हाल ही में चीन की राजधानी पेइचिंग में चीन-अफ्रीका शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया। इस ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के दौरान राजधानी पेइचिंग के सड़कों में कई सारे पोस्टर और बैनर लगाये गये जो चीनी-अफ्रीकी संबंधों की महत्तवता को दर्शाया है। चीन का अफ्रीका के साथ, जो चीन से कई कोसों दूर हैं, संबंध और इसका महत्त्व आज भी आम लोगों के समझ के बाहर हैं। चीन-अफ्रीका संबंध के बारे में ये बात की जानकारी रखनी भी जरुरी है की चीन को अफ्रीका से अच्छे संबंध रखने की मुख्य वजह जरा भी भौतिक वजहों पर आधारित नहीं है।
इसका मतलब यह नहीं है की चीन को अफ्रीका के साथ अच्छे संबंधों के वजह से भौतिक फायदे नहीं होंगे। चीनी केंद्रीय सरकार के वाणिज्यिक मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक चीन-अफ्रीका व्यापार का मूल्य इस वर्ष 50 बिलियन अमेरिकी डालर को भी पार कर जायेगा, जो खास कर के चीन और अफ्रीका के 41 देशों के बीच गैर पक्षपात व्यापार दर्जा समझौते के वजह से बढ़ा है।
पांच वर्ष पूर्व की स्थिति को अगर हम आज की स्थिति से तुलना करें तो चीन-अफ्रीका व्यापार संबंध पांच वर्षों में पांच गुने की बढ़ोत्तरी हुई हैं जो की विश्व के दूसरे किसी भी क्षेत्र के व्यापार की बढ़ोत्तरी से कई ज्यादा है।
अगर हम इस शिखर सम्मेलन का आयोजन चीन की विश्व व्यापार संगठन में सदस्यता के पांचवी वर्षगांठ और सदस्यता पाने के लिए संगठन के नियम कानूनों के पालन को देखें , तो चीन-अफ्रीका व्यापार जैसे उदाहरण हमें निकट भविष्य में खूब देखने को मिलेंगे। निकट भविष्य में फिर यह कोई अचरज की बात नहीं होगी की चीन के व्यापारिक संबंध विश्व के दूसरे देशों के साथ व्यापार संबंधों के साथ भी दिन दुगुनी, रात चौगुनी हो जायेगी।
आज से पांच वर्ष पूर्व जब चीन ने विश्व व्यापार संगठन की सदस्यता ली थी तो कई लोगों ने चीन के इस फैसले के प्रति नकारात्मक रवैया अपनाया था। आज इस बात में कोई संदेह नहीं है की विश्व व्यापार संगठन की सदस्यता से चीन को केवल फायदे ही हुए हैं।
विश्व के दूसरे विकासशील देश भी आज चीन की तरह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के फायदे उठा सकते हैं। इस संदर्भ में आज चीन अफ्रीकी देशों की मदद व्यापार के अलावा दूसरे कई तरीकों से कर सकता है। चीन अफ्रीकी देशों को पूर्वी एशिया और दक्षिणपूर्व एशिया के साथ, उभरते बाजार, भारत और ब्राजील,और विकसित देशों के साथ व्यापार करने के लिए मुफ्त व्यापार संबंधों की स्थापना में अहम भूमिका निभा सकती है और इस में अफ्रीका को एक भागीदार बना सकता है। इससे चीन को कई फायदे हो सकते हैं।
अफ्रीकी देशों की सहायता चीन कई तरीकों से कर सकता हैं। इन में से एक तरीका यह है की चीन विकास से संबंध कार्यक्रमों में अफ्रीकी देशों की सहायता करें। चीन में लघु-उद्योग से संबंधी और खेती से संबंध कई विशेषज्ञ हैं और इन क्षेत्रों में चीन अफ्रीका का मदद कर सकता हैं। इस तरह के मानव संसाधन गैर सरकारी संगठनों और अन्य संगठनों के विशेषज्ञों की तुलना में काफी सस्ते में उपलब्ध हैं। अगर चीन अफ्रीका के आर्थिक और सामाजिक कार्यक्रमों में स्थानीय सरकारों और अंतर्राष्ट्रीय सरकारों के साथ बहुपक्षीय कोशिशों के द्वारा अफ्रीका की मदद कर एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता हैं।
इसके अलावा अगर चीनी विशेषज्ञों को स्वेच्छा से विशवविद्यालय से स्नातक छात्रों को अफ्रीका भेज सकता है। आज चीन के कई भाग आर्थिक तौर पर काफी पिछड़े हुए हैं । युवा अवस्था में कालेजों और विशवविद्यालयों से स्नातक छात्र अगर अंतर्राष्ट्रीय अनुभव प्राप्त कर चीन वापस लौटे ,तो वे अपने अनुभवों का फायदा उठाते हुए वे चीन की समस्याओं को सुलझा सकते हैं और एक नये और आधुनिक चीन का निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं।
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