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दोस्तो,आज के इस कार्यक्रम में जयपुर राजस्थान के मोहमद अली ख़ां, कोआथ बिहार के पवन रेडियो श्रोता क्लब के प्रमोद कुमार केशरी,मनोज कुमार केशरी,फारसीगंज बिहार के सुरेश कुमार सिंह और उन के साथियों,मऊनाथ भजन उत्तर प्रदेश के फैज अहमद फैज़ और उन के साथियों, फारसीगंज बिहार के सुरेश कुमार सिंह और बालाघाट मध्य प्रदेश के डॉक्टर प्रदीप मिश्रा के पत्र शामिल किए जा रहे हैं.
जयपुर राजस्थान के मोहम्मद अली ख़ां का सवाल है कि चीन में सब से पुराने बैंक का क्या नाम है ?
भैया,चीन में सब से पुराने बैंक का नाम था पूर्व बैंक। वह 1845 में चीन में स्थापित नये ढंग का प्रथम बैंक था, लेकिन उस का संस्थापक ब्रिटेन था। चीन द्वारा अपने बूते पर निर्मित नए ढंग के प्रथम बैंक का नाम था चीन वाणिज्य बैंक, जो 1897 में शांघाई शहर में खोला गया। यह बैंक सरकार और निजी व्यापारियों के साझा शेयरों पर चलता था। चीन में प्रथम राजकीय बैंक का नाम था हू-पु या अकाउंट बैंक,जो 1904 में छिंग राजवंश के प्रशासन द्वारा पेइचिंग में कायम किया गया था। 1908 में इस बैंक का नाम वृहद छिंग बैंक में बदल दिया गया। वह तत्कालीन चीन की सब से बड़ी वित्तीय संस्था था।
कोआथ बिहार के पवन रेडियो श्रोता क्लब के प्रमोद कुमार केशरी,मनोज कुमार केशरी पूछते हैं कि चीन में चुनाव कितने साल बाद होता है और वहां सब से प्रमुख कौन होता है,राष्ट्रपति या प्रधान मंत्री तथा वहां कौन-कौन सी मुख्य पार्टियां हैं?
दोस्तो,चीन में संसद या विधान सभा के स्थान पर जन-प्रतिनिधि सभा काम करती है.काउंटी और उस से निचले स्तर की जन प्रतिनिधि सभाओं के सदस्य प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होते हैं.लेकिन काउंटी से ऊपर के स्तर की जन प्रतिनिधि सभा के सदस्य अप्रत्यक्ष चुनाव से निर्वाचित होते हैं.मसलन राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के सदस्य प्रांतों,स्वायत्त प्रदेशों और केंद्र शासित शहरों के जन प्रतिनिधियों द्वारा निर्वाचित होते हैं.इस से आप यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि चीन की चुनाव प्रणाली भारत से भिन्न है.
चीन की राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा सर्वोच्च सत्ताधारी संस्था है.उस के 2980 सदस्य हैं,जिन में 650 महिलाएं हैं.राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा का पूर्ण अधिवेशन हर मार्च में आयोजित होता है और राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा का चुनाव यानी आम चुनाव पांच साल में एक बार.
चीन में सर्वोच्च राजनेता राष्ट्राध्यक्ष यानी राष्ट्रपति हैं.देश के शासन पर उन के और प्रधान मंत्री के अपने-अपने प्रमुख अहम कार्यभार हैं.
चीन में कुल 9 राजनीतिक पार्टियां हैं.चीनी कम्युनिस्ट पार्टी सत्तारूढ पार्टी है,बाकी 8 जनवादी पार्टियां हैं.वे हैं चीनी कोमिंगतांग की क्रांतिकारी कमेटी,चीन लोकतांत्रिक संघ,चीन जनवादी राष्ट्रीय निर्माण संघ,चीन जनवादी संवर्द्धन संघ,चीनी किसान मजदूर जनवादी पार्टी,चीन चीकांगतांग पार्टी,च्यूसान सोसाइटी और थाइवान जनवादी स्वायत्त शासन संघ.
चीन में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में बहुदलीय सहयोग व्यवस्था लागू है.इस के तहत सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी शासन चलाने में अन्य 8 जनवादी दलों से मदद लेती है.अन्य दल सलाह देते हैं औऱ शासन में हिस्सेदारी भी करते हैं.इस व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने की देखरेख जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन करता है.चीनी कम्युनिस्ट पार्टी 8 जनवादी दलों के साथ दीर्घकालीन सहयोग करने,एक दूसरे पर निगरानी रखने,एक दूसरे के प्रति ईमानदार रहने और सुख-दुख में हिस्सेदारी करने के लिए वचनबद्ध है.
फारसीगंज बिहार के सुरेश कुमार सिंह और उन के साथियों का सवाल है कि चीन में विवाह कानून कैसा हैं? क्या चीन में दहेज प्रथा है ? मऊनाथ भजन उत्तर प्रदेश के फैज अहमद फैज़ और उन के साथी पूछते हैं कि चीनी भाई कितनी आयु में शादी करते हैं ? क्या माता-पिता की मर्ज़ी से शादी करते हैं या अपनी मर्जी से ?बालाघाट मध्य प्रदेश के डॉक्टर प्रदीप मिश्रा पूछते हैं कि चीन में बाल विवाह प्रथा है या नहीं ?
भैया,चीन के विवाह कानून के मुताबिक 21 साल का लड़का और 20 साल की लड़की होने पर ही विवाह करने की इज़ाज़त है।वे अपनी मर्जी से शादी करते है,पर माता-पिता की राय का सम्मान भी करते हैं। विवाह के लिए तैयार लडके और लड़की को स्वयं विवाह-पंजीकरण कार्यालय जाकर पंजीकरण कराना चाहिए.वहां से विवाह प्रमाण-पत्र मिलने पर ही उन के वैवाहिक संबंध को कानूनी मान्यता मिलती है.लेकिन जो लड़के-लड़की एक ही खानदान के हों या तीन पीढ़ियों तक के सगोत्र हों उन्हें विवाह करने की अनुमति नहीं है.कुष्ठरोगियों या दूसरे ऐसे रोगियों,जिन्हें डॉक्टर की राय में विवाह नहीं करना चाहिए,को भी विवाह करने की अनुमति नहीं है.चीन के विवाह कानून के अनुसार एक पत्नी के होते हुए जो दूसरा विवाह करता है,उसे दंड-संहिता के अनुसार दो साल के कारावास की सजा भुगतनी पड़ती है.
चीन में दहेज-प्रथा नहीं है.आजकल वर और वधु साथ-साथ शादी की तैयारियां करते हैं.वर पक्ष और वधु पक्ष नव दंपति को चीजें और धन ज़रूर देते हैं,उन की शादी पर बधाई देने के बतौर.लेकिन कोई किसी से मांगता नहीं है और न ही वधु पक्ष द्वारा कम चीजें या कम धन दिए जाने पर वधु पर अत्याचार किया जाता है.चीन में प्रेम-विवाह प्रचलित है.विवाह का आधार प्रेम है,जिस के सामने धन-दौलत नगण्य हो जाता है.
डॉक्टर प्रदीप मिश्रा,चीन में बाल-विवाह प्रथा नहीं है।यह कानून विरोधी कार्रवाई है।जो यह कार्रवाई करता है,उसे कानून के अनुसार सज़ा दी जाती है।वैसे लोगों में बाल-विवाह की अवधारणा नहीं है।

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