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आज की इस डाक-सभा में रामपुरफुल पंजाब के बलवीर सिंह के सवाल का जवाब दिया जा रहा है। ।
रामपुरफुल पंजाब के बलवीर सिंह ने अपने पत्र में चीन में धार्मिक त्यौहारों के बारे में जानकारी हासिल करने की इच्छा प्रकट की है।
चीन में दसेक छोटे-बड़े धार्मिक त्यौहार मनाए जाते हैं। उन में से य्वूलान-फन,लापा,
जोंग-य्वान और क्वे-च्ये प्रमुख हैं,जो बौद्ध धर्म और ताओ धर्म से संबंधित हैं।
य्वू लान-फन त्यौहार चीन में छठी शताब्दी के उतरार्द्ध में ल्यांग राजवंश के दौरान मनाया जाना शुरु हुआ। ल्यांग राजवंश के राजा ऊती को आत्मा पर पूरा यकीन था,और इस त्यौहार का आत्मा से संबंध होना माना गया है। इसलिए इस राजा ने राज्य भर में इस त्यौहार को मनाने का आदेश दिया। तब से चीनी पंचांग के अनुसार हर साल की 15 जुलाई को यह त्यौहार राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाए जाने लगा है। इस समय सिर्फ हान जातिबहुल क्षेत्रों में विशेषकर बौद्धधर्म के अनुयायी ही इस त्यौहार को मनाते हैं।
लोककथा है कि प्राचीन काल में मूल्यान नामक एक आदमी ने रात को नींद में एक ऐसा सपना देखा,जिस में उस की स्वर्गीय मां उसे भूखे प्रेतों की पंक्ति में खड़ी दिखाई दीं और उस ने मां तक खाना पहुंचाने की बड़ी कोशिशें कीं,मगर सभी कोशिशें विफल हो गयीं। जगने के बाद उस ने बुद्ध को यह बात बतायी.बुद्ध ने उसे बड़ी संख्या में बौद्ध-भिक्षुओं को खाना खिलाने और दया की कारर्वाइयां करने की सलाह दी,ताकि उस की मां को नरक से छुटकारा मिल सके।
मूल्यान ने बुद्ध की बात मानी और चीनी पंचांग के अनुसार 15 जुलाई को बड़ी संख्या में बौद्ध-भिक्षुओं को एकत्र कर उपनी मां की मुक्ति के लिए बौद्धधर्म से जुड़े य्वूलान-फन का सूत्र-पाठ करवाया.इस से बौद्धधर्म के 2 अर्थ झलकते हैं। एक है लोगों को बौद्ध-भिक्षुओं का सम्मान करने और उन्हें खाना खिलाने की शिक्षा देना और दूसरा है लोगों को अपने पूर्वजों को नरक से मुक्ति दिलाने के लिए ज्यादा से ज्यादा दया के काम करने की सलाह देना।
लापा पर्व चीनी पंचांग के अनुसार हर साल 8 दिसम्बर को मनाया जाता है। धार्मिक अभिलेखों में कलमबद्ध है कि इसी दिन महाबुद्ध शाक्यमुनि को प्रबोध प्राप्त हुआ था । इस त्यौहार को मनाने के लिए विभिन्न मठों में चावल और दाल की खिचड़ी पकाई जाती है। समय बीतने के साथ-साथ आम लोगों ने भी शानदार फसल की कामना के लिए इस पर्व को मनाना शुरू किया।
जोंगय्वान त्यौहार चीनी ताओ धर्म की विचारधारा का प्रचार-प्रसार करने वाला पर्व है,जो चीनी पंचांग के अनुसार 15 जुलाई को मनाया जाता है। हर साल इस दिन ताओ अनुयायी एकत्र होकर ताओ-सूत्रों पर,जिन में नैतिकता को बेहद महत्व दिया जाता है विचारों का आदान-प्रदान करते है,आत्मालोचना करते है तथा अपने पापों का प्रायश्चित करते हैं।
इस के अतिरिक्त चीनी मुसलमान और क्रिश्चियन भी अपने-अपने धार्मिक त्यौहार मनाते हैं। उदाहरणार्थ ईद-उल जुहा,ईद-उल-फितर और क्रिस्मस चीन में भी मनाए जाते हैं।
बलवीर सिंह ने चीन में पानी की सप्लाई और पानी,बिजली व गैस सिलंडर के रेट के बारे में भी जानकारी देने का अनुरोध किया है।
चीन के सभी शहरों और अधिकाँश गांवों में नल-पानी का प्रयोग हो रहा है। लेकिन कुछ दूर दराज व पिछड़े क्षेत्रों के निवासी कुओं एवं नदियों से पेयजल प्राप्त करते हैं। भारत की तरह चीन में भी पेयजल की कमी है। शहरी इलाकों में पानी के रेट विभिन्न शहरों की जल-सप्लाई की वास्तविकता के अनुसार तय होते हैं। पेइचिंग में एक टन पानी का दाम करीब 3 चीनी य्वान है,पर कुछ अन्य शहरों में यह इस से आधे दामों पर भी उपलब्ध हो जाता है। पहले पानी का बिल पानी-सप्लाई विभाग के कर्मचारी उपभोक्ता के घर जाकर देते थे और उस के आधार पर पैसे लेते थे। पर इस समय पानी-सप्लाई विभाग के कर्मचारी डाक के जरिए पानी का बिल उपभोक्ता के घर भेजते हैं औऱ उपभोक्ता उसे लेकर खुद किसी बैंक में पैसे का भुगतान करते हैं।भुगतान की प्रक्रिया बहुत सरल है।
चीन में बिजली के दाम भी शहर-दर-शहर बदल जाते हैं। पेइचिंग में 0.6 चीनी य्वान प्रति यूनिट बिजली प्राप्त होती है। कुछ अन्य शहरों में प्रतियूनिट बिजली 0.5 चीनी य्वान में मिलती है। पर उन शहरों में,जहां बिजली का बड़ी मात्रा में बेतहाशा इस्तेमाल होता है प्रतियूनिट बिजली का किराया 0.8 चीनी य्वान तक जा पहुंचता है।
पेइचिंग में गैस के एक नए सिलैंडर की कीमत 150 चीनी य्वान है और एक खाली सिलैंडर में गैस भरवाने की कीमत 45 चीनी य्वान है। चीन के अनेक बड़े व मझौले शहरों में पाइप-गैस का प्रयोग होता है,जो लोगों के लिए अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक है।

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