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(GMT+08:00) 2006-12-08 15:49:53    
थ्येनछी झील के किनारे चरवाहों का नया जीवन

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चीन की अल्पसंख्यक जाति कार्यक्रम सुनने के लिए आप का हार्दिक स्वागत। उत्तर पश्चिम चीन के सिन्चांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश में स्थित थ्येनशान पर्वत पर की थ्येनछी झील एक मशहूर दर्शनीय स्थल है । झील के घाटी क्षेत्र में अनूठा प्राकृतिक सौंदर्य और प्रचूर संसाधन उपलब्ध होता है । झील के क्षेत्र में आबाद सानहे वादी एक मनमोहक रमणीय स्थल है , जो आज वहां बसे फुखांग शहर का नामी गिरामी पर्यटन स्थान बन गया । वादी में रहने वाले एक हजार किसान व चरवाह परिवार भी पर्यटन सेवा के विकास से समृद्ध हो गये ।

सान हे वादी थ्येन शान पर्वत के रमणीय क्षेत्र तथा फुखांग शहर को जोड़ने वाला एक पहाड़ी रास्ता है , जो ढाई किलोमीटर लम्बा है । सान हे वादी में कुल एक हजार से ज्यादा किसान व चरवाह परिवार रहते हैं । उन्हों ने वादी क्षेत्र में बड़ी संख्या में पर्यटन सेवा गांव , पर्यटन वस्तु बेचने वाली दुकानें और पारिवारिक पर्यटन सेवाएं खोले हैं , जिस से पर्यटकों को खाने पीने ,रहने तथा मनोरंजन की बड़ी सुविधा मिल सकती है ।

दर्शनीय स्थल में पर्यटन सेवा के लगातार विकास के परिणामस्वरूप थ्येन शान पर्वत के मुख्य दर्शनीय स्थल के एक भाग के रूप में सान हे वादी भी दिनोंदिन महत्वपूर्ण हो गया । लेकिन पिछले कुछ सालों में किसानों और चरवाहों ने इस पर्यटन क्षेत्र का अव्यवस्थित रूप से विकास किया , जिस से पर्यावरण और व्यवस्था की बहुत सी समस्याएं उभरीं , इन्हें दूर करने तथा युक्तियुक्त रूप से सान हे वादी के सौंदर्य संसाधन का विकास करने के लिए थ्येनछी प्रबंध कमेटी ने सान हे वादी के विकास और प्रबंधन की योजना बनायी । वर्ष 2004 से सान हे वादी में पारिस्थितिकीगत पर्यावरण के संरक्षण व निर्माण का काम शुरू किया गया और पर्यटन क्षेत्र में आबाद कुछ किसान चरवाह घरों को आसपास की दूसरी जगह स्थानांतरित किया गया ।

फुखांग शहर के उप नेता , थ्येनछी प्रबंध कमेटी के प्रधान श्री छि वुनचे ने कहा कि सान हे वादी में रहने वाले किसानों व चरवाहों की उत्पादन व जीवन कार्यवाहियों ने कुछ न कुछ हद तक वहां के पर्यावरण को खराब कर दिया है और अव्यवस्थित पर्यटन सेवा के विकास ने दर्शनीय स्थल के सौंदर्य पर कुप्रभाव डाला । दीर्घकालीन विकास के लिए हम ने अहम सौंदर्य क्षेत्र में से आबादियों को हटाने की योजना लागू की । उन्हों ने कहाः

योजना के अनुसार सान हे वादी के एक हजार परिवारों को दर्शनीय स्थलों से बाहर हटाया गया , उन के द्वारा पहले निर्मित अव्यवस्थित मकानों को भी तोड़ा गया । इस से उन्हें जो आर्थिक नुकसान पहुंचा , उस की क्षतिपूर्ति के लिए स्थानीय सरकार ने बीस लाख य्वान की राशि निकाली और दस करोड़ य्वान की पूंजी पर सान हे वादी का पुनर्निर्माण किया ।

किसानों और चरवाहों के उत्पादन व जीवन को गारंटी और समृद्धि दिलाने के लिए थ्येनछी प्रबंध कमेटी ने आसपास के क्षेत्र में चरवाही के लिए 799 हैक्टर घास मैदान का विकास किया और सुगम रास्ते बनाए । इस के अलावा फुखांग शहर ने भारी पूंजी से दर्शनीय स्थलों के बाह्य क्षेत्रों के पर्यावरण को सुन्दर बनाया , वहां कजाख जातीय शैली में दो पर्यटन उद्यान निर्मित किए , जिन में 260 से अधिक तबू खड़े किए गए हैं और 1300 लोग एक साथ रह सकते हैं । पर्यटन उद्यानों में पर्यावरण संरक्षण सुविधा युक्त शौचालय और गंदा पानी निपटारा तालाब जैसी सुविधाएं उपलब्ध करायी गई हैं । पर्यटक यहां अनूठा प्राकृतिक सौंदर्य देखने के अलावा अल्प संख्यक जातियों की अनोखी रीति रिवाज , जातीय नृत्य गान देखने तथा कजाख जाति का जायकेदार खान पान ले सकते हैं और कजाख जाति के किसानों व चरवाहों का जीवन महसूस कर सकते हैं ।

