनाओं में भाग लिया । उस ने एक जर्मन अनुसंधान केन्द्र के साथ सहयोग में स्वच्छ जैवी ऊर्जा के विकास में पहले चरण के लिए तीन करोड़ यूरो की राशि लगायी और इस की वार्षिक उत्पादन मात्रा 50 हजार टन जैवी कच्चे तेल तथा 10 हजार टन श्रेष्ठ जैवी मिश्रित डीजल है । इस के अलावा शानतुंग ने अमरीका , जापान व आसियान के साथ भी बहुत रूपों में सहयोग विकसित किए हैं । शानतुंग की तरह चीन के अन्य क्षेत्र भी अन्तरराष्ट्रीय विज्ञान तकनीक सहयोग के लिए सक्रिय रहे हैं ।

आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच सालों में चीन ने अन्तरराष्ट्रीय सहयोग व अनुसंधान के लिए 8 अरब य्वान की पूंजी लगायी । भावी सालों में चीन अन्तरराष्ट्रीय सहयोग के लिए और अधिक पूंजी लगाएगा और सहयोग के दर्जे व स्तर को उन्नत करेगा । चीनी विज्ञान तकनीक मंत्री श्री श्यु क्वानह्वा ने कहाः

चीन राष्ट्रीय विज्ञान तकनीक विकास योजना में विदेशों के लिए खोलने वाले क्षेत्रों का विस्तार करेगा और तकरीबन सभी अहम राष्ट्रीय विज्ञान मुद्दों पर अन्तरराष्ट्रीय सहयोग व आदान प्रदान बढ़ाएगा । चीन चीनी विदेशी सहयोग में विज्ञान अनुसंधान संस्थाओं की स्थापना का समर्थन करेगा , विज्ञान तकनीक व्यक्तियों की आवाजाही को बढ़ावा देगा और कारगर रूप से उच्च स्तरीय प्रतिभाओं के प्रशिक्षण व आमंत्रण पर जोर देगा ।