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(GMT+08:00) 2006-11-22 15:46:26    
चीन में नये ढ़ंगे वाले विद्युत गाड़ियों का विकास

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हरा-ऑलंपियाड वर्ष 2008 पेइचिंग ऑलंपियाड की महत्वपूर्ण विचारधारा है । इसी उद्देश्य में पेइचिंग शहर वातावरण को बिगाड़ने वाले सवालों का जोरों से समाधान करने का प्रयास कर रहा है । इसमें मोटर गाड़ियों से प्रदूषित गैस की कम निकासी कराने वाले कार्यों को प्राथमिकता मिली है । इस संदर्भ में उठाये गये कदमों में विद्युत गाड़ी अपनाना सब से अच्छा विकल्प है । कुछ समय पूर्व पेइचिंग शहर की सड़कों पर चलने वाली गाड़ियां नये ढ़ंग वाली लिथियम बैट्री से लैस होने लगी हैं, जिस के जरिये वे अधिक समय तक चल सकती हैं और बैट्री को चार्ज करने में भी कम  समय चाहिये ।

यह सर्वविदित है कि मोटर गाड़ियों से निकलने वाली प्रदूषित गैस ने वायुमंडल को जहरीली बनाया है। इसमें बदलाव के लिए विद्युत गाड़ी अच्छी भूमिका निभा सकती है । लेकिन विद्युत गाड़ियों के प्रयोग में एक सवाल असमाधित रहा है यानी बैट्री । परंपरागत बैट्री को चार्ज करने में समय बहुत लगता है और इससे लैस गाड़ी कम समय तक ही चल सकती है । इस सवाल के समाधान के लिए तकनीशियनों ने नये ढ़ंग वाले बैट्रियों का आविष्कार करने का अथक प्रयत्न किया है । परंपरागत बैट्री की तुलना में लिथियम बैट्री की क्षमता काफी अधिक है और इस की कीमत भी कम  है । इस सवाल की चर्चा करते हुए विश्व विश्वविद्यालय के नव ऊर्जा व सामग्री प्रतिष्ठान के प्रधान श्री छी लू ने कहा , परंपरागत बैट्री प्लंबम और एसिड से निर्मित है । ऐसी बैट्री से लैस बस केवल 100 किलोमीटर की दूरी तक चल सकती है , जबकि इसे चार्ज करने में 5-10 घंटे तक का समय चाहिये । जबकि लिथियम बैट्री से लैस बस 1-3 घंटे तक चार्ज  करके 250 किलोमीटर दूर तक चल सकती है । उधर एक आम टैक्सी को सौ किलोमीटर की दूरी नापने के लिए दस लीटर गैस चाहिये , जो 40-50 चीनी रन मिन बी के बराबर है , जबकि लिथियम बैट्री से लैस बस को सौ किलोमीटर की दूरी के लिए 7-10 यूनिट बिजली की खपत यानी 3-5 रन मिन बी चाहिये । यहां यह स्पष्ट है कि लिथियम बैट्री का खर्च गैस के खर्च का केवल दसवां भाग ठहरता है ।

श्री छी लू तथा उन के नेतृत्व वाले विश्व विश्वविद्यालय के नव ऊर्जा व सामग्री प्रतिष्ठान ने नये ढ़ंग वाली लिथियम बैट्री का आविष्कार किया है , जिस के भिन्न-भिन्न पैमाने हैं । उन्हें अलग-अलग तौर पर बस , विद्युत गाड़ी , विद्युत साइकिल तथा साइकिल पर लगाया जा सकता है । ये लिथियम बैट्री देखने में परंपरागत बैट्री की तरह अनुपयोगी नहीं है , और चार्ज करने के समय तथा चलने वाली दूरी की दृष्टि से ऐसी बैट्री उन्नतिशील पंक्ति पर खड़ी है । श्री छी लू के अनुसार उन के द्वारा आविष्कृत लिथियम बैट्री विश्व दायरे में भी सब से उन्नतिशील है , जो एक हजार बार प्रयोग की जा सकती है और इस में वातावरण को प्रदूषित करने वाले हानिकर तत्व भी  नहीं हैं ।

