
वियतनाम की राजधानी हनोई में एपेक के नेताओं के अनौपचारिक सम्मेलन में भाग ले रहे चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ ने 18 तारीख को जापानी प्रधान मंत्री श्री एबे शिन्जो से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने एक स्वर में कहा कि वे द्विपक्षीय संबंधों के विकास की अच्छी प्रवृत्ति को बरकरार रखेंगे और द्विपक्षीय संबंधों को और ऊंचे स्तर पर पहुंचाएंगे।
श्री हू चिन थाओ ने कहा कि केवल एक महीने से ज्यादा समय के बाद दोनों देशों के नेताओं ने फिर एक बार भेंटवार्ता की, जिस से चीन व जापान द्वारा द्विपक्षीय संबंधों का सुधार व विकास करने की समान अभिलाषा प्रतिबिंबित हुई है। यह इस बात का द्योतक भी है कि चीन व जापान के संबंध में नयी परिस्थिति आयी है। उन्होंने कहा कि हाल में चीन व जापान का संबंध महत्वपूर्ण काल से गुजर रहा है। दोनों देशों के नेता रणनीतिक व सर्वोतोमुखी दृष्टिकोण से द्विपक्षीय संबंधों के विकास की सही दिशा को अच्छी तरह पकड़ने की जिम्मे हैं।
श्री हू चिन थाओ ने दोनों देशों के संबंधों के विकास के लिए पांच सुझाव पेश किये। यानी दोनों देशों के संबंधों के विकास की दिशा स्पष्ट करें। दोनों देशों की मैत्रीपूर्ण भावना को मजबूत करें। आपसी लाभ वाले सहयोग को आगे बढ़ाऐं। एशिया की शांति, स्थिरता व विकास को आगे बढ़ाऐं। इतिहास, थाईवान और पूर्वी चीन सागर आदि संवेदनशील समस्याओं का अच्छी तरह निपटारा करें।
जापानी प्रधान मंत्री एबे शिन्जो ने आशा प्रकट की कि दोनों पक्ष उच्च स्तरीय आदान प्रदान बरकरार रखेंगे और जापान-चीन संबंधों को और ऊंचे स्तर तक विकसित करने की कोशिश करेंगे। उन्होंने सुझाव पेश किया कि दोनों पक्ष यथाशीघ्र अर्थ मंत्रि स्तरीय बैठक बुलाऐं और आर्थिक व व्यापारिक सहयोग का समन्वय करें, ऊर्जा विभागों के बीच नीतिगत वार्तालाप को शुरु करें, ऊर्जा की किफायत एवं पर्यावरण के संरक्षण आदि क्षेत्रों के सहयोग को मजबूत करें, सलाह मश्विरे को मजबूत करके पूर्वी चीन सागर को एक शांतिपूर्ण व मैत्रीपूर्ण सागर बनाऐं, जापान, चीन व कोरिया गणराज्य तीनों पक्षों के सहयोग को मजबूत करें, सहयोग करके पूर्वी एशियाई क्षेत्र के सहयोग को आगे बढ़ाऐं। श्री एबे शिन्जो ने कहा कि जापान जापान-चीन संयुक्त वक्तव्य में निर्धारित सिद्धांत के अनुसार थाईवानी समस्या का निपटारा करेगा। यह रुख कभी नहीं बदलेगा ।
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