भारतीय राष्ट्रपति श्री अब्दुल खलाम के निमंत्रण पर चीनी राष्ट्राध्यक्ष श्री हू चिन थाओ ने 20 तारीख को नयी दिल्ली पहुंचकर भारत की राजकीय यात्रा शुरू की।
श्री हू चिन थाओ ने हवाई अड्डे पर एक लिखित भाषण में कहा कि चीन व भारत बड़े विकासशील देश हैं। चीन व भारत के बीच अच्छे पड़ोसियों जैसे मैत्रीपूर्ण संबंध व सहयोग का विकास दोनों देशों की जनता की भलाई ही नहीं , बल्कि एशिया यहां तक कि सारी दुनिया में शांति व विकास के लिये लाभदायक भी है। उन्होंने कहा है कि अपनी मौजूदा भारत यात्रा का लक्ष्य है दोनों की मित्रता को मजबूत करना, आपसी विश्वास को बढ़ाना, सहयोग को विस्तृत करना और भविष्य की परियोजना बनाना।
श्री हू चिन थाओ ने लाओस की यात्रा समाप्त करके भारत की यात्रा शुरू की है। लाओस की यात्रा के दौरान चीन व लाओस ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया। दोनों पक्षों की समान राय है कि श्री हू चिन थाओ की लाओस की राजकीय यात्रा से चीन-लाओस के बीच अच्छे पड़ोसियों जैसी परम्परागत मित्रता व चतुर्मुखी सहयोग विकास के नये दौर में प्रविष्ट हो गया।
वक्तव्य में यह कहा गया है कि दोनों पक्ष दीर्घकालिक स्थिरता, अच्छे पड़ोसियों जैसी मित्रता, आपसी विश्वास, चतुर्मुखी सहयोग के सिद्धांत के अनुसार उच्च स्तरीय संपर्क , दोनों पक्षों की पार्टियों, सरकारों , संसदों, जन संगठनों व क्षेत्रों के बीच आदान प्रदान को बढावा देने को संकल्पबद्ध हैं , ताकि दोनों देशों के विभिन्न क्षेत्रों में सार्थक सहयोग विस्तृत किया जा सके । वक्तव्य में कहा गया है कि दोनों पक्ष द्विपक्षीय आर्थिक व व्यापारिक सहयोग में प्राप्त प्रगति पर संतुष्ट हैं और ऐसे सहयोग की गुणवत्ता व स्तर को उन्नत करने को भी तैयार हैं ।
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