गत जुलाई में फुखांग शहर के नव निर्मित सान हे कजाख शैली का पर्यटन उद्यान औपचारित रूप से यात्रियों के लिए खुले । इस साल 30 वर्षीय कजाख युवती वुमुति . गुली ने पर्यटन उद्यान में दो तंबू का प्रबंध ठेके पर ले लिया । इस से पहले सुश्री गुली का कोई औपचारिक जॉब नहीं था , अब तंबू प्रबंधन काम से उसे काफी आमदनी मिली और जीवन भी खुशहाल हो गया । इस की चर्चा में उस ने कहाः

शुरू शुरू में पर्यटकों की संख्या ज्यादा नहीं थी , जब यहां का मौसल गर्म होने लगा , तो पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ी । हम ने पर्यटकों की सेवा में कजाख जाति के विशेष स्वाद के व्यंजन बनाये और पर्यटकों के अनुरोध पर बकरी बाड़ा भी दिखाये ।

कजाख रेस्ट्रां मालिक सुश्री चुहुला. दोस्तीक घर की सब से बड़ी लड़की है , हाई स्कूल से स्नातक होने के बाद उस ने अपने छोटे बहन व भाई की देखभाल के लिए वर्ष 1990 से पर्यटन सेवा काम शुरू किया और पर्यटकों के खाने तथा रहने का बदोबस्त करती है । पहले उस के घर की स्थिति अच्छी नहीं है , तंबू फटा पुराना था और रसोई की हालत भी खराब थी , इसलिए बहुत कम पर्यटक आते थे । सान हे वादी के दर्शनीय स्थलों में पर्यटन सुविधाओं के नव निर्माण के बाद उस की सेवा सुविधा भी बेहतर हो गयी , अब उस के तंबू और रेस्ट्रां में आने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती गयी और उस का पर्यटन सेवा काम गर्मागर्म हो गया । उस ने कहाः

पहले मेरे यहां की रहने और खाने की स्थिति अच्छी नहीं थी , दिन में पर्यटकों का सत्कार करती थी , रात में हम खुद तंबू में रहते थे , तंबू में न बिजली थी , न ही टीवी सेट । मुझे घर की जैसी आत्मीय अनुभूति नहीं थी । अब हम ने अलग तंबू व रेस्ट्रां का प्रबंधन किया , रसोई घर और शयन कक्ष बहुत साफ सुथरे हैं।

सुश्री दोस्तीक ने कहा कि अब वह जानती है कि पर्यटन सेवा को बेहतर करने के लिए पर्यटकों को सिन्चांग के विशेष स्वाद के व्यंजन खिलाने के अलावा सेवा स्तर और आवास की सुविधा की गुणवत्ता बढ़ाने की भी आवश्यकता है , सुविधाजनक स्थिति मिलने पर पर्यटक यहां आना पसंद करते हैं ।

सुव्यवस्थित पर्यटन सेवाओं का बंदोबस्त किया जाने के बाद सान हे वादी के किसानों और चरवाहों का जीवन काफी सुधर हो गया और अच्छी कमाई से उन का जीवन खुशहाल हुआ। कजाख महिला माएजिया पहले थ्येनछी दर्शनीय क्षेत्र में तंबू पर्यटन सेवा का काम करती थी , अब वह कजाख पर्यटन उद्यान में आयी , इस से उस का व्यापार बहुत उम्दा हो गया । उन्हों ने कहाः

हमारा यह स्थान एक सुन्दर और समृद्ध इलाका है , मैं वर्षों से व्यापार का काम करती आयी हूं । लेकिन पहले मेरे व्यापार का तरीका बहुत सरल था । मैं ने पहाड़ पर अपना तंबू खड़ा किया और पर्यटन मार्ग के किनारे पर्यटकों की स्वागत सत्कार का काम करती थी । अब सान हे वादी का पुनः बंदोबस्त व नव निर्माण किया गया है , पर्यटन की सुविधा श्रेष्ठ हो गयी , हमारा व्यापार भी पुनर्निमाण योजना में शामिल किया गया । कजाख पर्यटन उद्यान में अच्छी और संपूर्ण सुविधाएं मिलती हैं , इसलिए हमारी कमाई भी पर्यटकों की संख्या बढ़ने के साथ साथ लगातार बढ़ती जा रही है ।

अब सुश्री माएजिया और कजाख पर्यटन उद्यानों में व्यापार करने वाले सभी लोगों की व्यापारिक हालत भी बेहतर हो गयी , वे बड़े उत्साह के साथ देश के विभिन्न स्थानों तथा विश्व के विभिन्न देशों से आने वाले यात्रियों का थ्येन छी दर्शनीय क्षेत्र की यात्रा पर आने का स्वागत करते हैं और उन के जीवन भी दिन ब दिन सुखमय रहे हैं ।