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(GMT+08:00) 2006-11-14 10:32:56    
तिब्बती कला प्रतिनिधि मंडल की प्रस्तुति लोगों को लुभाती है

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गीत---《स्वर्ण धुन》

कुछ समय पूर्व तीसरी राष्ट्रीय जातीय सांस्कृतिक कला-प्रदर्शनी चीन की राजधानी पेइचिंग में आयोजित हुई । समूचे देश के विभिन्न स्थलों से आए अल्पसंख्यक जातीय कलाकारों ने पेइचिंग वासियों के समक्ष तीस से ज्यादा कार्यक्रम प्रस्तुत किए । चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के कला प्रतिनिधि मंडल ने इस दौरान तिब्बती विशेषता वाली प्रस्तुति पेश की , जिसने दर्शकों की वाहवाह लूटी ।

संगीत—प्राचीन वाद्ययंत्र पर बजायी गई धुन

अब आप सुन रहे हैं तिब्बती प्राचीन वाद्ययंत्र पर बजायी गयी धुन । यह धुन सुनने के बाद आधुनिक जमाने के दर्शकों को एक नया अनुभव होगा । तिब्बति प्रतिनिधि मंडल के नेता, तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के सांस्कृतिक विभाग के उपनिदेशक श्री जाशी डोर्चे ने जानकारी देते हुए कहा कि पहले ऐसी प्रस्तुति में तिब्बती प्राचीन वाद्ययंत्र कम प्रयोग किया जाता था । मौजूदा प्रस्तुति में तिब्बती प्रतिनिधि मंडल ने अनेक किस्मों के प्राचीन वाद्ययंत्रों को इकट्ठा कर एक साथ उनका इस्तेमाल कर प्रस्तुति की । प्राचीन वाद्ययंत्रों की आवाज मधुर है । श्री जाशी डोर्चे ने कहा

"तिब्बती प्राचीन वाद्ययंत्रों का इतिहास बहुत पुराना है । पहले ऐसी प्रस्तुति में वाद्ययंत्र कम प्रयोग किए जाते थे । इस बार हम ने ज्यादा वाद्ययंत्रों का प्रयोग किया । हम ने बौद्ध धर्म में प्रयोग किए जाने वाले वाद्ययंत्रों को भी इस में शामिल किया, और पत्थर वाले वाद्ययंत्र भी । इस तरह हमारी प्रस्तुति की धुन और मधुर हुई है, जिस से हमारी तिब्बती विशेषता भी जाहिर हुई है।"

प्राचीन वाद्ययंत्रों की मधुर धुन सुनने के साथ दर्शक तिब्बती कलाकारों के सुन्दर नृत्य भी देखते हैं , लगता है कि प्राचीन समय के तिब्बत में पहुंच गए और दर्शक वहां के रहस्य व पवित्रता महसूस करते हैं ।

लाची कांउटी के किसानों द्वारा गाया गया गीत 

अब आप सुन रहे हैं तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शिकाज़े प्रिफैक्च के लाजी कांउटी के किसान कला मंडल द्वारा प्रस्तुत गीत । इस में कहा गया है कि आकाश की ओर देख रहे हैं हम, सूर्य बहुत चमकदार है, हम किसान बहुत खुश हैं । हम गा रहे हैं, हम अपनी महान मातृभूमि के लिए गा रहे हैं और अपने सुखमय जीवन के लिए । आकाश की ओर देख रहे हैं हम, सूर्य की किरणें भूमि को ऊर्जा देती है । चीनी कम्युनिस्ट पार्टी हम किसानों को ऊर्जा देती है । हम किसान बहुत खुश हैं, हम गाते हैं समाजवादी नए तिब्बत के लिए और गाते हैं अपने सुखमय जीवन के लिए ।

सूर्य की स्वर्ण किरणें तिब्बती पठार के खेती पर पड़ती हैं, खुशहाल किसान अपने सुखमय जीवन के लिए गाते हैं । यह हैं तिब्बती पठार से आए किसान और लडकियां । वे तिब्बती विशेषता वाले वाद्ययंत्र को बजा रहे हैं और गाते हुए नाच रहे हैं । उन की आवाज में दर्शकों को तिब्बती किसानों के आज के सुखमय जीवन की झलक महसूस होती है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के सांस्कृतिक विभाग के उपनिदेशक श्री जाशी डोर्चे ने कहा

"हमारे तिब्बती किसान कला प्रतिनिधि मंडल का यह कार्यक्रम बहुत सफल है । इस से तिब्बत में समाजवादी नये गांवों का निर्माण जाहिर होता है, नए गांवों के निर्माण के दौरान किसानों व चरवाहों के पास हुआ भारी परिवर्तन भी जाहिर होता है । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शिकाजे प्रिफैक्चर के लाज़ी कांउटी में इस प्रकार की प्रस्तुति बहुत लोकप्रिय है । किसान खुद वाद्ययंत्र बजाते हुए खुद गाते हैं । इस कार्यक्रम ने उचित रूप से तिब्बत के शिकाज़े क्षेत्र की कलात्मक विशेषता की झलक दिखाई है, यह हमारे इस सांस्कृतिक समारोह का विशेष व महत्वपूर्ण भाग है ।"

तिब्बत प्रतिनिधि मंडल की प्रस्तुतियों में और ज्यादा रंग-बिरंगे व दिलचस्प कार्यक्रम हैं । उन में अली प्रिफैक्चर के प्राचीनी"कू गे"राजवंश के नृत्य, तिब्बत के लोबा जाति, मनबा जाति, दङ जाति और शार्बा जाति के गीत, तिब्बती लड़कियों के आधुनिक नृत्य"मोबाइल फोन की आवाज़"तथा प्राचीन तिब्बती ऑपेरा इत्यादि । इन कार्यक्रमों से दर्शक तिब्बत की प्राचीन सांस्कृतिक कला की जानकारी लेने के साथ-साथ आधुनिक तिब्बत में तिब्बती जनता के जीवन में हुए परिवर्तन भी महसूस कर सकते हैं । एक दर्शक ने इस प्रतिनिधि मंडल की प्रस्तुतियों को देख कर भावविभोर हो कर कहा कि इन सब कार्यक्रमों ने एक सजीव तिब्बत को दिखाया है। तिब्बत में हुए भारी परिवर्तन से मैं बहुत प्रभावित हूँ । मुझे लगता है कि ऐसे परिवर्तन आश्चर्यजनक ही नहीं, रहस्यमय भी हैं । इन गीत नृत्यों से मुझे तिब्बत के आगे बढते हुए कदमों का एहसास हुआ है।