हाल ही में चीन की विभिन्न बड़ी वेबसाइटों पर 70 से ज्य़ादा वर्ष पहले लांग मार्च के दौरान, चीन के स्वर्गीय महान नेता माओ ज तुंग का कई बार रोना बहुत प्रचलित है। चीनी जनता 50 शाल से शांति की परिस्थिति में रह रही है, फिर भी 70 से ज्यादा वर्ष पहले का लांग मार्च अभी भी चीनी लोगों के जीवन से बाहर नहीं निकल सका है। लांग मार्च के दौरान घटित अनेक घटनाएं अभी भी चीनी लोगों की जुबानों पर ताज़ा हैं।
पिछली शताब्दी में 1934 से 1936 के दौरान, जापानी आक्रमणकारियों का मुकाबला करने , और देश की घरेलू सैन्य शक्तियों के बीच अनावश्यक्त लड़ाई से बचने के लिए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व वाली सेना यानि मशहूर लाल सेना ने पूरे दो वर्षों तक चीन के 14 प्रांतों से गुज़र के, 12000 किलोमीटर का अभियान किया।
शत्रुओं की तोपों और खराब प्राकृतिक स्थितियों का सामना करते हुए तीन प्रमुख सैन्य शक्तियां यांगत्सी नदी से देश के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र तक गयीं और जापान विरोधी युद्ध और चीन के क्रांतिकारी कार्य के विकास के लिए स्थितियां तैयार कीं। बाद में यह अभियान लांग मार्च के रुप में चीनी लोगों के मन में हमेशा के लिए एक जीवंत याद बन गया। लांग मार्च में भाग लेने वाले लाल सेना के सैनिक बहुत मज़बूत और हर तरह की कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति से सम्पन्न थे।
लांग मार्च में प्राप्त विजय मनुष्य के इतिहास में एक अनोखी बात मानी जाती है। लेकिन, चीनी जन मुक्ति सेना के भूतपूर्व जनरल रो तुंग की नज़र में यह अनोखी बात चीनी जन मुक्ति सेना की शक्ति को बरकरार रखने और भारी कुर्बानी की कीमत पर प्राप्त की गयी थी। उन्होंने कहा, हम ने विवश होकर लांग मार्च का अभियान किया।
इस के बावजूद, लांग मार्च में हमारी कम्युनिस्ट पार्टी के सद्स्यों और बुजुर्ग क्रांतिकारियों का दृढ़ लक्ष्य व विश्वास प्रतिबिंबित हुआ है। यानी वे चीन में एकजुट जनता द्वारा स्वेच्छा वाले देश की स्थापना करना चाहते हैं। इस लक्ष्य के लिए वे अपनी जान भी न्योछावर कर सकते हैं।
आप कल्पना कीजिये, लांग मार्च की शुरुआत में चीनी जन मुक्ति सेना में लगभग 2 लाख सैनिक थे, जबकि लांग मार्च के बाद लाल सेना में केवल 20 या 30 हजार सैनिक ही बचे । अनेक ने लांग मार्च के दौरान अपनी जान न्योछावर कर दी।
क्यों इसी तरह की भारी कुर्बानी हुई। कारण यह है कि लांग मार्च के रास्ते में रोज लड़ाई होती थी। जनरल ह्वांग ख छन लांग मार्च में अपने साथी सैनिकों के शवों के निर्देशन में आगे चलते रहते थे।
उन की बेटी सुश्री ह्वांग मई ने इस तरह इसे व्याख्यायित किया,लांग मार्च की शुरुआत में मेरे पिता ने कहा कि वे रोज लड़ाई लड़ते थे। वे भर पेट नहीं खा पाते थे और पर्याप्त कपड़े भी नहीं पहनते थे। उन्होंने कहा कि वे अपने साथी सैनिकों की शवों के निर्देशन में आगे चलते थे।
इस के बावजूद, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की सेना, विशेषकर तत्कालीन सैन्याध्यक्षों ने अभूतपूर्व बुद्धिमान व साहसी से चीन के व्यापक दक्षिण पश्चिमी व उत्तर पश्चिमी क्षेत्रों में शत्रुओं से लड़ाई लड़ी और अनेक ऐसी जगहों से गुजरे , जहां कम ऑक्सीजन है और जहां कोई भी व्यक्ति नहीं रहता है।