नये ढ़ंग वाले बैट्री के आविष्कार से चीन में विद्युत बसों का प्रसार करने की प्रक्रिया में गति मिलेगी । अब पेइचिंग में शुद्ध विद्युत से चलने वाली बसें नज़र आने लगी हैं । उदाहरण के लिए पेइचिंग शहर में रुट नम्बर 121 पर चलने वाली 15 बसें परंपरागत बैट्री से लैस है और दूसरी 10 बसें नये ढ़ंग वाले बैट्री से। ऐसी बसों को यात्रियों की व्यापक प्रशंसा मिली है । बस पर सवार श्री ल्यू ने कहा , वर्तमान में चीन में संसाधन की किफायत तथा वातावरण संरक्षण समाज का निर्माण किया जा रहा है । मेरे ख्याल में विद्युत बसों के प्रसार से इस में योगदान किया जा सकेगा । क्योंकि पेइचिंग में अनगिनत मोटर गाड़ियों का होना वातावरण संरक्षण के खिलाफ भारी चुनौती है । अगर पेइचिंग शहर में चलने वाली सभी बसें बैट्री से लैस हों , तो पेइचिंग शहर के वातावरण संरक्षण तथा वर्ष 2008 के पेइचिंग ऑलंपियाड के लिए बहुत लाभ होगा ।

 पता चला है कि पेइचिंग शहर में कुल 12000 बसें चलती हैं । अनुमान है कि वर्ष 2008 तक यह संख्या 18000 तक बढ़ेगी । पेइचिंग शहर ने 90 प्रतिशत बसों में साफ ईंधन का प्रयोग करने का वचन दिया है और विद्युत बसों की संख्या एक हजार तक पहुंचाने की योजना बनायी है। तब पेइचिंग में हरे-ऑलंपियाड का आयोजन करने का लक्ष्य साकार हो सकेगा । चीन परिवार उपयोगी गाड़ियों में विद्युत गाड़ी तकनीक का प्रसार करना भी चाहता है । वर्तमान में चीन में दर्जनों कंपनियां विद्युत गाड़ियों का अनुसंधान कर रही हैं । पेइचिंग शहर के ली क्वांग मिंग गाड़ी डिजानिंग कंपनी ने कुछ समय पूर्व ऊर्जा की किफायत वाली विद्युत गाड़ी के अनुसंधान में सफलता हासिल की । उन की गाड़ी में सौ किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए केवल तीन रनमिनबी की ऊर्जा चाहिये । इस गाड़ी का वजन बहुत कम है , क्योंकि इस की बाहरी सतह नयी सामग्री से बनी है । कंपनी के डाइरेक्टर श्री ली क्वांग मिंग ने कहा , हम दूसरे कारखाने के साथ सहयोग कर ऐसी गाड़ी का बड़े पैमाने पर उत्पादन करेंगे । इस का वार्षिक उत्पादन 30-50 हजार तक जा पहुंचेगा । वर्तमान में चीन के बहुत से उच्च शिक्षालय जैसे छींगह्वा विश्वविद्यालय तथा पेइचिंग विश्वविद्यालय आदि भी विद्युत गाड़ियों का अनुसंधान कर रहे हैं ।

वर्तमान में चीन में मोटर गाड़ियों की संख्या 3 करोड़ तक जा पहुंची है , जो मुख्य तौर पर पूर्वी चीन के आर्थिक विकसित क्षेत्रों में केंद्रित हैं । मोटर गाड़ियों द्वारा निष्कासित प्रदूषित गैस से वायुमंडल बहुत बिगड़ा है । साथ ही चीन को इन मोटर गाड़ियों की खपत के लिए हर वर्ष बड़ी मात्रा में तेल का आयात करना पड़ता है । विद्युत गाड़ियों के प्रसार से वातावरण संरक्षण को बढ़ाने के साथ-साथ तेल आदि ऊर्जा की किफायत भी की जाएगी ।