यह अनोखा नेतृत्व करने वाले स्वर्गीय चीनी नेता माओ ज तुंग हैं। लांग मार्च के दौरान, उन्होंने बार-बार सैनिकों की मृत्यु और आम जनता के गहरे प्रेम की भावना से अभिभूत होकर अनेक कविताएं लिखी थीं। आप जो गीत सुन रहे हैं, उस के बोल माओ ज तुंग द्वारा लिखे गये हैं।
लांग मार्च में भाग लेने वाले सैनिकों में साठ वर्षीय वृद्धों के अलावा, नौ वर्षीय बच्चे भी थे। इतना ही नहीं, इस सेना में कुछ महिला सैनिक और जनवादी कोरिया, वियतनाम और जर्मनी से आये सैनिक भी थे।
लांग मार्च के अभियान में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता व सैन्याध्यक्ष आम सैनिकों की ही तरह, घास से बनाये गये जूते पहनते थे और सैनिकों के साथ खाते-पीते थे।
लांग मार्च में भाग लेने वाले 94 वर्षीय वृद्ध ल्यू च्या छिन को लांग मार्च की गहरी याद है। उन के अनुसार, चाहे नेता हों या आम लोग, यदि हम क्रांतिकारियों के लिए कुछ काम कर पाते थे, तो बहुत खुशी होती थी।
लांग मार्च के दौरान, चीनी लाल सेना अनेक अल्पसंख्यक जातीय क्षेत्रों सो गुजरी थी और वहां अच्छी जातीय नीति का प्रदर्शन भी किया था। इसलिए, बाद में लांग मार्च के अभियान में निरंतर तिब्बती जाति और ई जाति वाले सैनिकों की भागीदारी बनी रही ।
उस समय, अल्पसंख्यक जातीय क्षेत्रों के नागरिक लाल सेना हमारे भाई के गीत गाते हुए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की सेना का स्वागत करते थे।70 वर्ष पहले के लांग मार्च का सिंहावलोकन करते हुए निस्संदेह उस समय चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने कुछ गलतियां की थीं, जिन के कारण भारी कुर्बानी देनी पड़ी थी। लेकिन, दो वर्षों तक चला लांग मार्च चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा निरंतर गलतियों को सुधारने की प्रक्रिया भी है।
पेइचिंग वायु सेना के कमांडर अकादमी के उप प्रधान जनरल ल्यू थेई हांग की नज़र में यह ही चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की प्रशंसनीय श्रेष्ठता है। उन्होंने कहा,मुझे लगता है कि चाहे एक राजनीतिक पार्टी या एक व्यक्ति हो, गलतियां न करना असंभव है।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए सब से बड़ी श्रेष्ठता यह नहीं है कि वह कभी भी गलतियां नहीं करती है, बल्कि यह है कि वह किस तरह अपनी गलतियां का सामना करती है और अपनी कोशिशों से गलतियों को सुधारती है।
इसलिए, मेरे विचार में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी बहुत महान है, चूंकि वह समय पर अपनी गलतियों का पता लगाती है और गलतियों को सुधार सकती है।
लांग मार्च न केवल चीनी जनता के दिलों में बसा हुआ है, बल्कि विश्व में भी प्रचलित है।
अब उस ने अधिक से अधिक देश-विदेश के लोगों को लांग मार्च के रास्ते पर पुनः चलने , और लाल सेना की अविस्मरणीय कहानियां सुनने के लिए आकर्षित किया है।
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